ट्रिगर वार्निंग: इस फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल में वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट्स ब्लर कर दिए गए हैं, क्यूंकि कुछ तस्वीरें कई लोगों के लिए विचलित करने वाली हो सकती हैं. आर्टिकल में जानवरों की चोटों का विवरण है. रिडर्स इसे ध्यान में रखते हुए आगे पढ़े. 

गर्दन पर चोट के साथ एक लहूलुहान गाय की तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ काफी ज़्यादा शेयर की जा रही है कि मुस्लिम ‘जिहादियों’ ने गाय को ज़ख्मी किया.

वेरिफ़ाईड X अकाउंट ‘@shibbu87’ (सुजीत स्वामी) ने ये तस्वीर शेयर की और लिखा कि कोटा के बजरंग दल ने आरोप लगाया कि कैथून पुलिस स्टेशन के आसपास चरणचौकी में एक अवैध मज़ार पर बैठे ‘जिहादियों’ ने गौ माता पर धारदार हथियार से हमला किया. (आर्काइव) ‘जिहादी’ मुसलमानों को संदर्भित करने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला एक अपमानजनक तरीका है.

यूज़र ने लिखा कि ‘अवैध’ मज़ारों पर कठोरतम कार्रवाई की कमी की वजह से ‘जिहादियों’ के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और पुलिस से कार्रवाई करने का आग्रह किया. ‘अवैध’ मज़ारों पर यूज़र की टिप्पणी कई राज्यों में धार्मिक स्थलों पर विवादों के बीच आई है जहां कुछ हिंदू समूहों का आरोप है कि मस्जिद और अन्य इस्लामिक स्थल हिंदू पूजा स्थलों पर बने हैं.

हमने कोटा में सक्रिय बजरंग दल के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की. लेकिन हमें इस घटना से संबंधित कोई पोस्ट नहीं मिली.

सुजीत स्वामी की पोस्ट को सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार ने आगे बढ़ाया. ध्यान दें कि ऑल्ट न्यूज़ ने कई अवसरों पर इस राईटविंग समर्थक आउटलेट द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचना और हेट कंटेंट को उजागर किया है.

सागर कुमार ने अपने पोस्ट में ये भी कहा कि गायों को ‘जिहादियों’ से बचाने की ज़रूरत है. ट्वीट को 26 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया और हटाए जाने से पहले इसे लगभग 1,500 बार रिशेयर किया गया. हालांकि, नीचे स्क्रीनशॉट देख सकते हैं.

फ़ैक्ट-चेक

कोटा ग्रामीण पुलिस के ऑफ़िशियल X हैंडल ने सुजीत स्वामी के X पोस्ट पर जवाब दिया. पुलिस ने स्पष्ट किया कि स्थानीय निवासियों को घायल गाय मिली थी. खेतों की बाड़ लगाने के लिए इस्तेमाल किए गए तारों से गाय को चोटें लगी थीं जिनसे खून बह रहा था. कोटा पुलिस ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि किसी ने जानबूझकर गाय को चोट पहुंचाई थी. ये खेत में प्रवेश करते समय तारबंदी से घायल हुई थी.

पुलिस ने 11 सेकंड का एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें खेत में तार दिखाई दे रहे हैं, जिससे गाय को चोट लगी है.

कुल मिलाकर, लहूलुहान गाय की तस्वीर सोशल मीडिया पर झूठे सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर की गई कि मुसलमानों ने जानवर पर अत्याचार किया और उस पर हमला किया. पुलिस के मुताबिक, गाय को खेतों की बाड़ लगाने के लिए इस्तेमाल तार से चोट लगी थी.

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