“हिंदू बच्चे कभी सांता नहीं बनेंगे. हिंदू संस्कृति का अपमान हम नहीं सहेंगे. जय श्री राम.”
22 दिसंबर, 2024 को, सुदर्शन न्यूज़ जोधपुर ने अपने फ़ेसबुक चैनल पर वीडियोज पोस्ट किए, जिसमें एक व्यक्ति को जोधपुर के श्री महेश शिक्षण संस्थान के बाहर संवाददाताओं से ये बातें कहते हुए सुना जा सकता है, जिसे MSS वर्ल्ड स्कूल के नाम से भी जाना जाता है.
व्यक्ति को गर्व से ये घोषणा करते हुए देखा जा सकता है कि जब बजरंग दल को स्कूल में क्रिसमस समारोह के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसे रोक दिया और सजावट को हटा दिया. बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद (VHP) की युवा शाखा है, जो एक राईटविंग हिंदू संगठन है, जिसका सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी जुड़ाव है.
प्रॉपगेंडा आउटलेट द्वारा जारी एक अन्य वीडियो में इस व्यक्ति को स्कूल के अंदर दिखाया गया है. कैमरे को संबोधित करते हुए, उसने कहा, “हम इस तरह के आयोजन (क्रिसमस) को स्वीकार नहीं करेंगे.” अन्य लोग टिनसेल और सजावट को हटाते हुए दिख रहे हैं. बैकग्राउंड में “भारत का बच्चा बच्चा जय श्री राम बोलेगा” गाना बज रहा है.
सुदर्शन न्यूज़ जोधपुर द्वारा दिए गए कैप्शन में कहा गया है कि पिछली सरकार के दौरान “धर्मांतरण कैंसर की तरह फ़ैल गया था” और अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शासन में राईटविंग संगठन “एक-एक करके राष्ट्र विरोधी तत्वों को बेनकाब करेंगे.”
हालांकि, इस स्कूल में जो हुआ वो कोई इस तरह का अकेला मामला नहीं था. 25 दिसंबर, 2024 से पहले के कुछ दिनों में कई सोशल मीडिया अकाउंट जो खुद को हिंदू समर्थक या बजरंग दल से जुड़े हुए बताते हैं, सोशल मीडिया पर देश भर के माता-पिता से आग्रह करते हैं कि वे अपने बच्चों को “जोकर” के रूप में कपड़े न पहनाएं (जो सांता क्लॉज़ की वेशभूषा का एक भद्दा संदर्भ है). नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
लेकिन ये यहीं नहीं रुका. ईसाइयों के प्रति टारगेटेड हेट की घटनाओं की जांच करते वक्त, विशेष रूप से क्रिसमस के दौरान, ऑल्ट न्यूज़ ने एक परेशान करने वाले ट्रेंड की पहचान की. हिंदू समर्थक संगठन बजरंग दल से जुड़े या उससे जुड़े होने का दावा करने वाले कई लोग क्रिसमस मनाने वाले स्कूलों को टारगेट कर रहे थे.
बजरंग दल या VHP से जुड़े जिला-स्तरीय सोशल मीडिया अकाउंट ने इस हस्तक्षेप को बेशर्मी से दिखाया और वीडियोज अपलोड किए, जिसमें क्रिसमस की सजावट को हटाया जा रहा था, जश्न को रोका जा रहा था और स्कूल अधिकारियों को ये “सबक” सिखाया जा रहा था कि क्या मनाया जाना चाहिए और क्या नहीं.
हैरानी की बात है कि हमारे ध्यान में आने वाले ज़्यादातर फ़ुटेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में इन समारोहों को बाधित करने वाले सतर्कतावादियों के थे.
‘हम उनका त्योहार क्यों मनाएं?’
25 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद गांधीधाम (@vhp_gandhidham) के इंस्टाग्राम हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसमें भगवा गमछा पहने बजरंग दल के साइनबोर्ड के साथ कुछ लोग दिख रहे थे. वीडियो में दावा किया गया कि गुजरात के बापूनगर ज़िले के इन कार्यकर्ताओं ने एक स्कूल में क्रिसमस कार्यक्रम को रोका और सभी को बताया कि बच्चे भगवान का रूप हैं, ‘जोकर’ नहीं.
ऑल्ट न्यूज़ ने इस एडिटेड मोंटाज में अहमदाबाद के दो स्कूलों की पहचान की – नरोदा और बापूनगर जिलों में क्रमशः साउथ इंटरनेशनल स्कूल और राइजिंग किड्स प्रीस्कूल, VHP से जुड़े अकाउंट द्वारा वीडियो में ‘पहले और बाद’ की तुलना में दिखाया गया कि क्रिसमस के लिए तैयार किए गए स्कूलों ने इन भगवाधारी व्यक्तियों और स्कूल अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद सभी सजावट हटा दी.
बजरंग दल नरोदा जिला (@bajrang_dal_narodajilla) नाम से जाने जाने वाले एक इंस्टाग्राम अकाउंट ने नरोदा ज़िले के अलग-अलग स्कूलों में उनके द्वारा की गई इसी तरह की कार्रवाइयों को दर्ज करते हुए कई वीडियो अपलोड किए. ऑल्ट न्यूज़ द्वारा बजरंग दल और VHP के आधिकारिक सदस्यों से इस बारे में बात करने के लिए संपर्क किया गया, जिसके बाद ये वीडियो हटा दिए गए.
24 दिसंबर को पोस्ट किए गए ऐसे ही एक वीडियो में गुजराती में “जय श्री राम” लिखे भगवा दुपट्टे पहने लोगों का एक ग्रुप अंकुर इंटरनेशनल स्कूल में अधिकारियों से बात करते हुए दिखाई देता है. इसी तरह की ‘पहले-बाद’ की तुलना में प्राथमिक विद्यालय को पहले से सजाए गए सजावट को हटाते हुए दिखाया गया है. साथ में दिए गए कैप्शन में कहा गया है कि ‘बजरंगी भाई’ स्कूल गए और “अपने तरीके से” सनातन धर्म का पाठ पढ़ाया.
24 दिसंबर को इसी इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड किए गए एक अन्य वीडियो में लिटिल एंजेल्स स्कूल में भी इसी तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं. वीडियो में भगवा कपड़े पहने एक व्यक्ति सांता क्लॉज़ के हाथ से पेंट किए गए कटआउट को भी टुकड़े-टुकड़े करता हुआ दिखाई देता है. वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में कहा गया है कि ग्रुप ने प्लेस्कूल में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर होने वाले समारोहों का विरोध किया. उसी दिन, इसी तरह का एक ग्रुप जिले के उत्कृष्ट विद्यालय के परिसर में घुस गया. एक वीडियो में छात्रों को सजे-धजे परिसर से क्रिसमस की सजावट हटाते हुए दिखाया गया है.
इसी इलाके में स्थित अंकुर इंग्लिश स्कूल को भी इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा. अकाउंट द्वारा शेयर किए गए वीडियो में लोगों के एक ग्रुप को अकादमी के अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए देखा जा सकता है. उनमें से एक गुजराती में कहता है, “वे (ईसाई) आबादी का केवल 2% हिस्सा हैं; वे राम नवमी नहीं मनाते, तो हम उनका त्योहार क्यों मनाएं?” वो आगे कहता है कि छुट्टी क्रिसमस के कारण नहीं बल्कि तुलसी पूजा दिवस के कारण होनी चाहिए. इस वीडियो के साथ कैप्शन में कहा गया है कि इस स्कूल के शिक्षकों को अपने छात्रों को सांता और क्रिसमस के बजाय “सनातन धर्म” के मूल्यों के बारे में पढ़ाने का निर्देश दिया गया था.
इस बीच, एक अन्य वीडियो में सैजपुर सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल में बच्चों को “जय श्री राम” का नारा लगाने और हिंदू भगवान हनुमान को समर्पित भक्ति भजन हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मजबूर किया गया.
ऑल्ट न्यूज़ ने इन वीडियो की कई बार जांच की ताकि इसमें शामिल स्कूलों का पता लगाया जा सके और उनमें शामिल लोगों की पहचान की जा सके. हम ये पता लगाने में सक्षम थे कि भले ही ये ग्रुप अलग-अलग रहे हों, लेकिन उनमें से ज़्यादातर में कम से कम कुछ चेहरे तो एक जैसे थे. इन वीडियोज से हमने जिन लोगों को ट्रैक किया, वे सभी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर खुद को राईटविंग समर्थक बताते हैं और नियमित रूप से VHP या बजरंग दल से जुड़े कंटेंट शेयर करते हैं.
बजरंग दल या VHP से जुड़े अन्य जिला-स्तरीय इंस्टाग्राम अकाउंट ने भी इसी तरह के वीडियोज अपलोड किए हैं. उदाहरण के लिए, 25 दिसंबर को बजरंग दल कलोल (@bajrangdal.kalol), बजरंग दल मेहसाणा (@bajrangdal_mehsana) और बजरंग दल नंदसन प्रखण्ड (@bajrangdal_nandasan_prakhand) के अकाउंट ने मिलकर काठवाड़ा के श्री नारायण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अधिकारियों को सजावट हटाने का निर्देश देते हुए कार्यकर्ताओं का फ़ुटेज अपलोड किया. वीडियो में साफ तौर पर सांता क्लॉज़ के हिरन और क्रिसमस ट्री के साथ पेंट किए गए कटआउट दिखाई दे रहे हैं, जो शायद वहां के बच्चों द्वारा बनाए गए थे.
इसी तरह, 24 दिसंबर को बजरंग दल अमराईवादी (@bajrangdal_amraiwadi) ने अहमदाबाद के हाटकेश्वर इलाके में अलग-अलग स्कूलों में भगवा कपड़े पहने लोगों के एक ग्रुप का फ़ुटेज पोस्ट किया. वीडियो की शुरुआत मोटरसाइकिल सवार लोगों से होती है जो सड़कों पर “जय श्री राम” चिल्लाते हैं, और उन्हें इलाके के द मदर इंग्लिश स्कूल में प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है. यहां, उनकी स्कूल अधिकारियों के साथ काफ़ी बहस होती है और ज़ल्द ही, हिंदू समर्थक ग्रुप से पहचान रखने वाले उनमें से एक को क्रिसमस और सेंटा की तस्वीरों को फाड़ते हुए देखा जा सकता है, जो देखने में बच्चों द्वारा बनाए गए लगते हैं. अगले शॉट में एक अन्य व्यक्ति स्ट्रीमर फाड़ देता है जबकि एक छात्र अपनी सांता क्लॉज़ वाले कपड़े उतारते हुए दिखाई देता है. इसके बाद ग्रुप सेंट लॉरेंस पब्लिक स्कूल में क्रिसमस समारोह को बाधित करता है.
इन वीडियोज की जांच करने पर हमें पंकज बी नाई (@pankajbnai_3636) का इंस्टाग्राम अकाउंट भी मिला जो खुद को बजरंग दल का कार्यकर्ता बताते हैं. इन्होंने ये वीडियो अपलोड किया और कैप्शन में दावा किया कि बजरंग दल के कार्यकर्ता हाटकेश्वर इलाके के 15 स्कूलों में गए और हिंदू संस्कृति के खिलाफ माने जाने वाले कार्यक्रमों को बंद करवा दिया.
ऑल्ट न्यूज़ ने इस मामले पर बात करने के लिए इन सभी स्कूलों से संपर्क किया. उनमें से चार ने बिना नाम बताए ये पुष्टि की कि ये सब सच में हुआ था. VHP या बजरंग दल से जुड़े लोगों ने स्कूलों का दौरा किया और समारोहों को रोकने की कोशिश की. नाम न बताने की शर्त पर एक स्कूल के प्रवक्ता ने कहा, “वे छोटे (बच्चे) हैं और हमारे यहां ईसाई बच्चे भी पढ़ते हैं. हम सभी त्योहार मनाते हैं. लेकिन बजरंग दल के सदस्यों ने हमें कार्यक्रम रोकने और छात्रों को घर भेजने के लिए मजबूर किया. हमने पूछा तो उन्होंने कहा कि ऊपर से ऑर्डर है.” जब हमने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने पुलिस से संपर्क किया है, तो इस व्यक्ति ने कहा, “हमें यहां रहना और काम करना है और हमें छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी है.”
अन्य स्कूलों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की और न ही विस्तार से बताया, लेकिन इस बात से साफ इनकार भी नहीं किया कि ऐसा हुआ था.
ऑल्ट न्यूज़ ने विश्व हिंदू परिषद गुजरात के प्रवक्ता हितेंद्र राजपूत से भी संपर्क किया जिन्होंने कुछ वीडियोज देखे और कहा कि इन्हें अपलोड करने वाले इंस्टाग्राम अकाउंट में से कोई भी असल में VHP या बजरंग दल का नहीं है. राजपूत ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “ये हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं. ये वेरिफ़ाईड अकाउंट नहीं हैं और हम नहीं जानते कि ये लोग कौन हैं, हमारे पास सिर्फ एक प्राथमिक सोशल मीडिया अकाउंट है जो पूरे गुजरात के लिए है.” जब उनसे पूछा गया कि क्या VHP इन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, तो उन्होंने कहा कि अब जब ये उनके संज्ञान में आया है तो वे इस पर गौर करेंगे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि VHP या बजरंग दल का कोई आधिकारिक जिला-स्तरीय सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है.
हालांकि, हितेंद्र राजपूत से संपर्क करने के एक दिन बाद, VHP नरोदा के इंस्टाग्राम अकाउंट और VHP और बजरंग दल से जुड़े कुछ अन्य अकाउंट से कई वीडियो हटा दिए गए. ऑल्ट न्यूज़ ने उन्हें तब आर्काइव्ड कर दिया था जब वे लाइव थे. इसके आलावा, उन्होंने कहा कि ये अकाउंट आधिकारिक तौर पर VHP या बजरंग दल से संबद्ध नहीं हैं, और ये नियमित रूप से VHP द्वारा आयोजित कार्यक्रम और समारोह की तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं.
गुजरात इस मामले में सबसे आगे, दूसरे राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया
हालांकि हमारी जांच मुख्य रूप से गुजरात पर केंद्रित थी, हमें दूसरे राज्यों में भी स्कूलों को “सबक” सिखाने वाली राईटविंग विजिलेंटीज ग्रुप्स की ऐसी और भी घटनाएं मिलीं.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नकुर से एक वीडियो में कुछ लोगों का एक ग्रुप आवर हेवन एकेडमी नामक स्कूल में घुसता हुआ दिखाई देता है, जहां एक कार्यक्रम चल रहा है और कुछ लोगों को सांता क्लॉज़ की टोपी पहने हुए देखा जा सकता है. जब हमने स्कूल से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने संयोग से 25 दिसंबर को होने वाले “विदाई कार्यक्रम” को रोकने की कोशिश की और पूछा कि छात्र छुट्टी के दिन स्कूल में क्यों हैं.
20 दिसंबर को केरल के पलक्कड़ जिले में तीन VHP सदस्य क्रिसमस के लिए सजाए गए नल्लेपिल्ली सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय के परिसर में घुस गए, और सजावट को नष्ट कर दिया. स्कूल के अधिकारियों ने शिकायत दर्ज़ कराई जिसमें उन्होंने कहा कि VHP सदस्यों ने उनसे सवाल किए और गाली-गलौच की. राईटविंग निकाय के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर पूछा कि क्या स्कूल ने क्रिसमस मनाने से पहले कृष्ण जयंती मनाई थी.
के अनिलकुमार, वी सुसासनन और के वेलायुधन के रूप में पहचाने गए तीन सदस्यों को स्कूल के शिक्षकों को परेशान करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ़्तार किया. इसके तीन दिन बाद, पलक्कड़ के थाथमंगलम में सरकारी बॉयज़ स्कूल में उत्सव के लिए आयोजित एक क्रिसमस पालना (Crib) को तोड़ दिया गया.
ऑल्ट न्यूज़ द्वारा दर्ज की गई कई घटनाएं सोशल मीडिया और सार्वजनिक डोमेन पर मौजूद थीं जिन्हें हर कोई आसानी से देख सकता था. लेकिन इसका मतलब ये भी है कि ऐसे और भी मामले हो सकते हैं जो कभी चर्चा में नहीं आ सकते क्योंकि उनका कोई रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं है या जैसा कि VHP नरोदा जिला द्वारा बनाए गए वीडियो के मामले में हुआ. ये अब डिजिटल स्पेस से हटा दिए गए हैं.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.