9 जून को टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 1 मिनट का एक वीडियो शेयर किया है जिसमें एक बच्चे को पकड़ी हुई महिला को कुछ पुलिसवाले ज़मीन पर गिरा देते हैं. ये सब कुछ दिन दहाड़े हुआ. बिना ये जानकारी दिये कि घटना कब हुई, TOI ने बताया कि ये वीडियो चीन का है. (आर्काइव लिंक)

कई फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है. ट्विटर यूज़र @Ethirajans ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा – ‘इसी बीच लिबरल्स ने इस वीडियो को नज़रंदाज़ कर दिया है क्यूंकि चीन को बहुत कुछ माफ़ है.” इसके बाद से इस वीडियो को 9 हज़ार से भी ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट का आर्काइव किया हुआ लिंक)

ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सऐप (+91 76000 11160) पर और ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर इस वीडियो की सच्चाई जानने की कई रिक्वेस्ट्स मिली हैं.

सही दावा मगर पुराना वीडियो

इनविड नाम के वीडियो वेरिफ़िकेशन टूल का इस्तेमाल करते हुए ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो के कई फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 2017 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.

CGTN के यूट्यूब चैनल पर 1 सितम्बर 2017 को ये वीडियो अपलोड किया गया था.

वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा हुआ था – “एक डिस्टर्बिंग वीडियो सामने आया है जिसमें एक महिला और कई पुलिस ऑफ़िसर नज़र आ रहे हैं. शुक्रवार को शंघाई में बने इस वीडियो में एक महिला दिखती है जो कि पुलिस अफ़सरों से बहस कर रही थी. उसने एक पुलिसवाले को धक्का दिया जिसके बदले में उसने महिला को ज़मीन पर पटक दिया. महिला गिर पड़ी और बच्चा बड़ी ज़ोर से सड़क के किनारे जा गिरा. पुलिस के स्टेटमेंट के मुताबिक़ ये बहस ग़लत जगह पार्किंग करने को लेकर शुरू हुई थी. पुलिस अफ़सर को बर्खास्त कर दिया गया है. महिला और बच्चे को तुरंत अस्पताल भेजा गया और उन्हें कोई भी सीरियस चोटें नहीं आई हैं.”

अरब न्यूज़ ने रिपोर्ट किया कि ये घटना 1 सितम्बर 2017 की है जब शंघाई के एक पुलिस अफ़सर ज़्हू ने ज़्हैंग को इल्लीगल पार्किंग के लिए एक पार्किंग टिकट थमा दिया. रिपोर्ट में लिखा था कि ज़्हू को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया जिसका मतलब ये था कि उसका प्रमोशन और तनख्वाह अगले 18 महीनों के लिए बंद कर दिया गया था. शाइन न्यूज़ में भी यही बात कही गयी.

अंत में, ये कहा जा सकता है कि वाकई ये घटना चीन में हुई है. लेकिन इसे घटे हुए ढाई साल हो चुके हैं. भारतीय मेनस्ट्रीम मीडिया हाउसेज़ ने भी इसे हाल ही में रिपोर्ट किया जिससे ऐसा लगा कि ये हालिया घटना है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.