कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 80,000 रुपये का फायदा देने की पेशकश कर रहा है, इस बारे में एक संदेश, सोशल मीडिया में वायरल है। इसका दावा है कि जिन श्रमिकों ने 1990 से 2019 के बीच काम किया है, वे यह लाभ प्राप्त कर सकेंगे, बशर्ते उनका नाम वेबसाइट (https://socialdraw.top/epf) पर सूचीबद्ध हो। पूरा संदेश इस प्रकार है- “1990 और 2019 के बीच काम करने वाले श्रमिकों को भारत के ईपीएफओ द्वारा ₹80 000 का लाभ प्राप्त करने का अधिकार है। चेक करें कि क्या आपका नाम उन लोगों की सूची में है : https://socialdraw.top/epf”।

कई लोगों ने संदेश की प्रामाणिकता को लेकर चिंता जताई है।

EPFO ने बताया इसे ‘फ़र्ज़ी’ वेबसाइट

ईपीएफओ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने इसे फ़र्ज़ी वेबसाइट बताया है।

तथ्य-जांच

इस वेबसाइट में ऐसे कई संकेत हैं जिनसे सोशल मीडिया उपयोगकर्ता यह पहचान सकें कि यह फ़र्ज़ी है।

हमने पाया कि यह वेबसाइट, ईपीएफओ के आधिकारिक वेबसाइट के जैसा दिखता है। सरकारी वेबसाइटें आमतौर पर, ‘.gov.in’ नाम से समाप्त होती हैं, जबकि यह वेबसाइट ‘.top’ डोमेन के साथ समाप्त होती है। ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट www.epfindia.gov.in है।

Screenshot of EPFO's official website

इस वेबसाइट — socialdraw.top/epf — के शीर्ष भाग पर ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट का स्क्रीनशॉट पोस्ट करके इसे मिलता-जुलता रूप दिया गया है। UMANG, ई-पासबुक, ईसीआर/रिटर्न/भुगतान जैसी श्रेणियों में से किसी पर भी क्लिक नहीं किया जा सकता है।

यह वेबसाइट, उपयोगकर्ताओं से कई सवालों के जवाब देने के लिए कहती है, जैसे ‘क्या आप 18 साल के हैं’, ‘क्या आपने 1990 से 2019 के बीच की अवधि में काम किया था’, ‘क्या आप वर्तमान में कहीं काम कर रहे हैं’, और ऐसे ही कुछ और सवाल। इसके बाद, उपयोगकर्ता को व्हाट्सएप पर अन्य लोगों को संदेश भेजने के लिए कहा जाता है, जब तक कि एक कथित सीमा नहीं पूरी हो जाती है। यह लोगों को ऑनलाइन ठगने और उनकी निजी जानकारी निकालने के लिए फ़र्ज़ी वेबसाइटों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला आम तरीका है।

इसके अलावा, WHOIS के अनुसार, यह वेबसाइट इसी साल अक्टूबर के मध्य में बनाई गई है।

ऑल्ट न्यूज़ ने हाल ही में होंडा की वेबसाइट जैसा दिखने वाला एक फ़र्ज़ी वेबसाइट को उजागर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि कंपनी दिवाली पर 300 एक्टिवा 5जी स्कूटर मुफ्त में दे रही है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.