“नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए शिवलिंग में भी चप्पल मारनी पड़ी तो मैं मारूंगा” -कांग्रेस सांसद शशि थरूर का बताया गया यह बयान कथित रूप से आज तक के प्रसारण के स्क्रीन शॉट में है। इस तस्वीर को फेसबुक पेज आई सपोर्ट नरेंद्र भाई मोदी बीजेपी (पहले ‘बीजेपी ऑल इंडिया’ के नाम से जाना जाता था) द्वारा प्रसारित किया गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने इस पेज को गलत जानकारी के निरंतर स्रोत के रूप में पहले ही उजागर किया था। इस लेख को लिखने के समय, उपर्युक्त पोस्ट लगभग 3500 बार शेयर किया गया था।
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी फेसबुक पर इस तस्वीर को शेयर किया था। 7 लाख से अधिक सदस्यों वाले फेसबुक ग्रुप बीजेपी सोशल मीडिया में एक व्यक्तिगत पोस्ट को 4000 से अधिक बार शेयर किया गया।
फिर एक बार मोदी सरकार और बीजेपी खरगोन बड़वानी जैसे फेसबुक पेजों ने भी इस तस्वीर को प्रसारित किया था, जिन्हें संयुक्त रूप से 3600 से अधिक बार शेयर किया गया।
थरूर का बयान नहीं
ऑल्ट न्यूज ने बताया था कि कैसे केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करने के लिए शशि थरूर का उपहास किया था। 28 अक्टूबर को बैंगलोर साहित्य समारोह में बोलते हुए, शशि थरूर ने 2012 के एक लेख के अनाम आरएसएस स्रोत का हवाला दिया था, उन्होंने कहा, “एक अनाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) स्रोत द्वारा कैरेवान (The Caravan) के पत्रकार विनोद जोस को व्यक्त एक असाधारण रूप से मर्मभेदी उपमा है, जिसे मैं उद्धृत करता हूँ। इसमें उन्होंने मोदी को नियंत्रित करने की अपनी अक्षमता पर निराशा व्यक्त की। और वह आदमी कहता है कि श्री मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं, आप उसे अपने हाथ से नहीं हटा सकते और न ही आप इसे चप्पल से मार सकते हैं।” उपर्युक्त संदर्भ यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त है कि स्क्रीनशॉट में थरूर के नाम से उल्लिखित बयान पूरी तरह झूठा है।
उसी समाचार चैनल की उन्हीं दृश्यों वाली वीडियो क्लिप में, गलत तरीके से वर्णित थरूर के नाम के वायरल उद्धरण के बिना, उन दृश्यों को देखा जा सकता है।
youtube https://www.youtube.com/watch?v=iZT4z-UzHpA&w=696&h=392
संभावित स्क्रीनशॉट जिसे शेयर किया गया है, उपर्युक्त वीडियो में 0:16 मिनट पर देखा जा सकता है। इसका एक स्क्रीनशॉट नीचे पोस्ट किया गया है।
फेसबुक पेज, सोशल तमाशा ने पीएम मोदी और शिवलिंग के बारे में गलत तरीके से थरूर के नाम बयान मढ़ा, जबकि वह बयान, जैसा कि ऊपर बताया गया है, वास्तव में 2012 में आरएसएस स्रोत द्वारा दिया गया था। यह पोस्ट फेसबुक पेज इंडिया 272+, जो प्रधानमंत्री मोदी के 2014 के आम चुनाव अभियान में सबसे आगे था, उसके द्वारा भी शेयर किया गया था।
शशि थरूर ने 2012 के एक लेख से एक अनाम आरएसएस स्रोत का बयान उद्धृत किया था, जिसे कई भाजपा नेताओं ने मोड़ दिया। इसके आधार पर, कई पेजों ने संगठित तरीके से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाया। स्क्रीनशॉट को फोटोशॉप कर प्रधानमंत्री के लिए थरूर की नापसंदगी को इस हद तक चित्रित करने का यह प्रयास था, मानो वह अपने ही धर्म का अपमान करने को इच्छुक हों।
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