आजकल रवीश कुमार का नाम सुनने भर से भाजपा समर्थक विचलित हो जाते हैं। रवीश की लगातार व्यवस्था और उसकी कार्यनीतियों पर सवाल उठाने वाली पत्रकारिता के चलते ये लोग उनसे अक्सर चिढ़े रहते हैं। मजेदार बात यह है कि 2014 से पहले जब रवीश यूपीए सरकार को कटघरे में खड़ा करते थे, तो कई मोदी भक्त उनकी तारीफों के पुल बांधा करते थे। इसका अंदाजा आप उस समय की इनकी ट्वीट्स के कुछ नमूनों से लगा सकते हैं. गौरतलब है कि ये सभी ट्विटर हैंडल प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा फॉलो किये जाते हैं।
2014 के बाद इनके ट्विटर हैंडल्स को देखने से लगता है कि पूरी कहानी ही पलट गयी और अब रवीश इनके सबसे बड़े दुश्मन हो गए है। इन लोगों ने रवीश के खिलाफ कई ऑनलाइन दुष्प्रचार अभियान चलाये हैं जिसका मुख्य उद्देश्य उनका चरित्र हनन करना है। इनकी तीव्रता के चलते अगस्त 2015 में रवीश को ट्विटर छोड़ना पड़ा.
इस दौरान, एनडीटीवी इंडिया पर एक के बाद एक एपिसोड में अपनी शानदार प्रस्तुति के जरिये रवीश अपने दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते रहे। इसमें जेएनयू विवाद पर उनका वह कार्यक्रंम भी शामिल है जिसमें उन्होंने काली स्क्रीन के ज़रिये कई समाचार चैनलों के भ्रामक प्रचार पर शक्तिशाली वक्तव्य दिया था। उन्होंने अपने दर्शकों से कहा था: यह अन्धेरा ही आज की टीवी की तस्वीर है.
इसी तरह, एक अन्य चर्चित एपिसोड में उन्होंने दो मूक अभिनय कलाकारों के साथ एक शो किया था, जिनमें से एक ने सोशल मीडिया ट्रोल व दुसरे ने व्यवस्था के नुमाइंदे की भूमिका अदा की थी। यह कार्यक्रम सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एनडीटीवी इंडिया पर लगाये गए एक दिन के प्रतिबन्ध के विरोध का अनूठा तरीका था। अंततः मंत्रालय ने इस प्रतिबन्ध को लागू नहीं किया।
आज 2017 में दक्षिणपंथियों द्वारा रवीश कुमार के विरुद्ध व्यापक चरित्र हनन अभियान शुरू हो गया है. इनमें सबसे नया यह आरोप है कि रवीश कुमार की बहन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और उन्हें ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है। यह अफवाह कुंदन कुमार नामक एक व्यक्ति ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल के जरिये फैलाई, जिसमें कहा गया है कि श्रीमति नीता कुमारी पाण्डेय को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक सरकारी स्कूल से भ्रष्टाचार के चलते सस्पेंड कर दिया गया है. इस शख्स का दावा है कि नीता कुमारी पाण्डेय रवीश कुमार की बहन हैं.
देखते-देखते, कई दक्षिणपंथि वेबसाइटस ने इस अफवाह को खबर की तरह फैलाना शुरू कर दिया। इनमें DainikBharat, Newsloose व कई अन्य शामिल हैं. सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थकों ने इसे और भी हवा दी। यह उन लोगों की कुछ ट्वीट्स हैं जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी जी ट्विटर पर फॉलो करते हैं:
और यह कुछ अन्य हैं जिनसे यह अफवाह वायरल हो गयी:
जिस महिला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं वह किसी भी प्रकार से रवीश से नहीं जुडी हैं। श्रीमति नीता कुमारी पाण्डेय के भाई मधुकर पांडेय ने खुद सोशल मीडिया पर यह सफाई दी है कि वे रवीश की बहन नहीं हैं उन्होंने यह भी स्पस्ट किया की वो रवीश की कोई रिश्तेदार भी नहीं है। उसी पोस्ट के कमेंट्स में उन्होंने बताया है कि श्रीमति पाण्डेय उनकी बड़ी बहन हैं:
हमने श्री मधुकर पाण्डेय से फोन पर बात की जिसमें उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट की पुष्टि करते हुए यह दुहराया कि नीता कुमारी पाण्डेय का रवीश से कोई ताल्लुक नहीं है और वे उनकी बड़ी बहन हैं। इस प्रकार दक्षिणपंथियों द्वारा फैलाए जा रहे एक और झूठ की पोल खुल गयी है।
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