एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रही है. इसमें इस्लाम धर्म से जुड़ी टोपी पहने कुछ लोग नमाज़ पढ़ रहे हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि लॉकडाउन के बीच तमिलनाडु के वेल्लोर ज़िले में 700 लोगों के एक समूह ने एक साथ नमाज़ पढ़ी. 30 अप्रैल को एक फ़ेसबुक यूज़र विजय अजय ने ये तस्वीर शेयर करते हुए तमिल भाषा में दावा किया. तस्वीर का क्रेडिट Alamy फ़ोटो स्टॉक और जया मरगन को दिया गया है.

तमिल भाषा में लिखा गया टेक्स्ट कुछ इस तरह है, ““வேலூர் மாவட்டம் திருப்பத்தூர் டவுனில், ஜூம்மா மசூதி தெருவில் கடந்த இரண்டு நாட்களாக, நள்ளிரவு 1 மணிக்கு நடு ரோட்டிலேயே சுமார் 700நபர்கள் தொழுகையில் ஈடுபட்டு வருகின்றனர். காவல்துறையினர் உயரதிகாரிகளின் உத்திரவிற்கு கட்டுப்பட்டு, அவர்களுக்கு எந்த தொந்திரவும்!!!? மற்றும் அங்கு இரவு பணியில் இருக்கும் காவலர்கள் எவரும் தமது தொலைபேசியில் புகைப்படமோ அல்லது வீடியோவை எடுக்கக்கூடாது!??😯 என்ற உயர் அதிகாரியின் உத்தரவுக்கு கட்டுப்பட்டு கையை பிசைந்து நிற்கின்றனர்..சம்மந்தப்பட்ட காவல்துறையை சேர்ந்த நண்பர் ஒருவரின் மனக்குமுறல்..நன்றி : Jaya Murugan நன்றி : alamy stock photo”.

एक फ़ेसबुक पेज जिसका नाम है, Bjp Coimbatore Thondamuthur Assembly. इस पेज ने भी इसी दावे के साथ ये तस्वीर पोस्ट की.

फ़ैक्ट-चेक

इस तस्वीर की रिर्वस इमेज सर्च से पता चला कि ये इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश की है. जिसे अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है. स्टॉक फ़ोटो एजेंसी Alamy के अनुसार इसे 17 मई, 2018 को लिया गया था. तस्वीर का कैप्शन कहता है, “इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत. 17 मई, 2018. इलाहाबाद: इलाहाबाद में रमजान के महीने के दौरान मुसलमान तरवीह की नमाज़ अदा करते हैं. रमज़ान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है, जिस महीने में कुरान का खुलासा हुआ था. इस महीने में मुसलमानों को सुबह से सूर्यास्त तक उपवास करना होता है.” तस्वीर का क्रेडिट प्रभात कुमार वर्मा को दिया गया है.

तमिलनाडु के तिरुपथुर ज़िले की पुलिस ने भी ट्वीट के जरिये ये बताया कि सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाई जा रही है. ट्वीट में लिखा है, “इलाहाबाद में ली गई तस्वीर को ग़लत तरीके से सोशल मीडिया पर तिरुपथुर का बताया जा रहा है. गलत जानकारी फ़ैलाने वालों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ की गयी है.”

इस तरह उत्तरप्रदेश की एक पुरानी तस्वीर को तमिलनाडु का बताया गया. साथ ही ये दावा किया गया कि लॉकडाउन के बीच वेल्लोर में मुस्लिम लोगों ने इकट्ठा होकर नमाज़ पढ़ी. पिछले हफ़्ते मुंबई के एक वीडियो को इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि अहमदाबाद के जमालपुर में कई मुसलमान लोग राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान इसका उल्लंघन कर रहे हैं, जबकि ये वीडियो 23 मार्च का था.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.