फ़रवरी 2020 के आख़िरी हफ़्ते की शुरुआत में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले “13 नौसैनिकों” के नामों की एक लिस्ट सोशल मीडिया में शेयर की गई है. इस लिस्ट को शेयर करने वालों में वकील प्रशांत भूषण भी शामिल हैं. 18 फ़रवरी को, भूषण ने ‘आज तक मीडिया’ के नाम से एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है जिसमें भारतीय नेवी जासूसी कांड के आरोपियों का नाम दिया गया है. भूषण द्वारा शेयर किए गए नौसैनिकों के नाम इस प्रकार है – “सतीश मिश्र, दीपक त्रिवेदी, पंकज अय्यर, संजीत कुमार, संजय त्रिपाठी, बबलू सिंह, विकास कुमार, राहुल सिंह, संजय रावत, देवशरण गुप्ता, रिंकू त्यागी, ऋषि मिश्र, वेदराम्।” उनके इस ट्वीट को करीब 8,400 बार रीट्वीट किया जा चुका है.

‘आज तक मीडिया’ के आर्टिकल के मुताबिक, जासूसी में शामिल 13 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है जिसमें 11 नौसेना के कर्मी भी शामिल हैं. इसमें आगे दावा किया गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के हनी ट्रैप में फंसने वाले नेवी सैनिकों के नाम मीडिया संगठन ‘इंडिया टुडे’ ने सार्वजनिक किए थे. ये ध्यान देने लायक बात है कि भूषण के ट्वीट में शामिल किए गए नाम, उनके द्वारा शेयर किए गए आर्टिकल में मौजूद नहीं है.

INC के नेशनल कैम्पैन के इंचार्ज श्रीवास्तव ने लिस्ट ट्वीट करते हुए लिखा, “NO TV DEBATES NO FRONT PAGE HEADLINE Why? Bcos they are not Muslims? (अनुवाद – कोई टीवी डिबेट नहीं. कोई पहले पेज की हेडलाइन नहीं. क्यों? क्योंकि ये लोग मुस्लिम नहीं हैं?” इस ट्वीट को करीब 13,000 बार रीट्वीट किया जा चुका है.

यूनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के पाकिस्तानी सदस्य लॉर्ड नज़ीर अहमद ने भी ये लिस्ट ट्वीट की और मीडिया कवरेज के ‘अभाव’ पर सवाल उठाया था.

वकील, कॉलमिस्ट दुष्यंत ने भी ‘द प्रिन्ट’ की एक रिपोर्ट के साथ नामों की उसी लिस्ट को शेयर किया है. हालांकि, आर्टिकल में एक भी आरोपी के नाम को शेयर नहीं किया गया था. ये लेख लिखते समय तक उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर लिया और कहा कि वो ट्वीट प्रशांत भूषण के ट्वीट पर आधारित था. लेख को ट्वीट करते हुए अकेडमिक अशोक स्वैन ने लिखा है -“NOT one of them is a Muslim – Most of them are Upper Caste Hindus! (अनुवाद – उनमें से एक भी मुस्लिम नहीं है. ज़्यादातर उनमें से अगड़ी जाति के हिन्दू हैं!”

इस लिस्ट को शेयर करने वालों में टीवी न्यूज़ पैनलिस्ट राहुल ईश्वर और समाजवादी पार्टी की पूर्व कार्यकारी सदस्य प्रीति चौबे शामिल हैं.

सोशल मीडिया में काल्पनिक नामों की लिस्ट वायरल

सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसीज़ और नेवल इंटेलिजेंस के सहयोग से आंध्र प्रदेश इंटेलिजेंस एजेंसी ने ‘डॉल्फिन नोज़’ नामक एक खुफ़िया ऑपरेशन किया था. उन्हें संदेह था कि कुछ नौसैनिक पाकिस्तान को खुफ़िया जानकारी दे रहे हैं.

ऑपरेशन के तहत, एक हवाला ऑपरेटर और विशाखापट्टनम, करवार और मुंबई में स्थित सात नौसेना कर्मियों को 20 दिसंबर, 2019 को कथित तौर पर गिरफ़्तार किया गया था. इन सात लोगों पर निगरानी रखने के बाद इन्हें गिरफ़्तार किया गया था. ये लोग ISI के हनी ट्रैप में फंस चुके थे.

4 जनवरी, 2020 को ‘इंडिया टुडे’ ने एक खबर प्रकाशित कर बताया कि विशाखापट्टनम पूर्वी नौसेना कमान में काम करने वाले राजेश, लोकंडा और निरंजन नाम के तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. रिपोर्ट में बाकी के आठ आरोपियों की भी पहचान दी गई है – सनी कुमार, एसके दास, एस कुमार शर्मा, अशोक कुमार, अशोक कुमार, वी कुमार, सोमनाथ और अशोक कुमार सिंह. कुल, 11 नेवी और दो आम नागरिकों की इस मामले में गिरफ़्तारी हुई है. ये नाम पहले भी 29 दिसम्बर, 2019 की ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए हैं. ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इन नामों की पुष्टि नहीं कर पाया है.

‘TOI’ की रिपोर्ट के मुताबिक, NIA ने 13 लोगों को पांच दिनों के लिए कोर्ट की अनुमति से हिरासत में लिया था. इसमें दो और आरोपियों की भी पहचान की गई है. एक, मुंबई से हवाला ऑपरेटर सैय्यद उर्फ ​​मासूम अली और दूसरी, 47 वर्षीय शेख शाहिस्ता, जो कि कथित तौर पर हवाला के ज़रिए आरोपियों को पैसे देने का मुख्य ज़रिया थी.

ऐसा ही एक संदिग्ध दावा

‘फ़ैक्ट-हंट’ के निर्देशक शशांक सिंह ने भी इसी संदिग्ध लिस्ट शेयर कर गलत सूचना को प्रसारित किया है. सिंह की लिस्ट में शामिल किए गए सभी नाम मुस्लिम समुदाय से है.

निष्कर्ष के तौर पर, मीडिया रिपोर्ट्स में शेयर किए गए किसी भी आरोपी का नाम सोशल मीडिया में शेयर की गई लिस्ट से मेल नहीं खाता है. आगे, ये दावा कि लिस्ट में शेयर किए गए सभी नाम हिन्दू समुदाय से हैं, गलत साबित होता है. जैसा कि ऊपर बताया गया है, 13 गिरफ्तारियों में से – 11 नेवी के लोग हैं और 2 आम नागरिक हैं. नेवी से गिरफ़्तार किए गए सभी लोग हिन्दू समुदाय से हैं और बाकी के दो लोग मुस्लिम समुदाय से हैं.

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Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.