पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार रिकॉर्ड बढ़ोतरी को लेकर कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन के बीच, एक फेसबुक पेज इंडिया देखो (India Dekho) से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। साथ में संदेश है, “जर्मनी में, सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमत में वृद्धि के एक घंटे के भीतर हर किसी ने अपनी कार सड़क पर खड़ी कर दी और घर चला गया। सड़क पर दस लाख से अधिक कारें खड़ी हो गईं और यह देखकर सरकार को कीमतें कम करनी पड़ीं। अगर लोग बुद्धिमानी से काम करें तो कोई सरकार जनता को मूर्ख नहीं बना सकती। शेयर करें।” यह लिखे जाने तक, इस पोस्ट को 32,000 से अधिक बार शेयर और 17,000 से अधिक बार ‘लाइक’ किया गया था। फेसबुक पर इंडिया देखो के 36 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

Posted by IndiaDekho on Sunday, 9 September 2018

यही तस्वीर व्हाट्सएपस पर भी फैलाई गई है।

चीन की तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर “जर्मनी पेट्रोल विरोध” (Germany petrol protest) की खोज की तो 20 मई, 2018 को स्नोपस (Snopes) द्वारा प्रकाशित एक तथ्य-जांच लेख मिला। लेख के मुताबिक, यह तस्वीर 2017 से ही, इस संदेश के साथ, कि नाराज जर्मनी के लोगों ने ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों के विरोध में सड़क पर अपनी गाड़ियों को छोड़ दिया, इंटरनेट पर व्यापक रूप से प्रसारित है।

1 अक्टूबर, 2012 को द टेलीग्राफ में प्रकाशित एक लेख में इस तस्वीर को गुआंग्डोंग प्रांत के शेन्ज़ेन शहर में यातायात जाम के रूप में वर्णित किया गया है। तब दस साल में पहली बार चीन के सड़कों को आठ दिवसीय राष्ट्रीय अवकाश के दौरान टोल-फ्री किया गया था। उस तस्वीर के साथ लेख में कहा गया था- “जब 1.3 अरब लोग एक ही समय छुट्टी पर जाते हैं, तो शायद थोड़ी अराजकता की उम्मीद की जा सकती है। यह चीनी राजनेताओं द्वारा टोल को निलंबित करके मुफ्त सड़क यात्रा प्रदान करने का उदार निर्णय था, जिससे सैकड़ों हजार ड्राइवर रविवार को मध्य-शरद ऋतु महोत्सव का पहला दिन जबरदस्त यातायात जाम में बिताते हुए दिखे।” (अनुवादित)। यह तस्वीर फोटो एजेंसी, रेक्स फीचर्स (Rex Features) द्वारा जारी की हुई है।

रेक्स फीचर्स के मुताबिक, इसे 30 सितंबर, 2012 को गुआंग्डोंग प्रांत के शेन्ज़ेन शहर में यातायात जाम के दौरान लिया गया था।

हमें 23 मई, 2018 को दिव्य भास्कर के ऑनलाइन पोर्टल द्वारा प्रकाशित एक समाचार लेख भी मिला, जिसमें वही तस्वीर संलग्न है। दिव्य भास्कर का लेख वर्ष 2000 में जर्मनी में ईंधन मूल्यवृद्धि विरोध का वर्णन करता है।

जर्मनी के लोगों ने वर्ष 2000 में अपने वाहनों के साथ बर्लिन की सड़कों पर एकजुट होकर ईंधन की कीमतों में वृद्धि का विरोध किया था, लेकिन दस लाख गाड़ियों को सड़क पर ही छोड़ देने का दावा सही नहीं है और यह तस्वीर चीन की है।

एसएमहॉक्सलायेर और बूमलाइव सहित कई तथ्य-जांच संस्थाओं द्वारा पहले ही खारिज कर दिए जाने के बावजूद यह तस्वीर सोशल मीडिया पर बार-बार सामने आती है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.