दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठनों ने 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में ‘धर्म संसद’ या ‘धार्मिक संसद’ नामक एक कार्यक्रम का आयोजन किया. वहां उन्होंने भारत की “रक्षा” करने के लिए मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया. यति नरसिंहानंद ने ये कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय भी मौजूद थे. उन्होंने नरसिंहानंद को भगवा में लपेट कर संविधान की एक कॉपी भेंट कीं.

कई सोशल मीडिया यूज़र्स इसके मद्देनज़र एक वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमें BJP विधायक टी राजा सिंह को पुलिसकर्मी ग़िरफ्तार कर रहे हैं. वीडियो में टी राजा सिंह ग़िरफ्तारी का विरोध करते हुए कह रहे हैं, “वन साइड काम करते हो तुमलोग, हुह?! अरे, हिंदुओं के उपर तुमलोग लाठी कैसे मारते हो? वो लोग (मुसलमान) पिछले तीन दिनों से सार्वजनिक रूप से नमाज़ पढ़ रहे हैं… तो तुमलोग क्या उखाड़ रहे हो?”

ट्विटर यूज़र्स @ChhonkarShivdan, @UmaShankar2054, @RajaTripathikp, @Archana56858294, @doharerajkumar ने ये वीडियो पोस्ट किया. ट्विटर यूज़र छोंकर शिवदान के वीडियो को 3,500 से ज़्यादा बार देखा गया. उनके ट्वीट में लिखा, “अभी भी नही समझे तो कभी नही समझ पाओगे. भारत को हिंदु राष्ट्र घोषित करना हमारी अब जिम्मेदारी बन गई है. इस वीडियो को पूरा देखें और सब लोगों तक पहुचायें. *आइये हम सब मिलकर राजा सिंह जी को सपोर्ट करें.”

कई यूज़र्स ने दावा किया कि ये घटना हाल ही में हैदराबाद में हुई है. नीचे, ट्वीट में दावा किया गया है कि टी राजा सिंह को सड़क पर नमाज़ अदा करने के लिए मुसलमानों के खिलाफ़ तीन दिनों तक प्रोटेस्ट करने और ट्रैफ़िक ब्लॉक करने की वज़ह से ग़िरफ्तार किया गया.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च किया. मालूम चला कि ये घटना 2019 की है. यूट्यूब चैनल GoHash.in ने रिपोर्ट किया था कि हैदराबाद के अंबरपेट इलाके में ज़मीन विवाद को लेकर एक सांप्रदायिक झड़प हुई थी.

डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, ग़िरफ्तारी के बाद टी राजा सिंह को छोड़ दिया गया था. उनका दावा था कि जीएचएमसी द्वारा अधिग्रहण के बाद भी वक्फ़ बोर्ड इस ज़मीन पर दावा कर रहा था.

NDTV के मुताबिक, एक पूजा स्थल को तोड़कर उस ज़मीन पर एक झोपड़ी लगायी गई थी. इसी को लेकर हुई झड़प के बाद कुछ लोगों को ग़िरफ्तार किया गया था. इन लोगों में टी राजा सिंह भी शामिल थे.

कुल मिलाकर, 2019 की एक घटना को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.