वायरल वीडियो में सुधा मूर्ति कहती हैं: “ये प्लेटफ़ॉर्म लोगों को सिर्फ 21 हज़ार रुपये के निवेश के साथ प्रति माह 15 लाख रुपये कमाने में सक्षम बनाता है. ये पूरी तरह से कानूनी है और तत्काल इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है. मैं आपको परिणामों की गारंटी देती हूं. आपको बस आज 21 हज़ार रुपये का निवेश करना है और सिर्फ 30 दिनों में पैसा कमाना शुरू करना है. परियोजना पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त है. इसके अलावा, हमने और विश्लेषण किया और पाया कि कार्यक्रम के वर्तमान प्रतिभागी प्रति घंटे लगभग 4 हज़ार रुपये कमा रहे हैं. ये सिर्फ बातें नहीं हैं, ये 100 फीसदी आर्थिक गारंटी है. आर्टिकल का लिंक इस वीडियो के नीचे है. इसे क्लिक करें और अभी रजिस्टर करें.”

फ़ेसबुक पर ब्राउज़ करते वक्त, ऑल्ट न्यूज़ को राज्यसभा सदस्य और इंफ़ोसिस फ़ाउंडेशन की संस्थापक-अध्यक्ष सुधा मूर्ति का एक वीडियो मिला जिसमें वो क्वांटम AI नामक AI-संचालित निवेश ऐप को बढ़ावा देते दिखती हैं. वीडियो में वो कहती हैं, “वित्तीय अस्थिरता हमें अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए नए तरीके ढूंढने के लिए मजबूर करती है. ऐसी स्थितियों में क्वांटम AI कई लोगों के लिए एक सच्ची जीवन रेखा बन गई है जो वित्तीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त करती है. इस परियोजना से भारी मात्रा में पैसा कमाए जाने के बारे में जानकर लोगों में आक्रोश है जिसकी वजह से वर्तमान सरकार की आलोचना हो रही है. क्या ये प्लेटफ़ार्म जनता से छिपाया जा सकता था? ये एक इनोवेटिव प्लेटफ़ार्म है जिसे जितना हो सके ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय परिवारों की मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. मुख्य लक्ष्य सभी भारतीय नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना है. हालांकि, इसके बारे में जानकारी सरकार द्वारा छिपाई गई है…” वीडियो में एक टिकर भी दिखाया गया है जिसमें दर्शकों से फ़रवरी में 21 हज़ार रुपये का निवेश करने और 28 दिनों में 17 लाख रुपये कमाने के लिए कहा गया है. इस वीडियो को 5 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिले थे.

जैसा कि वीडियो में सुधा मूर्ति द्वारा बताया गया है विज्ञापन पर ‘लर्न मोर’ टैब पर क्लिक करने से टाइम्स ऑफ़ इंडिया का एक आर्टिकल खुलता है. इसका टाइटल है: “एक प्लेटफार्म जो फ़रवरी में ₹21 हज़ार का निवेश करने वाले भारतीय नागरिकों को 21 लाख की आय प्रदान करता है. प्रोज़ेक्ट के लिए रजिस्ट्रेशन 26 फ़रवरी को बंद हो जाएगा. रिपोर्ट में अजीम प्रेमजी (विप्रो के पूर्व अध्यक्ष), सुधा मूर्ति, दिवंगत रतन टाटा और सचिन तेंदुलकर की तस्वीरें और एक ग्राफ़िक दिखाया गया है जिसमें एक लोगो भी दिखाया गया है. इस पर लिखा है कि ‘क्वांटम AI’ इंफ़ोसिस, विप्रो, टाटा और SBI के लोगो के साथ लाइनों से कनेक्टेड है. क्वांटम AI को “गरीबी की समस्या को हल करने के लिए एक सरल प्लेटफ़ार्म” के रूप में बताया गया है जिसकी पद्धति बैंक ऑफ़ इंडिया और सरकार द्वारा अनुमोदित ऑनलाइन ट्रेडिंग पर आधारित है. आर्टिकल को आगे स्क्रॉल करने पर एक ग्राफ़िक पर नज़र जाती है जिसमें नारायण मूर्ति (इन्फ़ोसिस के सह-संस्थापक और सुधा मूर्ति के पति) दिखते हैं. और उनके बयानों को कोट किया गया है जिसमें कहा गया है: “मैं व्यक्तिगत रूप से गारंटीकृत आय सुरक्षा की पुष्टि करता हूं”, इसके बाद उनका एक वीडियो दिखाई देता है जिसमें वो इंडिया टुडे के इंटरव्यू में उसी निवेश प्लेटफ़ार्म की तारीफ़ कर रहे हैं.

इस वीडियो में वो कहते हैं, “…इस प्लेटफॉर्म ने सभी सरकारी और अंतरराष्ट्रीय जांच पास कर ली है और इसे आधिकारिक मंजूरी मिल गई है. सरकार और व्यवसायों ने आपकी ओर पहला कदम उठाया है और न्यूनतम शुरुआती राशि घटाकर 21 हज़ार रुपये कर दी है, लेकिन ये ऑफ़र केवल हफ्ते के आखिर तक ही वैध है. एक छोटी राशि से शुरुआत करें और खुद देखें कि सिस्टम कितनी कानूनी और कुशलता से काम करता है. बाद में कई लोगों के लिए इसे शुरू करना असल में असंभव हो सकता है और ये सच में दुर्भाग्यपूर्ण है… ये सुरक्षित क्यों है? मैंने खुद इसका परीक्षण किया है. मैंने 21 हज़ार रुपये का निवेश किया और अगले ही दिन मैंने 60 हज़ार रुपये का लाभ कमाया… सिस्टम पूरी तरह से स्वचालित रूप से संचालित होता है और इसे आपके नियंत्रण की जरूरत नहीं होती है. आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस आपकी भागीदारी के बिना स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदारी और बिक्री को संभालता है. आपको बस रजिस्टर करना है, अपने अकाउंट को सक्रिय करने के लिए पहला कदम उठाना है और अगर आप निश्चित नहीं हैं तो जोखिम से बचने के लिए न्यूनतम राशि से शुरुआत करना है…” आर्टिकल एक कॉल टू एक्शन सेक्शन के साथ खत्म होता है जिसके माध्यम से रिडर्स सीधे योजना के लिए रजिस्ट्रेशन और साइन अप कर सकते हैं.

विज्ञापन के पीछे की कहानी क्या है? क्या नारायण और सुधा मूर्ति, सच में एक वित्त योजना को बढ़ावा दे रहे हैं?

बिना किसी शक के देखने वाले दर्शक को वीडियो में बिल्कुल भी गड़बड़ नहीं लगेगी. ये किसी निवेश योजना का प्रचार करने वाले नियमित फ़ेसबुक विज्ञापनों की तरह ही हैं. और इन्हें अक्सर सफल लोगों और सुधा मूर्ति या सचिन तेंदुलकर जैसे परिचित चेहरों द्वारा समर्थन दिया जाता है. इसके अलावा, वीडियो में पूरी तरह से लिप-सिंक किया गया है और ऑडियो भी प्रामाणिक लगता है. वेब पेज भी असली लगता है, और कथित टाइम्स ऑफ़ इंडिया रिपोर्ट का टेक्स्ट फ़ॉन्ट और डिज़ाइन, ऑफ़िशियल टाइम्स ऑफ़ इंडिया वेबसाइट की तरह ही है.

मगर…

जब ऑल्ट न्यूज़ ने ये जांचने का निर्णय लिया कि सुधा और नारायण मूर्ति ने ये बयान कहां दिए, तो मालूम चला कि उन्होंने ऐसी बातें कहीं नहीं कही है. सबसे पहले, हमने सुधा मूर्ति के वीडियो के फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ब्लू स्काई नामक चैनल पर एक यूट्यूब वीडियो मिला.

वीडियो 30 जनवरी, 2020 को पोस्ट किया गया था. इस वीडियो में सुधा मूर्ति विज्ञापन की तरह ही सफेद साड़ी और बाकी गहने पहने हुए दिखाई दे रही हैं और यहां तक ​​​​कि जिस कुर्सी पर वो बैठी हैं उसका पैटर्न और रंग भी वही है. 58 मिनट के इंटरव्यू को ध्यान से देखने के बाद, ऑल्ट न्यूज़ को किसी भी निवेश योजना या AI-संचालित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का कोई ज़िक्र नहीं मिला, जैसा कि विज्ञापन में दिखाया गया है. इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण डिटेल ऑडियो है जिससे ये साबित होता है की इसके साथ छेड़छाड़ की गई है- विज्ञापन का एक्सेंट ब्लू स्काई इंटरव्यू में सुधा मूर्ति के असली भाषण से मेल नहीं खाता है.

इसी तरह, नारायण मूर्ति वीडियो के मामले में रिपोर्ट में दिए गए क्लिप को ध्यान में रखते हुए, हमने यूट्यूब पर सर्च किया और पाया कि ये क्लिप इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए वीडियो से लिया गया था. असली वीडियो पिछले साल आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का था जहां चैनल के सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई ने मूर्ति परिवार को आमंत्रित किया था और उनका इंटरव्यू लिया था. इस इंटरव्यू के दौरान कहीं भी नारायण मूर्ति ने क्वांटम AI या किसी निवेश योजना के बारे में कुछ भी ज़िक्र नहीं किया.

नकली URL

इसके बाद, हमने वीडियो के साथ दी गई द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट देखी. हालांकि, वेबपेज में पहली नज़र में कोई गड़बड़ नहीं दिख रही थी. लेकिन वेबसाइट के एड्रेस बार पर एक नज़र डालने से असलियत सामने आ जाती है. इस पर timeofindia.indiatimes.com दिखने की बजाय ‘supportatheism.com’ दिख रहा था.

इसके अलावा, एक साफ ग़लती ये थी कि इस वेबपेज पर कोई भी टैब बटन असली टाइम्स ऑफ़ इंडिया साइट की तरह काम नहीं करता था, इसके बजाय, जब क्लिक किया जाता है, तो वे सभी आर्टिकल के अंत में निर्देशित होते हैं जिसमें योजना के लिए रजिस्ट्रेशन लिंक अटैच होता है.

ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी ऐसे ही उदाहरणों का डॉक्यूमेंटेशन किया है जहां मीडिया आउटलेट्स के वेब पेजों की नकल करने के लिए नकली URL का इस्तेमाल किया गया था. इस विस्तृत रिपोर्ट को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ा जा सकता है.

पढ़ें: एक्सक्लूसिव: फ़ेसबुक पर फ़ेमस पर्सनालिटीज के नामों का ग़लत इस्तेमाल कर विज्ञापन चला रहा कई पेजों का नेटवर्क

इसके अलावा, चौंकाने वाली बात ये है कि इस योजना को भारत सरकार और SBI द्वारा एक पहल कहा जा रहा है, लेकिन पूरी रिपोर्ट में सरकार या भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि का एक भी कोट या बयान नहीं है. साथ ही विज्ञापन के आगे दिया गया लिंक कई अन्य इन्फ्लुएंसर्स के नामों को प्रदर्शित करने के लिए फ़र्जी टाइम्स ऑफ़ इंडिया के रिपोर्ट को बदलता रहता है और ऐसा लगता है जैसे वे इस निवेश योजना को बढ़ावा दे रहे हैं.

उदाहरण के लिए, इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक, वेब पेज पर ऊपर दिए गए वीडियो की तुलना में नारायण मूर्ति का एक अलग वीडियो दिखाया गया था. इस बार, छेड़छाड़ किए गए वीडियो में इंडिया टुडे की एंकर चेतना वासुदेवन भी हैं (इसे यहां देखा जा सकता है). ये वीडियो CNBC-TV18 द्वारा आयोजित ग्लोबल लीडरशिप समिट से लिया गया है जहां नारायण मूर्ति अतिथि थीं.

एक और केस में, वेब पेज पर अमेरिकी बिजनेस टाइकून इलोन मस्क का 6 मिनट 20 सेकेंड का वीडियो था (वीडियो लिंक). हमने पाया कि इलोन मस्क का असली वीडियो 29 अक्टूबर, 2024 को फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) के आठवें संस्करण में उनका एक इंटरव्यू है.

हमें विज्ञापन कहां मिला?

हमें ये विज्ञापन ‘SS 20 2‘ नामक फ़ेसबुक पेज पर मिला. पेज ने 17 फ़रवरी को सुधा मूर्ति के वीडियो वाला विज्ञापन चलाना शुरू किया और 18 फ़रवरी को फिर से वही विज्ञापन पोस्ट किया. 18 फ़रवरी के विज्ञापन पोस्ट पर, हमने कई यूज़र्स को ये कमेंट करते हुए पाया कि ये एक असली वीडियो नहीं था या ये एक धोखाधड़ी थी. जिस फ़ेसबुक पेज पर ये विज्ञापन चल रहा है, उसकी वॉल पर कोई अन्य पोस्ट नहीं है, और ‘पेज ट्रांसपेरेंसी’ सेक्शन में ये ज़िक्र किया गया है कि पेज मुख्य रूप से रोमानिया और संयुक्त राज्य अमेरिका से संचालित किया जा रहा है.

इसके अलावा, हमें एक और फ़ेसबुक पेज मिला जो नारायण मूर्ति के एक और इंडिया टुडे इंटरव्यू के वीडियो का इस्तेमाल करके एक समान विज्ञापन चला रहा है. इस विज्ञापन में इंडिया टुडे के पत्रकार राहुल कंवल और राजदीप सरदेसाई भी हैं. असल में मूर्ति का वीडियो इंडिया टुडे के साथ उनके एक अलग इंटरव्यू से लिया गया था.

‘लर्न मोर’ टैब पर क्लिक करने से एक पेज खुलता है, जो फिर से टाइम्स ऑफ़ इंडिया वेब पेज जैसा दिखता है. हालांकि, करीब से देखने पर पता चलेगा कि इस वेब पेज का URL टाइम्स ऑफ़ इंडिया से मेल नहीं खाता है. इस बार, URL में ‘appmatrix.space‘ लिखा था. इसे खोलने पर, पेज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की एक तस्वीर दिखाता है, इसके टाइटल में कहा गया है: “मैं इस परियोजना पर उन भारतीय नागरिकों के लिए ₹1,900,000 की आय की गारंटी देती हूं जो ₹21 हज़ार का निवेश करते हैं. परियोजना के लिए रजिस्ट्रेशन 2 मार्च को बंद हो जाएगा” – ऐसा लगता होता है कि बयान का क्रेडिट वित्त मंत्री को दिया गया है. हां, शीर्षक में ‘मार्च 2 nd’ के बजाय ‘मार्च 2th’ लिखा है. ये एक ऐसी ग़लती है जो कोई ऑफ़िशियल मीडिया आउटलेट कभी नहीं करेगा.

इसमें निवेश योजना की तारीफ़ करने वाले कई फ़र्जी सबूत भी शामिल हैं. इसके अलावा, हालांकि राशि का मूल्य रुपये में लिखा है, ये आंकड़ा 19 लाख रुपये के बजाय 1 मिलियन और 900 हज़ार लिखा गया है.

क्वांटम AI क्या है?

क्वांटम AI ट्रेडिंग ऐप इंडिया एक क्रिप्टो ट्रेडिंग ऐप है. इसके वेबसाइट के मुताबिक़, ‘व्यापारियों को क्रिप्टोकरेंसी की तेजी से विकसित हो रही दुनिया में नेविगेट करने में मदद करने के लिए उन्नत एल्गोरिदम और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करता है.’ हालांकि, वेबसाइट इस प्लेटफ़ॉर्म के पीछे के लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं देती है और ‘डाउनलोड द ऐप स्टोर’ पर क्लिक करने पर, हमें एक अन्य वेबपेज पर निर्देशित किया जाता है जिसमें एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म था और पेज के आखिर में ये अमेज़ॅन के कार्यकारी अध्यक्ष जेफ़ बेजोस और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स की “प्रशंसापत्र” दिखाता है.

वेबसाइट में ये भी बताया गया है कि ये ‘ASIC द्वारा विनियमित’ है. हमने पाया कि ASIC का मतलब ‘ऑस्ट्रेलियन सिक्योरिटी एंड क्रेडिट यूनियन’ है जो ऑस्ट्रेलिया में ‘बैंकों और क्रेडिट यूनियनों को ये सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रित करता है कि वो निष्पक्ष और ज़िम्मेदारी से काम करें.’ हालांकि, भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग सिर्फ फ़ाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) – अनुमोदित प्लेटफॉर्म से ही की जानी ज़रूरी है.

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