15 नवंबर को इज़रायली फ़ोर्स ने “एक स्पेसिफ़ाइड एरिया में हमास के खिलाफ ऑपरेशन” के तहत गाज़ा पट्टी में अल-शिफा अस्पताल पर छापा मारा. इज़रायली सेना ने उस जगह पर हथियार मिलने का भी दावा किया है. हालांकि, हमास ने इसे फर्ज़ी बताया है. इस संदर्भ में एक क्लिप सोशल मीडिया पर अल-शिफा अस्पताल के परिसर के अंदर की शूटिंग के विज़ुअल्स के रूप में वायरल है.

X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) ब्लू यूज़र मारियो नवाफ़ल ने ये क्लिप 15 नवंबर को इस कैप्शन के साथ ट्वीट की, “ब्रेकिंग: अल शिफ़ा अस्पताल के अंदर शूटिंग का पहला फ़ुटेज. क्या इससे साबित होता है कि इस वीडियो के मुताबिक हमास अस्पताल के अंदर मौजूद था और IDF के साथ संघर्ष कर रहा था? सोर्स: कोडकोडग्रुप.” यूज़र द्वारा इस ट्वीट को डिलीट करने से पहले 5.64 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 300 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)

एक और X यूज़र सैयद मोहम्मद मरांडी ने 15 नवंबर को यही वीडियो ट्वीट किया. और दावा किया कि वीडियो में अल-शिफा अस्पताल की स्थिति दिखाई गई है और CNN और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अमेरिकी मीडिया आउटलेट इन घटनाओं को ‘वाइट’ कर रहे हैं. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 2,700 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)

@DrEliDavid‘, ‘Hassan Mafi‘, ‘@hulme_edward‘, ‘@HaniyaFatiha‘ जैसे कई और यूज़र्स ने X पर ये वीडियो ट्वीट किया.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि ‘@s_m_marandi’ के ट्वीट पर, कई यूज़र्स ने कमेंट किया था कि वीडियो असल में मिस्र का था और 2013 का था. कुछ ने ये भी ज़िक्र किया कि फ़ुटेज मिस्र के रबा अस्पताल का था. एक यूज़र ने एक यूट्यूब वीडियो का लिंक भी अटैच किया.

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इस लिंक से हमें 2013 में चैनल ट्वथेक माज़ारा का एक यूट्यूब वीडियो मिला. ये वीडियो वही है जो अभी वायरल हो रहा है. अरबी भाषा में लिखे वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है: “रबा अस्पताल में बंदियों पर भारी गोलीबारी.” आगे, हमने अरबी कीवर्ड का इस्तेमाल करके यूट्यूब पर सर्च किया और हमें वही वीडियो ‘Rassd News Network’ चैनल पर मिला. वायरल वीडियो में न्यूज़ चैनल का लोगो भी है.

वीडियो 10 साल पहले 16 अगस्त 2013 को पोस्ट किया गया था और अरबी में लिखे टाइटल का अनुवाद है: “नरसंहार के दिन राबा अस्पताल में बंदियों पर भारी गोलीबारी.”

इसके अलावा, हमने डेट फ़िल्टर के साथ की-वर्डस सर्च किया जिससे हमें 2013 में मिस्र में हुई घटना के संबंध में कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, 13 अगस्त 2013 को, मिस्र के सुरक्षा बलों ने दो शिविरों पर छापा मारा. वहां पद से हटाए गए राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थक धरना-प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए.

मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को 3 जुलाई 2013 को सैन्य नेतृत्व वाले तख्तापलट में पद से हटा दिया गया था. इसके बाद, उनके समर्थकों ने स्थानीय सरकारी कार्यालयों में आग लगा दी. इसके बाद सरकार ने राज्य की इमारतों को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को गोली मारने के आदेश जारी करने के लिए कहा.

कुल मिलाकर, ये साफ है कि वायरल वीडियो गाज़ा का नहीं है और हाल में चल रहे युद्ध से इसका कोई सबंध नहीं है. ये वीडियो 2013 का है और मिस्र का है. मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को उनके पद से हटाने के बाद हिंसा भड़क उठी थी

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