सोशल मीडिया में प्रियंका गांधी की साड़ी पहनी हुई एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है. तस्वीर में प्रियंका गांधी के साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एक दाढ़ीवाले बुज़ुर्ग व्यक्ति को देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि ये प्रियंका गांधी की शादी के वक़्त की तस्वीर है जब उनकी शादी से पहले कुछ रस्मों के लिए मौलाना को बुलाया गया था.

फ़ेसबुक पर ये दावा खूब वायरल है.

[वायरल टेक्स्ट: सबुत सबुत करते हो चमचो ये रहा सबुत ! प्रियंका गांधी के निकाह में पधारे थे महान मौलवी।। हरामी लोग हिन्दू बोलकर हिन्दुओ का अपमान करते है। सबूत देखलो कायरो तुम्हे मूर्ख बनाने वाले मुस्लिम है।। काजी साहब निकाह पढ़ने आये थे।]

 

ये तस्वीर अप्रैल 2020 में भी वायरल थी. ट्विटर हैन्डल ‘@Callme_Varu_’ ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रियंका गांधी के विवाह के समय मौलाना और संसद सदस्य शफीकुर्र रहमान विर्क को कुछ इस्लामी रवायत निभाने के लिए क्यों बुलाया गया था ? पूछता है भारत” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 350 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट कर आर्काइव लिंक)

स्वतंत्र ठाकुर नामक यूज़र ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा को टैग किया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

इसी दावे से ये तस्वीर ट्विटर और फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर हो रही है.

फ़ैक्ट-चेक

तस्वीर में प्रियंका गांधी के साथ दिखाई दे रहे दाढ़ी वाले शख़्स इक़बाल किशन रेउ है. इकबाल किशन कश्मीरी पंडित परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके बड़े भाई का नाम स्वरूप किशन रेउ था. स्वरुप किशन रेउ कश्मीर से आने वाले पहले क्रिकेट अंपायर थे और उन्हें पद्म श्री से भी नवाज़ा गया था.

17 जुलाई 2019 को प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक तस्वीर शेयर करते हुए उसे अपनी शादी से पहले हुई पूजा की तस्वीर बताया था. गौर करने वाली बात है कि वायरल तस्वीर और प्रियंका गांधी की ट्वीट की हुई तस्वीर, दोनों में उन्होंने एक ही साड़ी पहनी हुई है.

एक कांग्रेस सदस्य से हमने बातचीत की. कांग्रेस सदस्य ने हमें पूजा की कुछ तस्वीरें भी भेजी हैं जिसमें प्रियंका गांधी को हिन्दू रिवाज़ निभाते हुए देखा जा सकता है.

आगे, पंडित रेउ के बारे में सर्च करने पर हमें “Kashmir Sentinel” का एक आर्टिकल मिला. आर्टिकल के मुताबिक, “पंडित रेउ की भर्ती रेलवे में हुई थी और साथ ही में उन्हें कश्मीरी कर्म कांड के बारे में भी पूरी जानकारी थी. वो कुल पुरोहित थे और साथ-साथ धार्मिक रीति रिवाज़ भी करवाते थे. 1996 में प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की कश्मीरी पंडितों के रिवाज़ों के अनुसार शादी करवाने के बाद उन्होंने ये काम छोड़ दिया.”

प्रियंका गांधी के बारे में “DailyO” में पब्लिश हुए एक आर्टिकल में भी इक़बाल रेउ के बारे में बताया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने पूर्व पत्रकार और Jacaranda Press की फ़ाउन्डिंग एडिटर अमृता चक से बात की. बता दें कि चक खुद भी एक कश्मीरी पंडित हैं. उन्होंने बताया, “मैं इक़बाल किशन रेउ को पर्सनली तो नहीं जानती हूं लेकिन मैंने कश्मीरी पंडित कम्युनिटी के कई लोगों से बात की और इन लोगों ने ये बात कन्फ़र्म की कि तस्वीर में दिखने वाले व्यक्ति पंडित इक़बाल किशन रेउ ही है.”

इस तरह, प्रियंका गांधी की शादी में रस्में करवाते हुए इक़बाल किशन रेउ की तस्वीर शेयर कर सोशल मीडिया में झूठा दावा किया गया कि वो एक मौलवी हैं जो कि प्रियंका गांधी की शादी में इस्लामिक रस्में करवाने के लिए पहुंचे थे. इससे ख़ुद-ब-ख़ुद ये दावा भी ग़लत साबित हो जाता है कि तस्वीर में दिखने वाले बुज़ुर्ग व्यक्ति संसद सदस्य शफीकुर्र रहमान बर्क हैं.

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