उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 29 जनवरी को सुबह करीब 2 बजे मची भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 30 और घायलों की संख्या 60 बताई गई है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ का मुख्य कारण संगम पर तीर्थयात्रियों की अचानक भीड़ थी जो मौनी अमावस्या के शुभ मुहरत की शुरुआत पर 3 बजे सुबह संगम स्नान करने के लिए उत्सुक थे. चूंकि यह हिन्दू पंचांग के सबसे शुभ दिनों में से एक मौनी अमावस्या की सुबह थी, इस मौके पर पवित्र स्नान करने के लिए उमड़ी अनियंत्रित भीड़ भगदड़ में तब्दील हो गई.
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो और दावे वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में कुछ लड़के समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के समर्थन में नारे लगाते देखे जा सकते हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इन लड़कों की वजह से कुंभ मेले में भगदड़ मच गई जिसमें कई लोगों की जान चली गई.
दो वीडियो क्लिप का एक कोलाज भी शेयर किया जा रहा है जिसमें एक तरफ़ द लल्लनटॉप की रिपोर्ट है. इसमें एक व्यक्ति दावा रहा है कि यहां एक बस रुकी थी और उसमें से 15 से 20 युवक उतरे और उन्होंने भगदड़ मचाई. वहीं वीडियो के दूसरे हिस्से में ‘अखिलेश यादव ज़िंदाबाद’ के नारे लगाते कुछ युवकों का वीडियो लगाकर दावा किया जा रहा है कि इन्हीं लड़कों ने भगदड़ मचाई.
ओसिन जैन नाम की X यूज़र ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “चश्मदीदों की मानें तो कुछ लोग एक बस से उतरे और भगदड़ मचाए. और आप दूसरी वीडियो देख सकते हैं कैसे ‘अखिलेश यादव’ चिल्ला रहे हैं जैसे किसी रैली में आए हों. कहीं यह वीडियो भगदड़ वाली स्थिति के पहले का तो नहीं है? पुलिस ओर प्रशासन को इस एंगल से जांच करनी चाहिए.” ध्यान दें इस यूज़र को पहले भी ग़लत जानकारी फैलाते हुए देखा गया है.
चश्मदीदों की माने तो कुछ लोग एक बस से उतरे और भगदड़ मचाए
और आप दूसरी वीडियो देख सकते है कैसे अखिलेश यादव चिल्ला रहे है जैसे किसी रैली में आए हो
कहीं यह वीडियो भगदड़ वाली स्थिति के पहले का तो नहीं है??
पुलिस ओर प्रशासन को इस एंगल से जांच करनी चाहिए pic.twitter.com/asS8eOlIIg
— ocean jain (@ocjain4) January 30, 2025
भाजपा समर्थक रौशन सिन्हा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सरकार को जांच करनी चाहिए कि क्या भगदड़ के पीछे इन लड़कों का हाथ है? (आर्काइव लिंक)
भाजपा समर्थक राजीव भाटिया (@Ra_Bies) ने ये वीडियो ट्वीट किया और इसे चौंकाने वाली घटना बताते हुए अखिलेश यादव को शर्म करने कहा. (आर्काइव लिंक)
भाजपा समर्थक नितिन शुक्ला ने भी वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
हमने वायरल वीडियो के फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ये वीडियो प्रदीप यादव नाम के यूज़र द्वारा इंस्टाग्राम पर अपलोड किया हुआ मिला जिसपर 1 लाख 57 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने प्रदीप यादव से बात की. प्रदीप ने हमें बताया कि ये वीडियो उन्होंने 27 जनवरी को 5 बजे सुबह रिकार्ड किया था.
प्रदीप यादव ने हमें वायरल वीडियो को रिकॉर्ड करने वाले फ़ोन से मेटाडाटा डिटेल्स का स्क्रीनशॉट शेयर किया. इसमें देखा जा सकता है कि ये वीडियो 27 जनवरी की सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया था.
इसके अलावा प्रदीप ने हमें बताया कि उनके दोस्त वीरेंद्र यादव भी वीडियो में मौजूद हैं. और वीरेंद्र ने 27 जनवरी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर यह वीडियो पोस्ट किया था. प्रदीप ने हमें वीरेंद्र यादव द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो का लिंक भी शेयर किया. इसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ये वीडियो 27 जनवरी को पोस्ट किया गया था. यानी, वीडियो 29 जनवरी की सुबह मची भगदड़ से 2 दिन पहले से सोशल मीडिया पर मौजूद है. इसलिए यह दावा झूठा है कि इन युवकों ने भगदड़ मचाई.
कुल मिलाकर, कई भाजपा समर्थक यूज़र्स ने कुछ युवकों द्वारा महाकुंभ मेले में ‘अखिलेश यादव ज़िंदाबाद’ का नारा लगाने का वीडियो शेयर करते हुए झूठा दावा किया कि इन लड़कों ने ही भगदड़ मचाई जिससे कई लोगों की जानें चली गई. जबकि असल में ये वीडियो घटना से 2 दिन पहले का है.
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