रेलवे ट्रैक पर रखे पत्थरों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीर में मामोली, उत्तर प्रदेश का GPS मैप कैमरा लोकेशन दिया गया है. सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ट्रेन एक्सीडेंट्स करने और रेल सेवाओं में रूकावट डालने के लिए ये पत्थर रखे हैं.

X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) अकाउंट ‘स्क्विंट नियॉन’ (@TheSquind) ने इस तस्वीर इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया: “ये वाकई आतंकवाद है. ये एक लंबा खेल है. हमारे ही देश में परजीवियों को फैलाना और फिर हमें अंदर से निगल जाना.” हम अपने रिडर्स को ये बताना चाहेंगे कि स्क्विंट नियॉन नियमित तौर पर ग़लत सूचना और सांप्रदायिक प्रॉपगेंडा शेयर करता रहता है. ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को लगभग 1.59 लाख बार देखा गया साथ ही इसे 4,300 रिट्वीट मिले.

एक और X यूज़र काजल कुशवाह (@Kajal_Kushwaha9) ने भी ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “बताओ, इतनी मेहनत करने के बाद भी ट्रेन न पलटे तो – थू है लिल्लाह पर.”

इसी तरह, X यूज़र अमिताभ चौधरी (@MithilaWaala) ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए इसे ‘रेल-जिहाद’ का बताया. कैप्शन में लिखा है, “ये  #रेलजिहाद आतंकवाद के अलावा और कुछ नहीं है और ऐसे आतंकवादियों को ज़ल्द ही कसाब, अफ़जल, बुरहान और याकूब जैसा हश्र और कब्र मिलना चाहिए..”

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी ऐसे ही दावे किये हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

गूगल GPS टाइम-स्टैम्प के मुताबिक, ये तस्वीर 28 अक्टूबर, 2024 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज ज़िले की मेजा तहसील के ममोली गांव के पास ली गई थी.

हमें RPF प्रयागराज डिवीज़न के ऑफ़िशियल X अकाउंट (@rpfncrpryj) से राजेंद्र कुकरेजा (@rajenderkukreja) के एक ट्वीट पर किया गया रिप्लाई मिला. इसमें कहा गया, ”ग्रामीणों ने मवेशियों के कटने के बाद NTPC से मुआवजे का दावा करने के लिए रेलवे ट्रैक पर पत्थर रख दिए थे. मामले को गंभीरता से लेते हुए NTPC सुपरवाइजर ने कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित मेजा थाने में लिखित शिकायत दी है. मामला NTPC से संबंधित है, और क्षेत्र की सुरक्षा और रखरखाव का प्रबंधन NTPC द्वारा किया जाता है.”

फ़ैक्ट-चेकिंग वेबसाइट बूमलाइव ने स्थानीय लोगों से इस मामले में बात की. उन्होंने कहा कि ये घटना NTPC पॉवर प्लांट को मेजा के मामोली गांव से जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक पर हुई थी. ये यात्री रेल मार्ग नहीं, बल्कि एक ट्रैक है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से पॉवर प्लांट की सेवा के लिए किया जाता है. ग्रामीण आमतौर पर अपने मवेशियों को रेलवे ट्रैक के पार पहाड़ियों की ओर चराने के लिए ले जाते हैं. दो गायें दुर्घटनावश ट्रेन की चपेट में आ गईं जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने ट्रेन की पटरियों पर पत्थर रख दिए. हालांकि बाद में उनको खुद ही पत्थर हटाने के लिए मना लिया.

मेजा के सहायक पुलिस आयुक्त रवि कुमार गुप्ता ने बूमलाइव को बताया कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था. उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्रवाई में शामिल सभी लोग हिंदू थे.

कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश के मामोली गांव में रेलवे पटरियों पर रखे पत्थरों की तस्वीर झूठे सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर की जा रही है.

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