देशभर में हज़ारों मज़दूर और उनके परिवार पैदल ही अपने पुरखों के गांव लौट रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई नौकरी नहीं है और पैसे खत्म हो चुके हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर लगे प्रतिबंधों की वजह से वो पैदल चलने के लिए मज़बूर हैं. 11 मई को फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारतीय रेलवे ने फंसे प्रवासी मज़दूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की हैं.

तभी से, ट्रेन में नवजात बच्चे के साथ सफ़र करती एक मां का वीडियो का वीडियो व्हॉट्सऐप पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में मां ट्रेन के दो डिब्बों को जोड़ने वाले लीवर पर बैठकर सफ़र करती दिख रही है. उसका बच्चा उसकी गोद में है.

ऑल्ट न्यूज़ के व्हॉट्सऐप नंबर (+917600011160) और ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर कई लोगों ने इस वीडियो की पुष्टि के लिए रिक्वेस्ट्स भेजीं है.

वायरल वीडियो को एक फ़ेसबुक यूजर ने भी पोस्ट किया और सवाल पूछा, “ये क्या हो रहा है इस देश में?” इस पोस्ट को 600 से अधिक बार शेयर किया जा चुका है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने कीवर्ड सर्च की मदद से पता लगाया कि वायरल वीडियो एक यूट्यूब यूजर ने 2016 में अपलोड किया था.

वीडियो के टाइटल और डिस्क्रिप्शन के अनुसार, ये वीडियो बांग्लादेश का है.

इस क्लू के आधार पर हमने न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स पर बांग्लादेश रेलवे की तस्वीर तलाशी और वायरल वीडियो के एक स्क्रीशनॉट से उसकी तुलना की. हमें पता चला कि दोनों ही डिब्बों में दो हल्के सफ़ेद रंग की समानांतर रेखाएं खींची हुई हैं – नीचे की तस्वीर में उसे लाल डिब्बे से दर्शाया गया है.

हमारे फ़ैक्ट चेक से पहले, बूमलाइव ने अपनी रिपोर्ट में पब्लिश किया कि वायरल वीडियो बांग्लादेशी अख़बार प्रोथोम आलो के यूट्यूब चैनल पर 13 सितंबर, 2016 को अपलोड किया गया था. इस वीडियो का कैप्शन बांग्ला में है, जिसका हिंदी अनुवाद है, “ईद का अर्थ है- किसी भी तरह घर वापस लौटना.”

पहले भी इस वीडियो को अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जाता रहा है

2017 में, एक यूट्यूब यूजर ने इस वीडियो को मदर्स डे के दिन अपलोड करते हुए दावा किया था कि ये महिला बिना टिकट के यात्रा कर रही है.

2018 में, ब्रिटेन के एक अख़बार डेली मेल (आर्काइव लिंक) ने वायरल वीडियो पर एक आर्टिकल पब्लिश कर दावा किया था कि ये वीडियो भारत का है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.