भारत इस वक़्त कोरोना के केसेज़ के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर पहुंच गया है. लगभग 3 लाख केसेज़ सामने आ चुके हैं. लगातार, लॉकडाउन और अनलॉक पर बहस चल रही है. दिल्ली की हालत बद से बदतर होती जा रही है. वहां के अस्पतालों में बेड्स की समस्या, इलाज में प्राइवेट अस्पतालों के भारी-भरकम ख़र्च की समस्या आदि की बातों से सोशल मीडिया पटा हुआ है. ऐसे में इसी सोशल मीडिया पर एक सर्क्युलर-नुमा नोटिस शेयर हुई. ये सर गंगा राम हॉस्पिटल के हवाले से आया बताया जा रहा है. इसमें लिखा हुआ है कि ICMR की नयी गाइडलाइन के मुताबिक़ कोरोना पॉज़िटिव केसेज़ को घर पर आईसोलेशन में रहना होगा. छोटे-मोटे लक्षण दिखने पर भी यही फ़ॉलो किया जायेगा. इसके अलावा सर्क्युलर में कुछ दवाएं भी हैं जो कि घर पर आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पॉज़िटिव लोगों को लेने को कहा गया. बुखार आने पर और गले में दर्द वगैरह के लिए अलग से दवाइयां लिखी गयी हैं.

चूंकि ये ऐसा समय है जिसमें कोरोना को लेकर बेहद डर का माहौल बना हुआ है, ये सर्क्युलर हर जगह शेयर किया जाने लगा. ट्विटर और फ़ेसबुक के साथ-साथ व्हाट्सऐप पर भी ये ख़ूब शेयर हुआ.

A guidline for General people by Ganga Ram Hospital..

Posted by Vishal Jha on Thursday, 11 June 2020

ऑल्ट न्यूज़ को आधिकारिक एंड्रॉइड ऐप पर और व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस सर्क्युलर/नोटिस की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट्स आईं.

खुद गंगा राम हॉस्पिटल ने दी सफ़ाई

अव्वल तो हेल्थ मिनिस्ट्री या फिर किसी भी सरकारी अधिकारी के हवाले से ऐसी कोई भी ख़बर नहीं आई. यहां तक की मीडिया में सूत्रों के हवाले से आने वाली ख़बरों में भी इसे जगह नहीं मिली थी. अचानक ही एक अस्पताल से जुड़े डॉक्टर के लेटरहेड पर इस तरह की ‘बड़ी ख़बर’ का आना शुरू से ही अजीब लग रहा था.

इस मामले में सर गंगा राम अस्पताल ने फुर्ती दिखाते हुए ख़ुद ही ये साफ़ किया कि सोशल मीडिया और मेसेजिंग ऐप्स पर शेयर किये जा रहे इस नोटिस में कोई सच्चाई नहीं है और ये सर्क्युलर फ़र्ज़ी है.

हमने एहतियातन डॉक्टर राज कमल अग्रवाल से बात करने की कोशिश की. उसके लिए लेटरहेड पर लिखे मोबाइल नंबर पर कॉल किया जो कि लगातार स्विच्ड ऑफ़ आ रहा था. इसके बाद हमने सर गंगा राम हॉस्पिटल फ़ोन लगाया. ये नंबर भी लेटरहेड पर दिया गया था. इस बार फ़ोन उठा और मालूम चला कि ये नंबर सर गंगा राम कोलमेट हॉस्पिटल का था और हमारी बात फ़्रन्ट ऑफ़िस एग्ज़ेक्यूटिव से हो रही थी. उन्होंने हमें सर गंगा राम हॉस्पिटल का नंबर दिया और वहां ऑपरेटर से बात करने के बाद हमारी बात ऑन ड्यूटी डॉक्टर वरुण से हुई. डॉक्टर वरुण ने भी यही बताया कि ये एक फ़र्ज़ी सर्क्युलर है जो कि अस्पताल ने जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि ये फ़ोटोशॉप्ड हो सकता है. जब हमने डॉक्टर राज कमल अग्रवाल के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वो सर गंगा राम अस्पताल से जुड़े हुए ज़रूर हैं लेकिन उन्होंने ऐसी कोई नोटिस जारी नहीं की है और सभी को इसके अस्तित्व के बारे में तभी मालूम पड़ा जब ये वायरल होने लगा. जिसके बाद अस्पताल ने मामला साफ़ करते हुए सभी को बताया कि ये नोटिस पूरी तरह से फ़र्ज़ी है.

इस वायरल तस्वीर के बारे में पता लगाते-लगाते हम हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट तक पहुंचे जिसमें ये लिखा हुआ है कि उन्होंने डॉक्टर राज कमल अग्रवाल, जिनका नाम पर्चे में सबसे ऊपर लिखा हुआ है और नीचे उन्हीं के नाम की मुहर भी है, से बात की. हिंदुस्तान टाइम्स के साथ हुई इस बातचीत में डॉक्टर राज कमल ने बताया कि उन्होंने ऐसा कोई प्रिस्क्रिप्शन नहीं लिखा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसी को भी तबीयत ख़राब होने पर इस तस्वीर में लिखी दिख रही दवाइयां यूं ही नहीं खानी चाहिए. उसे हर हाल में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. हिंदुस्तान टाइम्स की इस रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है.

इसके अलावा हमने इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR की वेबसाइट पर गौर किया तो मालूम पड़ा कि उनकी जारी की गयी लेटेस्ट गाइडलाइन्स में कहीं भी कोविड-19 के लक्षण दिखाने वाले लोगों के लिए होम आइसोलेशन का ज़िक्र नहीं किया है. उनकी आखिरी प्रेस रिलीज़ 30 मई की दिखाई दे रही है. इसलिए ये बात और स्पष्ट हो जाती है कि ये वायरल हो रहा सर्क्युलर सच्चाई के आस पास भी नहीं फटकता है.

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Ketan is Senior Editor at Alt News Hindi.