28 अगस्त को ऑल्ट न्यूज़ के को-फ़ाउन्डर मोहम्मद ज़ुबैर ने गाज़ियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती के फ़ेसबुक लाइव का एक हिस्सा ट्वीट किया. ज़ुबैर ने फ़ेसबुक लाइव की स्क्रीन रिकॉर्डिंग की थी. ये 2 मिनट 19 सेकेंड लंबी रिकॉर्डिंग थी. स्क्रीन रिकॉर्डिंग देखकर साफ़ पता चलता है कि नरसिंहानंद के सहयोगी यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने 4 जुलाई को अपलोड किया था.

वीडियो अब डिलीट किया जा चुका है. वीडियो में नरसिंहानंद कहते हैं, “मेरी बात सुनो … मैं अमूल्य ज्ञान दे रहा हूं … ये आपको कहीं और नहीं मिलेगा…राजनीति में आप जिन महिलाओं को देखते हैं, वे कम से कम एक पुरुष राजनेता की रखैल हैं या रही हैं.” नरसिंहानंद ने समाजवादी पार्टी और भाजपा की राजनीति में महिलाओं को निशाना बनाकर इस तरह की अश्लील और सेक्सिस्ट टिप्पणी की थी और आगे भी वो ऐसी बाते करते रहे.

संयोग से नरसिंहानंद के ख़िलाफ प्रतिक्रिया उन लोगों की ओर से आई जिन्होंने पहले उनका समर्थन किया था. इनमें भाजपा समर्थक शेफ़ाली वैद्या और भाजपा नेता कपिल मिश्रा शामिल हैं. कपिल मिश्रा ने नरसिंहानंद को एक “जिहादी” मानसिकता से पीड़ित निराश व्यक्ति बताया. साथ ही कहा कि ये जगदम्बा मंदिर में बैठने योग्य नहीं है. अप्रैल में कपिल मिश्रा ने नरसिंहानंद के लिए एक क्राउडफ़डिंग अभियान को बढ़ावा दिया था जिससे 25 लाख रुपये जुटाए गए थे.

ऐसी प्रतिक्रियाओं के बाद नरसिंहानंद ने एक वीडियो पोस्ट कर सफ़ाई देते हुए कहा, “ये जो वीडियो वायरल हो रहा है ये बहुत पुराना वीडियो है. इस वीडियो को एडिट कर किसी ने फ़ेसबुक पर डाला है. फ़ेसबुक पर जुबैर नाम का एक जिहादी है और उसकी पूरी टीम है… आरफ़ा ख़ानम शेरवानी…बहुत सारी महिलाओं की…जिहादियों की…द प्रिंट, द वायर… ऐसी एक पूरी टीम है..इनलोगों ने उस वीडियो को उठाया बहुत बुरी तरह एडिट किया..एडिट करने के बाद जो उसका अर्थ था उसका अनर्थ कर दिया.. और इसे सोशल मीडिया पर छोड़ दिया.”

31 अगस्त को उन्होंने द प्रिंट को दिए इंटरव्यू में अपना तर्क बदल दिया. नरसिंहानंद ने बताया कि वीडियो ‘एडिट’ किया गया था. इस वीडियो में 59 सेकंड पर उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है, “वीडियो वायरल नहीं हुआ, इसे वायरल कर दिया गया. एक वीडियो जिसमें मैं [निजी तौर पर] बात कर रहा हूं. हमारे बीच एक गद्दार या ज़िहादी आया और उसने मेरे बात करते हुए का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. वो मेरा ऑफ़िसियल बयान नहीं है. वो मेरे अपने लोगों के बीच बैठ के बात है. इसे एडिट किया गया और फिर फ़ेसबुक पर अपलोड किया गया. वीडियो में जो दिखाया गया वो मैंने नहीं कहा है.”

फ़ेसबुक लाइव वीडियो एडिट नहीं किया जा सकता

4 जुलाई 2021 का फ़ेसबुक लाइव सत्यदेवानंद ने डिलीट कर दिया. ऑल्ट न्यूज़ के पास हटाई गई पोस्ट का लिंक है. एक सामान्य वीडियो अपलोड से अलग, फ़ेसबुक लाइव वीडियो रीयल-टाइम में प्रसारित होता है और इसे तभी एडिट किया जा सकता है जब लाइव प्रसारण ख़तम होने के बाद कोई इसे डाउनलोड करे. डाउनलोड करने के बाद उसे एडिट करके फिर अपलोड करना होगा.

लेकिन ऑल्ट न्यूज़ के पास उस फ़ेसबुक लाइव की एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग है जो ये प्रूव करता है कि वीडियो एडिट नहीं किया गया था. इसके अलावा हमने वीडियो डाउनलोड भी किया था जिसे आप यहां देख सकते हैं.

डिलीट किये गए वीडियो के लिंक से ये मालूम चलता है कि इसे जिस फ़ेसबुक यूज़र ने पोस्ट किया था उसकी प्रोफ़ाइल ID उस लिंक में बोल्ड करके दिखाई गयी है – fb.com/100002533247840/videos/247217473506269/

ये नंबर और सत्यदेवानंद की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल URL में दिख रही प्रोफ़ाइल आईडी एक ही है. (प्रोफ़ाइल आईडी हरे रंग से हाइलाइट की गयी है)

नरसिंहानंद और उसके सहयोगी यति सत्यदेवानंद सरस्वती (दाएं) की तस्वीर नीचे देख सकते हैं.

सत्यदेवानंद के फ़ेसबुक लाइव की स्क्रीन रिकॉर्डिंग 5 मिनट 11 सेकेंड लंबी है.

पाठक ध्यान दें कि सत्यदेवानंद की प्रोफ़ाइल पिक्चर (उपरोक्त वीडियो में देखी गई) 4 जुलाई (जिस दिन ये फ़ेसबुक लाइव हुआ था) के बाद से अपडेट कर दी गई है. लेकिन ये अभी भी उनकी प्रोफ़ाइल पर दिखती है.

फ़ेसबुक लाइव 5 मिनट से ज़्यादा लंबा था और ज़ुबैर ने 2 मिनट 19 सेकंड का वीडियो ट्वीट किया था.

उल्लेखनीय है, और पाठक इस बात की तस्दीक ख़ुद भी कर सकते हैं कि नरसिंहानंद फ़ेसबुक लाइव में 2 मिनट 26 सेकेंड से पहले कैमरे को संबोधित नहीं करते हैं. उन्हें ये पूछते हुए सुना जा सकता है, “क्या वाईफ़ाई काम कर रहा है …?” 2 मिनट 26 सेकेंड से पहले वो अपने लोगों के साथ अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे और इसी दौरान, उन्होंने महिला राजनेताओं के ख़िलाफ टिप्पणी की थी.

नरसिंहानंद ने भी द प्रिंट को कुछ ऐसा ही बताया था- “एक वीडियो जिसमें मैं [निजी तौर पर] बात कर रहा हूं. हमारे बीच एक गद्दार या जिहादी आया और उसने मेरी बात का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. वो मेरा ऑफ़िशियल बयान नहीं है. वो मेरे अपने लोगों के बीच बैठ के की गई बातचीत है.” इससे पता चलता है कि जब वो अपने लोगों के साथ बातचीत कर रहे थे तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वो फ़ेसबुक पर लाइव जा चुके थे. वीडियो के किसी हिस्से को एडिट करने का उनका दावा, पूरी तरह से ग़लत है. फ़ेसबुक के लाइव वीडियो एडिट नहीं किए जा सकते. इसके अलावा, इसे नरसिंहानंद के सहयोगी ने शेयर किया था.

https://vimeo.com/embed-redirect/594572154?embedded=true&source=vimeo_logo&owner=63385913

फ़ेसबुक लाइव के दौरान, नरसिंहानंद ने धार्मिक गतिविधियों में 20 हज़ार रुपये दान करने के लिए अपने समूह के लोगों को धन्यवाद किया था. बाद में वो हिंदू वर्चस्व के बारे में बातचीत करने लगे. उन्होंने ये कहते हुए फ़ेसबुक लाइव खत्म किया कि हिंदू भविष्य में आने वाले खतरों से अवगत हो रहे हैं और ये महसूस कर रहे हैं कि लड़ाई ही एकमात्र रास्ता है.

कुल मिलाकर, हिंदुत्व के उपदेशक यति नरसिंहानंद सरस्वती ने ग़लत आरोप लगाया कि ऑल्ट न्यूज़ के को-फ़ाउन्डर मोहम्मद ज़ुबैर और द वायर की पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने उनके फ़ेसबुक लाइव को एडिट कर वीडियो का अर्थ बदल दिया. सच्चाई ये है कि फ़ेसबुक लाइव उनके सहयोगी यति सत्यदेवानंद सरस्वती की ID से 4 जुलाई को अपलोड किया गया था. ज़ुबैर के नरसिंहानंद की घोर आपत्तिजनक बातों की ओर इशारा करने और सोशल मीडिया पर आयी प्रतिक्रियाओं के बाद सत्यदेवानंद ने लाइव वीडियो डिलीट कर दिया. राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया था कि NCW ने नरसिंहानंद के बारे में यूपी पुलिस को बताया था. 1 सितंबर को गाज़ियाबाद पुलिस ने नरसिंहानंद के ख़िलाफ तीन FIR दर्ज कीं.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.