27 जून 2023 को एक वेरीफ़ाइड ट्विटर यूज़र ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा,राजस्थान के कई मु* लड़के काश्मीर घुमने गए। वहाॅं जोर-शोर से “पाकिस्तान जिन्दाबाद” और भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं बनने देंगे के नारे लगाने लगे – काश्मीर मे नारे लगाने वाले देशद्रोहियों को भारतीय सैनिकों ने सही तरीके से बता दिया।” हालांकि, यूज़र ने वीडियो का समय और जगह कन्फर्म नहीं किया. (आर्काइव लिंक)
यह वीडियो दिखाता है कि कुछ पुलिसकर्मी सड़क किनारे घायल पड़े कुछ लोगों को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद कर रहे हैं और इन घायलों से राष्ट्रगान गाने को कहा जा रहा है. वीडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा इन लोगों को पीटते हुए बार-बार ‘आज़ादी’ शब्द बोलते हुए भी सुना जा सकता है.
*राजस्थान के कई मु* लड़के काश्मीर घुमने गए। वहाॅं जोर-शोर से “पाकिस्तान जिन्दाबाद” और भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं बनने देंगे के नारे लगाने लगे – काश्मीर मे नारे लगाने वाले देशद्रोहियों को भारतीय सैनिकों ने सही तरीके से बता दिया
vdo Place Tym not confirmed @NSO365 pic.twitter.com/PLWwAhglj8— Jajabor (@jajabor_sanjeev) June 27, 2023
2020 में हुआ था वायरल
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हुआ था.
When the protector turns perpetrator, where do we go?!
Shame on @DelhiPolice for disrespecting the value of human life. Is this how the Delhi Police fulfills its Constitutional duty to show respect to our National Anthem?
(Maujpur, 24 Feb)#ShameOnDelhiPolice #DelhiBurning pic.twitter.com/QVaxpfNyp5— Shaheen Bagh Official (@Shaheenbaghoff1) February 25, 2020
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने ऑल्ट न्यूज़ से इस वीडियो की प्रमाणिकता जांचने को कहा. इस आर्टिकल में हम घटना का समय और लोकेशन वेरीफ़ाई करेंगे.
क्या है इस वीडियो का सच?
ऑल्ट न्यूज़ को इस घटना का एक और वीडियो मिला जिसमें एक व्यक्ति की आवाज सुनी जा सकती है जो दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कह रहा है- “ये देखो अधमरे लोगों को मार रहे हैं…”
Torchering of @DelhiPolice from another angle.
Really shame on #DelhiPolice #DelhiBurning #DelhiViolence #ArrestKapilMishra #Arrest_Kapil_Mishra pic.twitter.com/QF39Ft8IDI
— Shaheen Bagh Official (@ShaheenBagh_) February 24, 2020
दरअसल दोनों वीडियो को एक दूसरे से मिलाने पर पता चला कि दोनों में दिख रही घटना एक ही है. नीचे दोनों वीडियो के जो स्क्रीनशॉट साथ-साथ दिए गए हैं, उनसे इस बात को समझा जा सकता है.
1. दो लोग ज़मीन पर पड़े हुए हैं. इनमें से एक का सिर दूसरे के ऊपर रखा हुआ है.
2. दो लोग काली टी-शर्ट में दिख रहे हैं.
ऑल्ट न्यूज़ ने एक पीड़ित से बात की, जिसने एक वीडियो के जरिए अपना बयान भी भेजा. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ ने पीड़ित के अनुरोध पर उसकी पहचान उजागर नहीं की है. पीड़ित शख्स ने कहा है, ”पुलिस ने 5-6 (लोगों) को बुरी तरह पीटा था. (उन्होंने) किसी का हाथ तोड़ दिया, किसी का पैर. मेरे भी हाथ-पैर टूट गए हैं. मेरे सिर पर 8-10 टांके आए हैं. मैं बोल भी नहीं पा रहा हूं. पुलिसवाले कह रहे थे कि क्या तुम आज़ादी चाहते हो?”
पीड़ित के मुताबिक, यह घटना शाहदरा के कदमपुरी इलाके में कृष्ण मार्ग बस स्टॉप के पास शाम को करीब 5:45 बजे हुई थी. आखिर में ऑल्ट न्यूज़ इस नतीजे पर पहुंचा कि वीडियो में दिखाई गई घटना 24 फरवरी 2020 को दिल्ली के जाफ़राबाद इलाके के आसपास हुई हिंसा के वक्त की है.
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