2 सितंबर को कोच्चि में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन नेवी के नए ध्वज का अनावरण किया. इंडियन नेवी के ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज के मुहर से प्रेरित अष्टकोण ढ़ाल जोड़ा गया जिसके अंदर एंकर के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक है. और इसके नीचे इंडियन नेवी का आदर्श वाक्य ‘शं नो वरूणः’ लिखा है. इससे पहले ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस था जिसके बीच में राष्ट्रीय प्रतीक और उसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा था.
इस बदलाव को लेकर न्यूज़ चैनल्स पर काफी डिबेट हुए. चूंकि पहले भी 2001 में इंडियन नेवी के ध्वज में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में बदलाव किया गया था और औपनिवेशिक चिन्ह सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया था. लेकिन कुछ कारणों से 2004 में फिर से इंडियन नेवी के ध्वज में बदलाव हुआ और वापस सेंट जॉर्ज क्रॉस जोड़ा गया था. न्यूज़ चैनल्स और भाजपा नेताओं ने UPA की सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस को इसके लिए ज़िम्मेदार बताया. दावा किया गया कि ये बदलाव 2004 में सत्ता परिवर्तन के बाद हुआ जब केंद्र में UPA की सरकार थी और डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने सेंट जॉर्ज क्रॉस को इंडियन नेवी के ध्वज पर इसलिए वापस लाया क्योंकि उन्हें औपनिवेशिक चिन्ह से लगाव था.
30 अगस्त को इंडिया टुडे न्यूज़ चैनल के 5ive Live शो में ऐंकर शिव अरूर ने दावा किया कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी ने नेवी के ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया था. लेकिन 2004 में UPA सरकार ने इंडियन नेवी के ध्वज पर सेंट जॉर्ज क्रॉस को फिर से वापस लाया. इसी शो में इंडिया टुडे के मैनेजिंग एडिटर और ऐंकर गौरव सावंत ने भी ऐसा ही दावा किया. इस शो के शुरुआत में शिव अरूर ने गौरव सावंत का परिचय बताते हुए कहा कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा इंडियन नेवी के ध्वज से हटाए गए सेंट जॉर्ज क्रॉस को जब 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार में वापस इंडियन नेवी के ध्वज में शामिल किया, तब गौरव सावंत ने सबसे पहले वो स्टोरी कवर की थी. ज्ञात हो कि शिव अरूर, डिफेंस और ऐरोस्पेस न्यूज़ वेबसाइट LiveFist के फ़ाउंडर भी हैं.
31 अगस्त को शिव अरूर ने इंडिया टुडे के डिजिटल न्यूज़ वीडियो वर्टिकल NewsMO में भी दावा किया कि मनमोहन सिंह की सरकार ने सेंट जॉर्ज क्रॉस को इंडियन नेवी के ध्वज में वापस लाया. इंडिया टुडे ने इसका वीडियो भी ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)
1 सितंबर को आज तक न्यूज़ चैनल के कॉन्सलटिंग एडिटर और एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो ‘ब्लैक एंड व्हाइट‘ में दावा किया कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में इंडियन नेवी के ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉसस को हटा दिया गया था. 2004 में जब UPA की सरकार आई और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तब इंडियन नेवी के ध्वज पर सेंट जॉर्ज क्रॉस को फिर से वापस लाया गया.
2 सितंबर को कई भाजपा नेताओं और समर्थकों ने कांग्रेस पार्टी और UPA सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि 2004 में डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद कांग्रेस ने औपनिवेशिक अतीत के चिन्ह सेंट जॉर्ज क्रॉस को वापस इंडियन नेवी के ध्वज में शामिल कर दिया. भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, और भाजपा नेता ताजिंदरपाल सिंह बग्गा ने भी ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया.
राइट विंग इनफ्लूएन्सर अंशुल सक्सेना और भाजपा गोवा ने भी ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. बाद में अंशुल ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया. (आर्काइव लिंक)
इसके बाद मीडिया चैनल्स ने अपने शो में 2004 में इंडियन नेवी के ध्वज में वापस सेंट जॉर्ज क्रॉस को लाने के लिए कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज़िम्मेदार बताया.
2 सितंबर को आज तक न्यूज़ चैनल की ऐंकर चित्रा त्रिपाठी के शो ‘दंगल‘ में भाजपा प्रवक्ता ने एक ग्राफिक्स का प्रिन्ट शेयर करते हुए दावा किया कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान इंडियन नेवी के झंडे से सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया था. लेकिन कांग्रेस की सरकार ने 2004 में उसे वापस इंडियन नेवी के झंडे पर लाया. इसके बाद चित्रा त्रिपाठी ने कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा से सवाल करते हुए कहा कि ये तो सच है कि 2001 से 2004 तक ये बदलाव किये गए थे. लेकिन 2004 में सरकार बदलने के बाद सेंट जॉर्ज क्रॉस फिर लेकर आया गया. तो सवाल तो पूछा जाएगा कि इतना प्रेम किसको था उससे.
3 सितबर को इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ और चेयरमैन रजत शर्मा ने अपने शो ‘आज की बात‘ में दावा किया कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अंग्रेजों के निशानी (सेंट जॉर्ज क्रॉस) को हटा दिया था. लेकिन 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार आई और इस निशान को वापस ले आई.
फ़ैक्ट-चेक
BJP नेताओं सहित प्रमुख मीडिया चैनल्स के ऐंकर ने TV पर दावा किया कि मनमोहन सरकार में ‘सेंट जॉर्ज क्रॉस’ वाले नौसेना ध्वज की वापसी हुई थी. लेकिन ये सच नहीं है.
सबसे पहले हमने 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में हुए बदलाव से जुड़े दस्तावेज जुटाने के लिए गूगल एडवांस्ड सर्च का इस्तेमाल किया. गूगल पर डेट फ़िल्टर और वेबसाइट फ़िल्टर का इस्तेमाल करते हुए की-वर्ड्स सर्च किये. हमें भारत सरकार की प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के वेबसाइट पर मौजूद 2001 का आर्काइव मिला. 8 अगस्त 2001 को जारी की गई इस प्रेस रिलीज के मुताबिक, 15 अगस्त 2001 को इंडियन नेवी के नए ध्वज में बदलाव कर उससे सेंट जॉर्ज क्रॉस हटाने और ध्वज पर नया निशान जोड़ने की बात लिखी है. यहां से मिली जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर डेट फ़िल्टर और फ़ाइल फ़िल्टर की मदद से की-वर्ड्स सर्च किया तो हमें इस प्रेस रिलीज का ओरिजनल स्कैनड कॉपी भी प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की वेबसाइट पर मौजूद मिला. नीचे दिए ग्राफिक्स में दोनों को देखा जा सकता है.
अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए हमने लोक सभा की वेबसाइट खंगाली. हमें वहां एक Unstarred प्रश्न मिला,. शाजापुर से तत्कालीन लोकसभा सांसद थावर चंद गहलोत ने रक्षा मंत्रालय से सवाल किया था कि क्या भारतीय नौसेना के युद्धपोत और पनडुब्बियां अब तक उस पर सेंट जॉर्ज क्रॉस का विदेशी झंडा फहराया करते थे? यदि हां, तो क्या सरकार ने उक्त झंडों को बदलने की अनुमति दी है? तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फ़र्नांडीस ने 21 मार्च 2002 को इसका जवाब देते हुए कहा था कि सभी इंडियन नेवी के जहाज, पनडुब्बियां और तट प्रतिष्ठान पर भारतीय नौसेना का ध्वज है. 26 जनवरी, 1950 के बाद से इंडियन नेवी के जहाजों और पनडुब्बियों पर इंडियन नेवी का ध्वज प्रदर्शित है. यह ध्वज सफेद रंग का था जिसे रेड क्रॉस द्वारा चार भागों में विभाजित किया गया था और इसके बाएं हिस्से में भारतीय ध्वज था. 15 अगस्त 2001 से इंडियन नेवी के जहाजों, पनडुब्बियों और तट प्रतिष्ठानों पर नए इंडियन नेवी का नया ध्वज है.
2004 में इंडियन नेवी के ध्वज में हुए बदलाव के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए हमने गूगल पर डेट फ़िल्टर के साथ की-वर्ड सर्च किया. हमें रेड्डिफ की वेबसाइट पर 24 अप्रैल 2004 को प्रकाशित इससे जुड़ी एक ख़बर मिली. इस खबर के मुताबिक, 25 अप्रैल 2004 को इंडियन नेवी के ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस को वापस लाया गया. इसकी वजह थी इंडियन नेवी की शिकायत, उनका कहना था कि 2001 में ध्वज में हुए बदलाव में ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉस हटा दिया गया था और नया निशान जोड़ा गया. इसका रंग नीला होने की वजह से समुद्र और आकाश के नीले रंग से मिल जाते थे और ध्वज दूर से दिखाई नहीं देता था. ज्ञात हो कि 25 अप्रैल 2004 को अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे. डॉ. मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
जानकारी की पुष्टि करने के लिए हमने ‘द हिन्दू‘ अखबार के 24 अप्रैल, 2004 का आर्काइव चेक किया. हमें वहां भी इंडियन नेवी के ध्वज में हुए बदलाव से जुड़ी जानकारी मिली. हमें ‘फाइनेंसियल एक्स्प्रेस‘ के आर्काइव में भी इससे जुड़ी ख़बर 24 अप्रैल 2004 को प्रकाशित मिली. ये ख़बर भी इस बात का प्रमाण है कि ध्वज में बदलाव 25 अप्रैल 2004 को किया गया जब अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे.
हमने अधिक जानकारी के लिए राज्य सभा की वेबसाइट खंगाली. हमें राज्य सभा की वेबसाइट पर एक Unstarred प्रश्न मिला, तत्कालीन राज्य सभा सांसद एकनाथ के. ठाकुर ने रक्षा मंत्रालय से सवाल किया था कि क्या यह सच है कि भारतीय नौसेना अपने जहाजों, पनडुब्बियों और प्रतिष्ठानों को नए ध्वज, निशान और पेंडेंट से सजाना चाहती है? यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं? तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 14 जुलाई 2004 को इसके जवाब देते हुए कहा था – हां, 25 अप्रैल 2004 से इंडियन नेवी का नया निशान, विशिष्ट झंडे और पेंडेंट पेश किए गए हैं. ध्वज में बदलाव का कारण ये था कि पहले के झंडों में नीले और सफेद रंग का मेल था जो दूर से, खासकर समुद्र में स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता था. यानी, 2004 में जिस वक्त इंडियन नेवी के ध्वज में बदलाव हुआ था उस वक्त बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे.
कुल मिलाकर, इंडिया टुडे, आज तक, इंडिया टीवी न्यूज़ चैनल्स और भाजपा नेताओं ने झूठा दावा किया. कहा गया कि 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इंडियन नेवी के ध्वज से सेंट जॉर्ज क्रॉस हटा दिया था लेकिन जब 2004 में UPA की सरकार आई और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इंडियन नेवी के ध्वज में वापस सेंट जॉर्ज क्रॉस को जोड़ दिया. असल में 2001 और 2004 में हुए बदलाव अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुआ था. उस वक्त केंद्र में UPA की सरकार नहीं बनी थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नहीं थे.
आज तक ने 5 सितम्बर को एक फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल में BJP नेताओं के दावे को झूठा बताया और लिखा कि वाजपेयी सरकार के समय ही ये फैसला लिया गया था. लेकिन चैनल ने कहीं भी इस बात का ज़िक्र नहीं किया कि उनके खुद के कई ऐंकर्स ने TV पर ये झूठा दावा किया था. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. आज तक ने कई बार खुद ग़लत ख़बर फैलाई है और बाद में उसका फ़ैक्ट-चेक किया है.
अपडेट: ऑल्ट न्यूज़ के फ़ैक्ट-चेक के बाद इंडिया टुडे के ऐंकर शिव अरूर ने 16 सितंबर को ट्वीट करते हुए इसपर स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने 30 अगस्त वाले इंडिया टीवी के शो 5ive Live में इंडियन नेवी के ध्वज में हुए बदलाव पर हुए फ़ैक्ट-चेक के संबंध में लिखा, “हालांकि मेरा शो हाल में हुए इंडियन नेवी के ध्वज के बदलाव के बारे में था. मुझे 2004 में सेंट जॉर्ज क्रॉस का इंडियन नेवी के ध्वज पर वापसी के बारे में गलत जानकारी मिली. ये मेरे अकेले की गलती थी और इसमें कोई दुर्भावना नहीं था. हालांकि, ये गलती को कम नहीं करता है, लेकिन मैंने ये स्पष्ट कर दिया था कि ध्वज में बदलाव का प्रस्ताव इंडियन नेवी ने दिया था.”
Regarding factcheck abt my show on Navy ensign, though story was abt latest change, I did get info WRONG on 2004 re-intro of cross. FWIW, honest mistake, no malafide, but MINE alone. Doesn’t lessen error, but made it clear navy proposed change. Will re-up in morn for visibility.
— Shiv Aroor (@ShivAroor) September 15, 2022
16 सितंबर की शाम इंडिया टुडे ने 30 अगस्त के 5ive Live शो में हुई गलती पर स्पष्टीकरण दिया.
.@ShivAroor issues a clarification for attributing reintroduction of the Navy flag to UPA govt, which actually happened under the then Vajpayee sarkar in 2004 | #5iveLive pic.twitter.com/D1hBWyGjx2
— IndiaToday (@IndiaToday) September 16, 2022
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