फे़सबुक पर एक 2 मिनट का वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें केमोफ़्लाज यूनिफ़ॉर्म में कुछ लोग हिन्दू देवी दुर्गा की मूर्ति के आस-पास खड़े हुए लोगों पर हमला कर रहे हैं. 27 अक्टूबर को, दुर्गा पूजा समाप्त होने के अगले दिन ये वीडियो शेयर करते हुए बंगाली भाषा में कैप्शन लिखा गया, “पुलिस ने प्रदेश में उन लोगों पर ऐसा हमला करवाया जो हिन्दू धर्म का पालन करते हैं. (এই রাজ্যে হিন্দু ধর্মাবলি মানুষদের ওপর এহেন পুলিশি আক্রমণ!…).” इस मेसेज से ऐसा लग रहा है जैसे इस वीडियो को बंगाल का बताया जा रहा है.
एक यूज़र ने इस कैप्शन के साथ वीडियो शेयर किया जिसे 27,000 से ज़्यादा बार देखा गया.
এই রাজ্যে হিন্দু ধর্মাবলি মানুষদের ওপর এহেন পুলিশি আক্রমণ!
ধিক্কার শুধুই ধিক্কার !!
ছি:!Posted by Krishnendu Kar on Tuesday, October 27, 2020
कई अन्य फे़सबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो शेयर किया.
बिहार की घटना
ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर कीवर्ड ‘Durga Puja police lathi charge’ सर्च किया और हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 26 अक्टूबर की एक रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि ये घटना बिहार के मुंगेर ज़िले की है.
इंडिया टुडे के मुताबिक, मुंगेर में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के वक्त हिंसा भड़क उठी. गोलियां चलीं जिसमें एक की मौत हो गयी. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और दावा किया कि ‘असामाजिक तत्वों’ ने गोली चलायी. चुनाव आयोग ने घटना का संज्ञान लिया और एसपी और डीएम को तुरंत पद से हटाने का आदेश दिया.
#Breaking | Election Commission orders immediate removal of SP and DM of Munger, Bihar @Chaiti @rohit_manas#Bihar #BiharElection #LunchBreak #MungerFiring #ITVideo pic.twitter.com/pBzjrDpXtA
— IndiaToday (@IndiaToday) October 29, 2020
NDTV के अनुसार, ये घटना 27 अक्टूबर की रात में हुई, बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान से ठीक एक दिन पहले.
द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया, “स्थानीय नियम के मुताबिक पहले बड़ी दुर्गा की मूर्ति का मुंगेर में विसर्जन किया जाता है. लेकिन पुलिस ने 26 अक्टूबर की रात से पहले तक 25 मूर्तियों को विसर्जित करने का आर्डर दिया था, कुछ आयोजकों ने इसका विरोध करते हुए पुलिस दल पर पथराव किया.” मृतक की पहचान मुंगेर के अनुराग पोद्दार के रूप में हुई है. घटना में करीब 30 लोग घायल हुए.
एक फ़ॉलो-अप रिपोर्ट में NDTV ने पुलिस का बयान कोट किया है कि उन्हें ‘खुद का बचाव करने के लिए’ गोली चलानी पड़ी.
यानी, बिहार के मुंगेर में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई घटना को फे़सबुक पर कई लोगों ने बांग्ला में लिखे कैप्शन के साथ शेयर किया. इसमें कहीं भी नहीं लिखा कि घटना पश्चिम बंगाल की नहीं, बिहार की है.
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