राइट विंग लेखिका रेनी लिन ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि एक हिन्दू लड़की के साथ इस्लाम धर्म के शख्स से शादी के नाम पर धोखा हुआ. रेनी लिन को पहले भी कई मौकों पर ग़लत जानकारी फैलाते हुए देखा गया है. उन्होंने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “एक वृद्ध पिता ने अपनी बेटी को उस युवक से शादी करने से रोकने के लिए उसके पैरों में अपनी पगड़ी रख दी लेकिन वो नहीं मानी. देखते रहिये, वो अपने फैसले पर पछताएगी क्यूंकि शादी के तुरंत बाद इसे मार दिया जायेगा. इस बात की गारंटी है कि अगर वो भाग्यशाली हुई तो भागने में कामयाब हो सकेगी.”

कई लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर ये वीडियो पोस्ट करते हुए इसे ‘लव-जिहाद’ का मामला बताया है. वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि ऐसी बेटी होने से बेहतर है बिना औलाद का होना. ऐसा कहने वालों में राजेश जिंदल, जीतेन्द्र प्रताप सिंह, दीपक कंडवाल और ईश्वर वशिष्ठ कुछ प्रमुख नाम हैं. करुणेश शुक्ला नाम के एक यूज़र ने लिखा, “इस बेवकूफ लड़की को पता नहीं है, &*%$ के यहां माफ़ी मांगने नहीं , इतने-इतने बूढ़े लोगों से हलाला करवाया जायेगा इसका.”

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लव-जिहाद का मामला बताकर ये वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

अपनी पड़ताल के दौरान हमने पाया कि ‘रॉयल रायका’ नामक एक फ़ेसबुक पेज ने 3 अक्टूबर को एक लाइव वीडियो और 4 अक्टूबर के एक पोस्ट में इस वीडियो की जानकारी दी थी और ‘लव-जिहाद’ के मामले को ग़लत बताया था. उन्होंने दावा किया कि एक विशेष समाज को बदनाम करने के लिए अफ़वाह फैलाई जा रही है. हमने इस पेज से संपर्क किया. पेज के एडमिन ने हमें बताया कि शादी करने वाले दोनों पक्ष हमारी कम्युनिटी (रैबारी) के हैं और सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा सरासर ग़लत है. यहां हम आपको बता दें कि रैबारी राजस्थान की एक कम्युनिटी है.

इस जानकारी को क्लू की तरह इस्तेमाल करते हुए हमने राजस्थान के पाली ज़िला के ASP ब्रजेश सोनी से बात की. उन्होंने हमें बताया, “ये सब फ़ेक न्यूज़ है. सीता नाम की महिला के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई गयी थी. बाद में पुलिस ने खोजबीन की तो महिला से संपर्क हो पाया. पता चला कि वो अपने प्रेमी लखाराम नाम के युवक के साथ गयी थी. दोनों एक ही कम्युनिटी के हैं. बाद में दोनों ने शादी कर ली.”

ASP ने हमें सीता का लिखित बयान भी भेजा. बयान के मुताबिक, वो जब दो साल की थी तो उसके मां-बाप ने उसकी शादी गुलाब देवासी से करवा दी थी. लेकिन उसे गुलाब पसंद नहीं था. करीब 1 साल पहले उसकी दोस्ती लखाराम से हुई. दोनों की फ़ोन पे बातचीत होती थी. 2 महीने पहले दोनों ने शादी करने का फैसला किया. 28 अगस्त को वो लखाराम के साथ अपने घरवालों को बिना बताये चली गयी. उसके बाद उन्होंने एक वकील से मिलकर कोर्ट में शादी कर ली. उसने अपने बयान में लिखा है कि वो बालिग है और लखाराम के साथ ही रहना चाहती है.

इस मामले पर और अधिक जानकारी के लिए हमारी बात राजस्थान साइबर सेल में भी हुई. वहां से भी हम इस बात की पुष्टि करने में सफ़ल हो पाए कि इस मामले में ‘लव-जिहाद’ का ऐंगल है ही नहीं. सीता और लखाराम पुणे में हैं और खुश हैं. परिवार वालों के सामने दोनों की शादी हुई थी. किसी ने शादी के दौरान ये वीडियो बनाया और वही वीडियो ग़लत दावे से शेयर किया जाने लगा.

हमने सीता और लखाराम से भी संपर्क करने की कोशिश की. सीता से तो नहीं लेकिन लखाराम से हमारी बातचीत हुई. उसने हमें बताया, “हम एक ही जाति के हैं और समाज में भी सब फ़ाइनल हो गया था. हमारी शादी को एक महीना हो गया है. ये वीडियो अभी गलत दावे से वायरल हुआ है. हम कोर्ट में शादी कर रहे थे तो सीता के पिता ऐसे ही उसको मना रहे थे कि मत करो. इसी का किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. लोग ये भी कह रहे हैं कि लड़की के पिता ने आत्महत्या कर ली. ये भी ग़लत है. सबकुछ ठीक है. समाज वाले भी मान गए थे. ऐसा कुछ नहीं है.” लखाराम ने हमें व्हाट्सऐप पर शेयर किये जा रहे उस मेसेज का स्क्रीनशॉट भी दिखाया जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि सीता के पिता ने आत्महत्या कर ली थी.

हमने देखा कि सोशल मीडिया यूज़र्स ये दावा भी कर रहे हैं कि एक हिन्दू लड़की मुस्लिम लड़के से शादी करके अपने पिता की पगड़ी उछाल कर ‘इज़्ज़्त’ ख़राब कर रही है, जिसके चलते पिता ने आत्महत्या कर ली. ऐसे ही एक पोस्ट को लगभग 5 हज़ार बार शेयर किया जा चुका है. जबकि ये दावा पूरी तरह से ग़लत है.

कुल मिलकर, इस वीडियो को ‘लव-जिहाद’ का झूठा ऐंगल देकर शेयर किया जा रहा है. हमारी पड़ताल में पता चला कि ये दोनों राजस्थान के रैबारी (हिन्दू) समुदाय से हैं और इसमें कोई सांप्रदायिक या अंतर्जातीय ऐंगल नहीं है. कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश में घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिला की तस्वीरें केरला में ‘लव-जिहाद’ के गलत दावे से शेयर की गयी थीं.

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