नाज़ी नेता एडॉल्फ हिटलर का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। इसमें हिटलर दर्शकों को संबोधित करते हुए दीखते है। यह कथित तौर पर उनके भाषणों में से एक है जो उन्होंने 1936 में जर्मनी के एसेन में क्रुप फैक्ट्री में दिया था। वीडियो के साथ उपशीर्षक हैं, जिसके अनुसार हिटलर कह रहे हैं, “मैंने अपने देश की सेवा के लिए सब कुछ छोड़ा। मैं यहां किसी पद के लिए नहीं, बल्कि जिम्मेदारी के लिए हूं। हमारे देश के भविष्य के लिए उठाए गए हर कदम की मेरी जिम्मेदारी है। अगर मैं गलत हूं तो बिना किसी से डरे, मुझे जिंदा जला दो।” (अनुवाद)
यह वीडियो ट्विटर पर सोशल मीडिया उपयोगकर्ता अश्विन माने (NJCP_India) द्वारा पोस्ट किया गया है जो खुद को राष्ट्रीय जनहित कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में वर्णित करते हैं। इसे 7 सितंबर को रात्रि करीब 10 बजे पोस्ट किया गया था और इसे 600 से अधिक रीट्वीट किया गया। यह ट्वीट अब हटा दिया गया है। इसका आर्काइव संस्करण यहां देखा जा सकता है। यह वीडियो असम कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी पोस्ट किया गया था।
इस वीडियो को पत्रकार और राजनीतिक पर्यवेक्षक शाहिद सिद्दीकी ने भी ट्वीट किया था। फिर एक और ट्विटर उपयोगकर्ता ‘आरती’ (@artic02) जो आप की समर्थक हैं, ने भी वीडियो को ट्वीट किया और इसे 600 से अधिक बार रीट्वीट किया गया।
“Burn me alive if I am wrong”, said Hitler in 1935
But he ended up getting millions of Germans, Polls, Russians, Italians, French British & Jews killed before he killed himself.
History repeats itself either as a tragedy or comedy https://t.co/CdZ6DaFSTZ— shahid siddiqui (@shahid_siddiqui) September 8, 2018
यह वीडियो फेसबुक पर व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं और कुछ समूहों और पेजों में भी व्यापक रूप से शेयर किया गया।
इस वीडियो के द्वारा, सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भाषण के संदर्भ में, मोदी और नाज़ी नेता के बीच समानताओं को दिखलाने का प्रयास किया गया है।
नवंबर 2016 का पीएम मोदी का भाषण
ध्यान दिया जा सकता है कि 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों से उन्हें समय देने और यदि वे असफल होते हैं तो किसी भी तरीके से उन्हें दंडित करने की भावनात्मक अपील की थी।
उसी भाषण में, पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि अगर कोई उन्हें जिंदा जला भी दे, तो वे डरते नहीं हैं।
वीडियो का झूठा दावा
ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर चल रहे इस दावे की तथ्य-जांच की और यूट्यूब पर एडॉल्फ हिटलर के भाषण का एक लंबा संस्करण पाया। यह भाषण वास्तव में 1936 का एसेन शहर का है। उपशीर्षक के साथ वायरल वीडियो जिसमें हिटलर ने दावा किया था कि “अगर मैं गलत हूं तो मुझे जीवित जलाएं” शरारती और झूठा है। अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ वीडियो का लंबा संस्करण नीचे पोस्ट किया गया है।
https://www.youtube.com/watch?v=4wMBelmoAug
उपर्युक्त वीडियो में, 2:42 से 3:04 मिनट तक के उद्धरण को झूठे दावे के साथ व्यापक रूप से शेयर किया गया है। हिटलर ने ऐसा कुछ नहीं कहा है जैसा कि दावा किया गया है। इसकी बजाय, अपने भाषण के इस हिस्से में वह कह रहे हैं, “अगर आपको लगता है कि मेरा काम सही है और यदि आपको लगता है कि मैंने अथक काम किया है, कि मैंने कड़ी मेहनत की है, कि मैं इन वर्षों में आपके लिए खड़ा हुआ हूं, कि मैंने अपने लोगों के लिए अपना समय ठीक से बिताया, तो हाँ के साथ अपना वोट दें! फिर मेरे लिए खड़े हो जाएं जैसे मैं आपके लिए खड़ा हूं”। (अनुवाद)
Archive.org पर हिटलर के 1922 से 1945 तक के भाषणों का संग्रह है। भाषण के संदेश के अंग्रेजी अनुवाद का लिंक यहां दिया गया (पृष्ठ 323) है। भाषण के अंतिम भाग का अनुवाद इस तरह किया गया है- “यदि आप मेरे काम को सही मानते हैं तो कहिए, यदि आप मानते हैं कि मैंने कड़ी मेहनत की है, कि मैंने इन वर्षों में आपका पक्ष लिया है, कि मैंने अपने समय को लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया है।” (अनुवाद) यह यूट्यूब वीडियो में दिए गए अनुवाद के साथ लगभग मेल खाता है। हिटलर के भावुक भाषण का संदर्भ युद्ध काल में जर्मनी का शीघ्रता से औद्योगीकरण और आक्रामक पुनर्मूल्यांकन का था, जिसका परिणाम दूसरा विश्वयुद्ध और उसके साथ हुई तबाही थी।
इसके अलावा, कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने यह भी बताया कि वायरल वीडियो में उपशीर्षक झूठे हैं और उन्होंने क्लिप को जर्मन से अंग्रेजी में अनुवादित किया।
ऐसी घटना पहली बार नहीं
इससे पहले, ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे एडॉल्फ हिटलर की एक तस्वीर से छेड़छाड़ कर उसे पीएम मोदी की तस्वीर के साथ जोड़ दिया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी पर अक्सर उनके आलोचकों द्वारा तानाशाह और अत्याचारी होने का आरोप लगाया जाता है, जिनमें से कुछ एडॉल्फ हिटलर के साथ उनकी तुलना करने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी, यह उपर्युक्त उदाहरणों की तरह सोशल मीडिया पर सामने आता है; वीडियो और फोटो से छेड़छाड़ कर अक्सर दोनों राजनीतिक नेताओं में समानता प्रदर्शित करने की कोशिश की जाती है।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.