टाइम्स नाउ के प्रसारण का एक समाचार क्लिप सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है, जहां एंकर राहुल शिवशंकर कहते हैं कि केरल में युवा हिंदुओं को कोचिंग और ट्यूशन सेंटर में कट्टरपंथी बनाया जा रहा है। दावे का समर्थन करने के लिए प्रसारण के दौरान गैर-मुस्लिम महिलाओं का एक ‘रेट कार्ड’ दिखाया जाता है। कथित कार्ड पर लगाए गए मूल्य के मुताबिक, एक हिन्दू ब्राह्मण लड़की का मूल्य 6 लाख रु, जैन लड़की का 3 लाख रु और एक सिख लड़की का 7 लाख रु।

प्रसारण की क्लिप के साथ शेयर किये गए संदेश में दावा किया गया कि ISIS गैर हिन्दू लड़कियों को केरल में बेचता है। लड़कियों का मूल्य उनके धर्म के हिसाब से है। इसमें आगे बताया गया है कि मुस्लिम लड़के ट्यूशन क्लास वाली लड़कियों से शादी करते है और फिर उन्हें विदेशों में देह व्यापार के लिए बेच देते है। फेसबुक अकाउंट गणपति राव से साझा क्लिप को 100,000 बार देखा और करीब 3,000 बार शेयर किया गया है।

 

కేరళలో ISIS హిందూ అమ్మాయిలను అమ్మకంకి పెట్టింది. అమ్మాయి యొక్క కులం బట్టి రేటు ఫిక్స్ చేసారు. ముందుగా ముస్లిం అబ్బాయిలు Tution centres, విద్యా సంస్థలలో చదువుతున్న అమ్మాయిలను ప్రేమ పేరు చెప్పి పెళ్లి చేసుకుని తరువాత ఈ విధంగా విదేశాల్లో వారిని వ్యభిచార ముఠాలకు అమ్ముతారు. మేము మతోన్మాదులు కాబట్టి ఆ నరకంలో పడవద్దు అని చెబుతున్నాము అబ్బీ అలా కాదు మీరు వారి మీద నిందలు వేస్తున్నారు అంటే చేసేది ఏమీ లేదు.

Posted by Ganapathi Rao on Wednesday, 30 October 2019

तेलुगु में साझा संदेश के अनुसार, “కేరళలో ISIS హిందూ అమ్మాయిలను అమ్మకంకి పెట్టింది. అమ్మాయి యొక్క కులం బట్టి రేటు ఫిక్స్ చేసారు. ముందుగా ముస్లిం అబ్బాయిలు Tution centres, విద్యా సంస్థలలో చదువుతున్న అమ్మాయిలను ప్రేమ పేరు చెప్పి పెళ్లి చేసుకుని తరువాత ఈ విధంగా విదేశాల్లో వారిని వ్యభిచార ముఠాలకు అమ్ముతారు. మేము మతోన్మాదులు కాబట్టి ఆ నరకంలో పడవద్దు అని చెబుతున్నాము అబ్బీ అలా కాదు మీరు వారి మీద నిందలు వేస్తున్నారు అంటే చేసేది ఏమీ లేదు”

यह वीडियो फेसबुक पर वायरल है। इसे अंग्रेजी संदेश के साथ भी साझा किया गया है, “कोचीन स्थित ISIS धर्मान्तरित हिंदू लड़कियों को ऑनलाइन बेच देते है। इसके रेट कार्ड आप यहां देख सकते है।” (अनुवाद)

कार्यक्रम के दौरान शिवशंकर को कहते हुए सुना जा सकता है, “ISIS के गतिविधि केंद्र में, युवा हिंदुओं को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है, वे कह रहे हैं कि वहां कुछ भी गलत नहीं हो रहा है। लेकिन हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि खिलाफत के एजेंटों द्वारा युवा हिंदुओं को कोचिंग सेंटरों और ट्यूशन कक्षाओं में कट्टरपंथी बनाया जा रहा है। रहस्यमय रेट कार्ड, जो कि आपकी स्क्रीन पर फ्लैश हो रहा है। देवियों और सज्जनों, इस रेट कार्ड को एक प्रलोभन के तौर पर साझा किया जा रहा है। देखिये यह रेट कार्ड क्या बताते है, यह आपके विश्वास, आपके धर्म का मूल्य लगाता है। देवियों और सज्जनों,अगर आप ध्यान से देखें तो आप आश्चर्यजनक जानकारियों को देखेंगे। मैं आपको यह बता भी नहीं सकता कि इस रेट कार्ड पर क्या-क्या लिखा है। हिन्दू को बदलने के लिए, ब्राह्मण लड़कियों के लिए पांच लाख रूपये दिए जाते है, पांच लाख रूपये में एक ब्राह्मण लड़की मिलती है। एक हिंदू ब्राह्मण लड़की – पांच लाख, एक सिख पंजाबी लड़की के लिए सात लाख रुपये, एक गुजराती ब्राह्मण के लिए इत्यादि इत्यादि, हिंदू क्षत्रिय लड़की – साढ़े चार लाख, हिंदू OBC/SC/ST – दो लाख, बौद्ध लड़की – डेढ़ लाख, एक जैन लड़की 3 लाख रुपये, ख़लीफ़ा ने आपके विश्वास की कीमत लगाई है।” (अनुवाद)

पुरानी फ़र्जी फोटोशॉप तस्वीर पर प्रसारित झूठी खबर

टाइम्स नाउ द्वारा जून 2017 में प्रसारित किये गए ‘रेट कार्ड’ की पड़ताल ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी की है।

मगर कई वर्षों से एक पोस्टर ऑनलाइन माध्यम में प्रसारित है और इसको शेयर करने का सबसे पहला उदाहरण 5 फरवरी, 2010 को ‘सिख और इस्लाम’ शीर्षक के एक ब्लॉग में पाया गया था।

इस तस्वीर में कई चीजें हैं जो इस तथ्य की ओर इशारा करती हैं कि यह नकली है। सबसे पहले, इस पोस्टर में वाक्यांश है, “अल्लाह के नाम पर……सबसे दयालु, सबसे लाभार्थी (in the name of allah……most merciful, most benificiary)” जबकि सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला वाक्यांश है, “अल्लाह के नाम पर, सबसे लाभकारी, सबसे दयालु (In the Name of Allah, the Most Beneficent, the Most Merciful)”। टाइम्स नाउ और वायरल सोशल मीडिया संदेशों में दावा किया गया है कि ‘कार्ड’ खलीफा द्वारा जारी किया गया था। इस तरह की गलतियां एक इस्लामिक संगठन द्वारा सामान्य नहीं है।

इसके अलावा, इस पर्चे के शीर्ष पर दिल के आकार की तस्वीर का होना इस पोस्टर के नकली होने का सबसे ठोस सबूत देता है।

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दिल के भीतर एक बंदूक का चित्र वास्तव में हिजबुल्लाह, लेबनानी शिया इस्लाम आतंकवादी समूह का झंडा है। 2006 के बाद से दिल के आकार की यह तस्वीर स्वतंत्र रूप से प्रचलन में है।

इस झूठे दावे को कई फ़र्ज़ी समाचार वेबसाइट ने फरवरी 2016 में साझा किया था – जैसे कि Hindutva.Info, जागरूक भारत और हिन्दू एक्सिस्टेंस। इसे 2010 में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में भी प्रकाशित किया गया था।

2017 के बाद 2018 में भी इस ‘रेट कार्ड’ को फ़र्ज़ी बताए जाने के बावजूद टाइम्स नाउ ने अभी तक इस गलत सूचना को हटाया नहीं है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.