कोरोना वायरस महामारी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का फ़ायदा समझाते एक नुक्कड़ नाटक का दो-मिनट लंबा वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है. इस नाटक में, कुछ पुलिस अधिकारी एक मुस्लिम व्यक्ति को मस्जिद की बजाय घर पर रहकर नमाज़ पढ़ने का आग्रह करते हैं. लेकिन वो व्यक्ति पुलिस की बात न मानकर सड़क पर ही नमाज़ पढ़ना शुरू कर देता है. यहीं पर, कोरोना वायरस की भूमिका निभा रहे तीन लोग सीन में आते हैं और नमाज़ पढ़ते व्यक्ति को संक्रमित कर देते हैं. इसके तुरंत बाद, मेडिकल स्टाफ़ मुस्लिम व्यक्ति को ले जाकर क्वारंटीन कर देते हैं. नाटक के अंत में एक पुलिस अधिकारी लोगों से घर पर रहकर पूजा करने या नमाज़ पढ़ने के लिए कहता है.

इस वायरल वीडियो के साथ एक मेसेज शेयर हो रहा है. इस मेसेज के अनुसार, भोपाल पुलिस ने ये दावा किया है कि कोविड-19 फैलाने के लिए मुसलमान ज़िम्मेदार हैं. वायरल मेसेज में लिखा है, “ये वीडियो भोपाल का है जुसमे police द्वारा एक नाटक बनाया गया कोरोना फेला ने के लिए मुस्लिमो को नाटक में ज़िम्मेदार बताया गया इसको इतना फैलाओ के सब के सब सस्पेंड हो सके इन पुलिस वाले ने अगर किसी ओर धर्म को इसतरह से दिखया होता तो??”

इस वीडियो के फ़ैक्ट-चेक के लिए ऑल्ट न्यूज़ के व्हॉट्सऐप नंबर (+917600011160) और ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर कई रिक्वेस्ट्स मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

ये नुक्कड़ नाटक धनबाद के एक एनजीओ शिक्षा समाधान के द्वारा आयोजित किया गया था. ये एनजीओ दामोदर प्रसाद साव चलाते हैं. ट्विटर पर क्लू की तलाश के दौरान, ऑल्ट न्यूज़ को साव के कई ट्वीट मिले. इन ट्वीट्स में उन्होंने प्ले के कई वीडियो पोस्ट किए हैं. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है, “शिक्षा समाधान ट्रस्ट की तरफ़ से, मैं नुक्कड़ नाटक के वो सारे वीडियो पोस्ट कर रहा हूं, जो हमने कतरास थाना के सहयोग से 4 मई, 2020 को परफ़ॉर्म किया था. नफ़रत फैलाने वालों से सावधान रहें. हमलोग कोविड-19 के बारे में जागरुकता फैलाने का काम कर रहे हैं.”

8 मई को, साव ने वायरल वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “इसको अन्यथा न लें. ये सामाजिक जागरुकता के लिए किया गया एक नाटक का मंचन मात्र था.

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, साव ने बताया, “ये नाटक चार मई को, शाम में तकरीबन चार बजे, कतरास थाने के पास खेला गया था. लॉकडाउन की शुरुआत से, हमलोग धनबाद में ऐसे दस नुक्कड़ नाटक कर चुके हैं. इस नाटक का थीम था, गो कोरोना. इसे चार भागों में बांटा गया है – मंदिर जाते लोग, मस्जिद जाते लोग, ताश खेलते लोग और क्रिकेट खेलते लोग.” साव के अनुसार, उनके एनजीओ ने ऐसे 8 से 10 नुक्कड़ नाटक आयोजित किए हैं. साव ने आगे कहा, “बाकी पात्र तो एक्टिंग कर रहे हैं, लेकिन वायरल वीडियो में दिख रहे पुलिस वाले असली हैं, हमें लगा कि पुलिस अफ़सरों को प्ले में शामिल करने पर न सिर्फ़ उनका मनोबल उठेगा और प्ले में भी थोड़ी असलियत दिखेगी.”

11 मई को, साव ने एनजीओ के फ़ेसबुक पेज पर एक वीडियो स्टेटमेंट जारी कर कहा कि उनके वीडियो के साथ भ्रामक कहानी शेयर की जा रही है.

ऑल्ट न्यूज़ ने कतरास के पुलिस इंस्पेक्टर संजीव कांत मिश्रा से भी बात की. उन्होंने कहा, “एनजीओ ने नुक्कड़ नाटक के लिए पुलिस के सहयोग की ख़्वाहिश जाहिर की थी. वो इसके जरिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का फ़ायदा बताना चाह रहे थे.” मिश्रा ने बताया कि भ्रामक वीडियो को लेकर अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.
इसलिए, नुक्कड़ नाटक के दो-मिनट लंबे क्लिप को इस झूठे और भ्रामक नैरेटिव के साथ शेयर किया जा रहा है कि भोपाल पुलिस ने मुसलमानों को कोरोना वायरस के लिए ज़िम्मेदार ठहराने के लिए एक नाटक रचा था. ये नाटक धनबाद में एक एनजीओ ने आयोजित किया था और इसमें मंदिर जाने वालों को भी दिखाया गया था.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.