प्रो-भाजपा वेबसाइट ऑप इंडिया ने 6 अक्टूबर, 2020 को अपने एक आर्टिकल में दावा किया, “स्क्रॉल ने दोनों देशों के बीच तनाव के लिए भारत को दोषी ठहराने वाले पाकिस्तानी लेखक को लिखने की जगह दी.”

इस आर्टिकल में जिस लेखक का ज़िक्र है वो जावेद नकवी हैं. ऑप इंडिया का उन्हें पाकिस्तानी नागरिक कहने का आधार है उनका पाकिस्तानी अख़बार डॉन (Dawn) के साथ कनेक्शन. जावेद नकवी नई दिल्ली से इस अख़बार के संवाददाता हैं.

उन्होंने डॉन में पूर्व भारतीय विदेश मंत्री जसवंत सिंह पर आर्टिकल लिखा था जिसे स्क्रॉल ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर भी पब्लिश किया. इस आर्टिकल की हेडिंग थी – “अगर जसवंत सिंह को भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने दिया जाता?” ये भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के बीच जुलाई, 2001 में हुए आगरा सम्मलेन से जुड़ा है. जसवंत सिंह की 27 सितम्बर को मौत हुई थी और उसी के बाद ये आर्टिकल लिखा गया था. इसमें जावेद नकवी ने ये तर्क दिया है कि अगर पूर्व विदेश मंत्री का दक्षिणी एशियाई देशों पर लाया गया ड्राफ़्ट पूर्व गृह मंत्री लाल कृष्ण अडवाणी ख़ारिज नहीं करते, तो वो समझौता भारत और पाकिस्तान के लिए बहुत ही सफ़ल साबित होता. इससे, मोटी रकम देकर एक-दूसरे से लड़ने के लिए हथियार खरीदने की बजाय दोनों देशों की गरीब जनता की भलाई में पैसे निवेश किये जा सकते थे.

ऑप इंडिया ने लिखा, “लेकिन ऐसा एक आभासी दुनिया (Clown World) में ही होगा कि भारत को शांति समझौता रोकने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाए.” पोर्टल ने आगे लिखा, “लेकिन एक पाकिस्तानी पत्रकार से इतने मामूली से सच की भी उम्मीद नहीं की जा सकती है. सच्चाई को स्वीकारने में असमर्थ, एक पाकिस्तानी पत्रकार से अपनी सैन्य-राजनीतिक प्रसाशन की इज्ज़त बचाने के लिए तिनकों का सहारा लेने के सिवा क्या उम्मीद की जा सकती है.”

फै़क्ट-चेक

ऑप इंडिया का ये दावा कि जावेद नकवी पाकिस्तानी है, ग़लत है. ऑल्ट न्यूज़ के साथ टेलीफ़ोनिक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वे भारतीय हैं. वो डॉन (Dawn) से 22 साल से जुड़े हुए हैं और दिल्ली से हैं. इससे पहले वो रॉयटर्स के साथ काम करते थे.

जावेद नकवी के साथ 2018 में एक इंटरव्यू में मेघा महर्षि ने उनके करियर के बारे में विस्तार से बताया था. उन्होंने कहा था, “जावेद नकवी गल्फ़ न्यूज़ के पूर्व चीफ़ रिपोर्टर, खलीज टाइम्स के न्यूज़ एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार हैं जिन्होंने दिल्ली में कई सालों तक रॉयटर्स के साथ कम किया है… ये कराची डॉन के लिए नयी दिल्ली संवाददाता के तौर पर और ढाका न्यू एज के लिए बतौर फ़्रीलांसर लिखते हैं. ये कई मौकों पर तहलका के लिए भी लिखते हैं और TV चैनल्स पर विशेषज्ञ के तौर पर भी शामिल होते रहते हैं.”

इससे पहले भी जावेद नकवी की नागरिकता पर सवाल उठाये जाते रहे हैं. मोदी सरकार के आलोचक पत्रकार आतीश तासीर को भी अक्सर ऐसी ही ग़लत सूचनाओं का निशाना बनाया जाता रहा है.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.