फ़रवरी 2023 में जब से गौरक्षकों द्वारा भरतपुर निवासी नसीर और जुनैद की कथित हत्या का मामला सामने आया है, तब से हरियाणा और उसके आस-पास के इलाकों में सक्रिय राईट विंग संगठन बजरंग दल से जुड़े ‘गौ रक्षक’ मीडिया की नज़रों में बने रहे हैं. पीड़ितों के परिवारों ने हरियाणा में गौ रक्षकों का चेहरा और बजरंग दल के नेता, मोनू मानेसर और कुछ अन्य लोगों पर जुनैद की हत्या का आरोप लगाया. नासिर और जुनैद का शव एक जली हुई SUV में पाया गया था जिसके एक दिन बाद 17 फ़रवरी को बजरंग दल हरियाणा से सीधा संबंध रखने वाले एक आरोपी, रिंकू सैनी को गिरफ़्तार किया गया था.

इससे कुछ दिन पहले, 22 साल के वारिस के परिवार ने भी मोनू मानेसर और उस्की टीम पर हत्या का आरोप लगाया था. वारिस की मौत हरियाणा के नूंह क्षेत्र में गौ रक्षकों द्वारा पीछा किए जाने के दौरान एक दुर्घटना में हुई थी.

ऑल्ट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में मोनू मानेसर की प्रोफ़ाइलिंग करते समय हमने देखा कि मोनू और उस्की टीम को सोशल मीडिया, विशेष रूप से फ़ेसबुक पर अपनी उपलब्धियां शेयर करने की आदत थी. अक्सर तेज़ स्पीड से किसी गाड़ी का पीछा करने वाले वीडियोज, ऑपरेशन में शामिल टीम की तस्वीरें और उनके द्वारा कथित गौ तस्करों को पकड़ने की खबरें शामिल हैं. इन सबकी जांच करते हुए हमने ये भी देखा कि मोनू मानेसर के अलावा एक और व्यक्ति इन ऑपरेशनों के बारे में अक्सर अपडेट शेयर करता रहता था. साथ ही कभी-कभी गौ रक्षकों को आशीर्वाद भी दिया करता था. कभी-कभी उन्हें एक सफल ऑपरेशन के बाद की तस्वीरों में मुस्कुराते हुए, सफेद कपड़ों में और कमर में बंदूक लिए हुए देखा जा सकता है. हालांकि, वो इस ऑपरेशन में हिस्सा नहीं लेते हैं और शायद ही कभी उन्हें मोनू मानेसर की टीम द्वारा बंदी बनाए गए खून से लथपथ कथित ‘अपराधियों’ के साथ तस्वीरों में उन्हें देखा जा सकता है. इनका नाम है आचार्य आज़ाद सिंह आर्य.

कई मौकों पर मोनू मानेसर और आज़ाद सिंह आर्य की साथ में तस्वीर है. कई हिंदू महापंचायतों में उन्हें गौ रक्षकों के समर्थन में बोलते हुए देखा जा सकता है. मोनू मानेसर और उनकी टीम पर नासिर और जुनैद की हत्या का आरोप लगने के बाद हुई ऐसी ही एक सभा में, उन्होंने हरियाणा सरकार से ‘गौ तस्करों पर बुलडोज़र चलाने’ का आह्वान किया, ठीक उसी तरह जैसे योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में किया था.

“मैं मानिया खट्टर साहब से एक निवेदन करना चाहूंगा: आप एक दिन के लिए योगी बन जाओ. मेवात में गये क्या, एक गाय का बाल भी कोई उखार नहीं सकता. चला दो बुलडोज़र, जो गौ हत्यारे हैं, जो इनके संरक्षण में जले हुए हैं. यहां गाये क्या कुछ भी नहीं कर सकता. लेकिन 8 साल बीत गए हैं खट्टर साहब, कब योगी बनेंगे मुझे तो समझ नहीं आ रहा.”

दैनिक भास्कर की 8 अप्रैल की रिपोर्ट के मुताबिक, भरतपुर पुलिस ने आचार्य आज़ाद सहित कुछ व्यक्तियों की पहचान की थी जो जुनैद और नासिर की कथित हत्या के आरोपियों की सुरक्षा कर सकते थे. उन्हें कानूनी नोटिस जारी किए गए.

एक फ़ेसबुक पोस्ट में मोनू मानेसर ने आचार्य आज़ाद को ‘गौ रक्षा दल हरियाणा की आत्मा, हमारे आदर्श और हमारी पहचान’ और अपना ‘गुरु’ बताया है.

कौन हैं आचार्य आज़ाद सिंह आर्य?

उनके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल के मुताबिक, आचार्य आज़ाद विश्व हिंदू परिषद हरियाणा के प्रमुख हैं. वो पानीपत में रहते हैं और आर्य आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल और आर्य कन्या कॉलेज के संस्थापक हैं.

हालांकि, उनके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल को नीचे स्क्रॉल करने से पता चलता है कि वो हरियाणा में ‘गौ रक्षा दल’ के एक वरिष्ठ और सम्मानित सदस्य भी हैं. वो हरियाणा में गौरक्षकों की टीम द्वारा एक सफल ‘ऑपरेशन’ के बाद अपने सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल पर अपडेट डालते हैं जिसमें आमतौर पर तेज़ स्पीड से किसी का पीछा करना और कथित गाय तस्करों को पकड़ना शामिल है. उन्हें अक्सर टीम के साथ पोज देते हुए भी देखा जाता है.

आचार्य आज़ाद ने ‘गौ रक्षा दल’, हरियाणा द्वारा आयोजित बैठकों और कार्यक्रमों को संबोधित किया. अध्यक्ष आचार्य योगेंद्र महाराज के साथ उन्हें संगठन के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है. संयोग से, दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, आचार्य योगेंद्र महाराज को नासिर और जुनैद के मामले में कानूनी नोटिस भी दिया गया था.

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26 मार्च को आचार्य आज़ाद द्वारा संबोधित ‘गौ रक्षा महापंचायत’, ऐसी ही एक सभा जहां उन्होंने श्रीकांत पंडित के परिवार पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए राजस्थान पुलिस की बार-बार आलोचना की. नासिर और जुनैद की कथित हत्या और अपहरण के आरोपियों में से एक श्रीकांत पंडित है. श्रीकांत के परिवार ने राजस्थान पुलिस पर हिंसक छापेमारी और उनके परिवार पर हमला करने का आरोप लगाया जिसके कारण श्रीकांत की गर्भवती पत्नी ने कथित तौर पर अपना बच्चा खो दिया.

गौ-रक्षा विचारक आचार्य आज़ाद हरियाणा सरकार से एक दिन के लिए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने का आग्रह करते हैं. इसका मतलब है कि हरियाणा को मुसलमानों के प्रति उसी नज़रिए को अपनाना चाहिए जैसा कि योगी उत्तर प्रदेश में करते हैं. आचार्य आज़ाद भी अपने समर्थकों को “मुसलमानों द्वारा बनाए गए दबाव” का विरोध करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. उन्हें ये कहते सुना जाता है, “हिंदू समाज अब बर्दाश्त नहीं करेगा.” उनका ये भी कहना है कि अगर उन्हें एक दिन के लिए मेवात का SP बना दिया जाए तो एक भी गाय नहीं कटेगी.

गौरक्षा महापंचायत
हेमादास गऊशाला महेंद्रगढ ( हरियाणा )

Posted by आचार्य योगेन्द्र महाराज on Sunday, 26 March 2023

नीचे दिए गए वीडियो में आचार्य आज़ाद, मोनू मानेसर सहित गौरक्षकों के एक बड़े समूह के साथ, “जब तक तोड़ेंगें नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं” का नारा लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. जुनैद और नासिर की कथित हत्या में गिरफ़्तार रिंकू सैनी भी घटनास्थल पर मौजूद है.

यूट्यूबर अंकुर आर्या का आचार्य आज़ाद के साथ 30 मिनट का एक इंटरव्यू उसके चैनल ‘सत्य सनातन’ पर मौजूद है. वीडियो में आचार्य आज़ाद कई बार चौकसी की हिंसा को सही ठहराते हैं. इंटरव्यू में 6 मिनट 54 सेकेंड पर आचार्य आज़ाद कहते हैं, “जितने भी महापुरुष हुए हैं सभी ने ‘गौ माता’ की सेवा की है. और बहुत लोग इसमें तरह-तरह की बात भी उठाते हैं कि गौ रक्षक गुंडागर्दी करते हैं, ‘किसी को किसी के जान लेने का अधिकार नहीं है.’ मैं उनको एक बात जरुर कहूंगा, देखिए, अहिंसा ज़रूरी है लेकिन कई बार राक्षस है सामने अगर वो हिंसा पे उतारू है तो उसके साथ हिंसा का जवाब हिंसा से ही देना पड़ेगा. देश में या पूरी दुनियां में जब भी शांति आई है तो वो क्रांति के बाद ही आई है.”

11 मिनट 40 सेकेंड पर, आचार्य कहते हैं, “एक कोई गाएं काटने वाला, जिसने अपने जीवन में सैकड़ों गाएं काट दी हैं अगर उसको कोई जवाबी कार्यवाई में पुलिस की या भीड़ की या गौ रक्षकों की, वो मान लो अपराधी व्यक्ति है अगर वो मर जाता है तो बहुत ज़्यादा मॉब लिंचिंग का ड्रामा किया जाता है. मॉब लिंचिंग हो गई है लेकिन उसका बैकग्राउंड कोई नहीं देखता भई इसने कानून को ताक़ पर रख कर के कितनी गौ माता को जो है मौत के घाट उतारा है…” इंटरव्यू के अंत में अंकुर आर्या हिंदू देवताओं और इतिहास के नेताओं का उदाहरण देता है. उसके मुताबिक, ‘गौ माता’ की रक्षा के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया था. इसके बाद उन्होंने एक आलंकारिक सवाल किया, जिसमें पूछा गया कि ‘गौ रक्षक’ की वर्तमान पीढ़ी ‘गौ माता’ की रक्षा के लिए हथियारों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकती. आचार्य आज़ाद सहमति में मुस्कुराते नज़र आ रहे हैं.

यहां ये ध्यान रखना जरूरी है कि ‘गौ रक्षकों’ के इस ग्रुप में बंदूकों का इस्तेमाल एक सामान्य चीज़ है. ये लोग अक्सर अपने इन कार्यों को लाइव-स्ट्रीमिंग करते हुए ‘संदिग्ध’ वाहनों पर गोली चलाते हैं और टायर पंचर करने का टारगेट रखते हैं. ये गाड़ियां अक्सर एक ट्रक होती है जिसके पीछे खुली जगह पर व्यक्ति भी मौजूद है. मोनू मानेसर और उसके सहयोगी भी तस्वीरों और वीडियोज में बंदूकों के साथ अपने हथियारों का प्रदर्शन करते हैं, साथ ही बैकग्राउंड में बजने वाले उत्साहित गाने भी होते हैं.

आचार्य आज़ाद को भी सादे कपड़ों में हथियार लिए लोगों के एक ग्रुप के बिना शायद ही देखा जाता है, जो ‘गौ रक्षक’ की तरह लगते हैं. वो सर्किट में पूजनीय है और वो लगभग हर जगह सुरक्षा में रहते हैं. वो खुद भी बंदूक रखते हैं.

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हमें एक वीडियो मिला जिसमें आचार्य आज़ाद को हवा में पिस्तौल से फ़ायरिंग करते हुए दिखाया गया है, जो हथियारबंद लोगों से घिरे हुए हैं और उनकी जय-जयकार कर रहे हैं. फिर उन्हें एक राइफ़ल दी जाती है जिसे वो हवा में फायर भी करते हैं. घटनास्थल पर मौजूद मोनू मानेसर अपने फ़ोन पर ये सब रिकॉर्ड करते नज़र आ रहे है.

एक अन्य वीडियो में आचार्य आज़ाद को फ़ायरआर्म्स लिए कुछ लोगों के साथ एक कमरे में जाते हुए देखा जा सकता है.

आज़ाद का हिंसक गाय सतर्कतावाद का संरक्षण

हरियाणा के गौ रक्षकों द्वारा नासिर और जुनैद की कथित हत्या के साथ, हरियाणा में ‘गौ रक्षक’ सर्किट द्वारा संदिग्ध गौ तस्करों के साथ किया गया क्रूर व्यवहार सुर्खियों में आया. चीफ़ इंस्टीगेटर मोनू मानेसर इस मामले का पहला आरोपी था. अपने रिसर्च के दौरान, हमें हरियाणा सर्किट में इसी तरह के कई फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल मिले जो मोनू मानेसर के तरह ही कार्यप्रणाली का इस्तेमाल करते हैं. हरियाणा सर्किट में इन सेल्फ़-स्टाइल गौ रक्षकों के बीच एक सामान्य कड़ी, आचार्य आज़ाद सिंह आर्य हैं.

आचार्य आज़ाद की गौरक्षा दल की गतिविधियों में भागीदारी फ़ेसबुक पर उनके पोस्ट से साफ झलकती है. हालांकि, आज़ाद के कथित गाय तस्करों का पीछा करने या उन्हें पकड़ने या उनके वाहनों पर गोली चलाने के ‘ऑपरेशन’ में सक्रिय रूप से भाग लेने का ज़्यादा उदाहरण नहीं हैं. वो कभी-कभी ‘ऑपरेशन’ के बाद टीम के साथ तस्वीर खिंचवाते हैं और अक्सर फ़ेसबुक पर तस्वीरें और वीडियोज़ शेयर करते हैं.

नीचे आचार्य आज़ाद की एक फ़ेसबुक पोस्ट की तस्वीरें हैं जहां वे एक ऐसे ऑपरेशन के बारे में अपडेट दे रहे हैं जिसमें एक कथित गाय तस्कर को टीम द्वारा पकड़ा गया था. आरोपी (लाल टी-शर्ट में) के होंठ पर खून लगे हैं. पूरी टीम के साथ आचार्य आज़ाद गर्व से पोज देते नज़र आ रहे हैं.

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इसी तरह के एक फ़ेसबुक पोस्ट में आचार्य आज़ाद ने मोनू मानेसर और उनकी टीम को कथित गाय तस्करों को पकड़ने और मवेशियों को बचाने का एक और ‘सफल ऑपरेशन’ करने पर आशीर्वाद दिया. आरोपियों के चेहरे सूजे हुए और खून से लथपथ हैं जिसका मतलब है इन पर शायद हमला हुआ है.

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आचार्य आज़ाद को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, बाबा रामदेव और सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जैसे कई प्रभावशाली लोगों के साथ देखा जा सकता है.

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सितंबर 2014 की एक घटना में आर्य दल के तत्कालीन अध्यक्ष आचार्य आज़ाद पानीपत में पुलिस लाठीचार्ज में घायल हो गए थे. ये घटना तब हुई जब उत्तर प्रदेश में गायों को बूचड़खाने ले जाने वाले लोगों से जबरन वसूली करने के आरोप में नौ लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज़ किए जाने का कुछ लोग विरोध कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे आचार्य को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया.

सफेद स्कॉर्पियो

22 फ़रवरी को यानी, नासिर और जुनैद की कथित हत्या के लगभग एक हफ्ते बाद, भरतपुर पुलिस ने एक बयान जारी किया जिसमें खुलासा किया गया था कि मुख्य सबूत, यानी जुनैद और नासिर का अपहरण करने के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी एक सफेद स्कॉर्पियो मिल गई थी. पुलिस ने उनके पास मौजूद तकनीकी सबूतों के आधार पर दावा किया कि स्कॉर्पियो राजस्थान से जींद लाई गई थी. गाड़ी को जींद में एक गौशाला से बरामद किया गया था. उसकी सीटों पर खून के निशान थे.

भरतपुर पुलिस ने एक वीडियो जारी कर सफेद स्कॉर्पियो का लाइसेंस नंबर HR 70 D 4177 बताया.

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि ये स्कॉर्पियो आचार्य आज़ाद के साथ कई वीडियो में देखा जा सकता है. उनके बेटे, नारायण आर्य द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में “आचार्य आज़ाद सिंह आर्य” टेक्स्ट टॉप पर इम्पोज किया गया है, जिसमें आचार्य आज़ाद को कई लोगों और पुलिस अधिकारी के साथ कार के पास खड़े दिखाया गया है (जिनमें से एक के पास एक फ़ायरआर्म है). स्कॉर्पियो के साथ पुलिस की एक गाड़ी भी देखी जा सकती है. वीडियो 3 फ़रवरी, 2022 को पोस्ट किया गया था.

एक अन्य वीडियो में आचार्य आज़ाद हथियार लिए गार्ड्स से घिरे चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. बैकग्राउंड में वही लाइसेंस नंबर वाली स्कॉर्पियो खड़ी है.

अप्रैल 2022 में मेवात के एक वीडियो में हथियारबंद लोग सफेद स्कॉर्पियो में एक व्यक्ति को हिंसक रूप से घसीटते हुए दिख रहे हैं. कार की लाइसेंस प्लेट पर HR 70 D 4177 लिखा है, वही नंबर प्लेट जिसका इस्तेमाल जुनैद और नासिर को अगवा करने के लिए किया गया था.

अगस्त 2022 में नारायण आर्य (आचार्य के बेटे) द्वारा फ़ेसबुक पर अपलोड की गई एक तस्वीर में वही कार फिर से देखी गई. इसे अब हटा दिया गया है. कार के बोनट पर फ़ायरआर्म्स देखे जा सकते हैं.

कार के डिटेल की जांच करने पर, ऑल्ट न्यूज़ को ऑनलाइन रिकॉर्ड मिले जिससे पता चला कि ये हरियाणा गवर्मेंट की गाड़ी थी. कार के रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के रूप में चंडीगढ़ में ‘हरियाणा हेड ऑफिस’ सूचीबद्ध है.

कार के ओनरशिप की डिटेल जानने के लिए द वायर ने फ़रवरी में गोपालगढ़ स्टेशन हाउस अधिकारी राम नरेश से संपर्क किया था. उन्होंने कहा, ‘कार हरियाणा सरकार के पंचायत और विकास विभाग की थी, लेकिन उसकी नीलामी कर दी गई.’ ये पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पता है कि कार का नया मालिक कौन है, SHO नरेश ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

आचार्य का इनर सर्कल

प्रदीप पांचाल

गौरक्षक प्रदीप पांचाल के साथ आचार्य आज़ाद की प्रोफ़ाइल पर उनकी कई तस्वीरों से पता चलता है कि दोनों के बीच गहरा और व्यक्तिगत संबंध हैं. प्रदीप के जन्मदिन पर आचार्य आज़ाद ने फ़ेसबुक पर उनकी तारीफ़ करते हुए कहा, “गौ भक्त प्रदीप भापरा जी का परिचय सूर्य को दीया दिखाने के समान है. उन्होंने अपना पूरा जीवन गाय की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है, ऐसे समर्पित गौ रक्षक हैं. प्रदीप जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.” तस्वीरों में दिखाया गया है कि ज़ब्त मांस कैसा दिखता है, आज़ाद पांचाल के साथ गाय के आकार में एक स्मृति चिन्ह के साथ पोज़ दे रहे हैं, साथ ही अन्य बंदूकधारी लोगों के साथ भी पोज़ दे रहे हैं.

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फ़ेसबुक पर आचार्य आज़ाद की कवर फ़ोटो में उन्हें प्रदीप पांचाल और बंदूकों से लैस अन्य लोगों के साथ खड़ा दिखाया गया है. बेटे नारायण आर्य द्वारा अपलोड की गई एक तस्वीर में, मोनू मानेसर और प्रदीप पांचाल आचार्य के साथ पोज देते हुए वो अपने जन्मदिन का केक तलवार से काट रहे हैं.

आज़ाद का प्रदीप के साथ जुड़ाव, फ़ेसबुक पर तस्वीरों और वीडियोज के माध्यम से देखा जा सकता है. हालांकि, प्रदीप की सतर्कता का केवल एक पक्ष दिखाता है. आचार्य आज़ाद ने जिस बात का ज़िक्र नहीं किया है, वो गौ रक्षक के रूप में प्रदीप की हिंसक हरकत है.

प्रदीप के कई सारे फ़ेसबुक पेज में से एक पर अपलोड की गई रील में, उन्हें एक व्यक्ति, जो शायद एक कथित गाय तस्कर है उसे सड़कों पर घसीटते हुए और बार-बार उस पर हमला करते हुए देखा जा सकता है. कैप्शन में लिखा है, “गाये बचेगी तोह देश बचेगा.”

10 अप्रैल की एक घटना में प्रदीप पांचाल ने एक ‘ऑपरेशन’ के बारे में एक अपडेट पोस्ट किया जिसमें 12 गायों को बचाया गया था. कथित गाय तस्कर को कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ पूरे कपड़े पहने और बिना किसी चोट के देखा जा सकता है. Pardeep को टीम के साथ पोज देते हुए देखा जा सकता है.

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प्रदीप ने बाद में उसी घटना से संबंधित 12 अप्रैल को एक ग्राफ़िक शेयर किया जिस पर “जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं” टेक्स्ट इम्पोज किया गया था. तस्वीर में कथित तस्कर की तस्वीर भी शामिल है जिसका चेहरा खून से सना हुआ है और उसकी शर्ट पर खून बिखरा हुआ है. इससे पता चलता है कि पहली तस्वीर लेने के बाद तस्कर पर हमला किया गया था.

मोनू मानेसर

जैसा कि पहले भी बताया गया है, मोनू मानेसर हरियाणा में गौ रक्षक का हिंसक चेहरा हैं. वह जुनैद और नासिर की कथित हत्या के पहले आरोपियों में से एक है. उस पर वारिस खान के परिवार द्वारा वारिस खान की हत्या का भी आरोप लगाया गया था. मोनू मानेसर के प्रोफ़ाइल में हमने कई ऐसे वीडियो को हाईलाइट किया है जिसमें मोनू और उसकी टीम को संदिग्ध गाड़ियों का पीछा करते और उन पर गोली चलाते हुए देखा जा सकता है. हमने इस बात पर भी रौशनी डाली कि कैसे अभियुक्तों को उसकी टीम द्वारा पकड़े जाने के बाद अक्सर घायल (यहां तक ​​कि बेहोश) अवस्था में दिखाया जाता था.

मोनू मानेसर की हिंसक गौ रक्षा को आचार्य आज़ाद का समर्थन मिलता है. ये सीधे तौर पर हिंसा या तेज़ स्पीड से पीछा करने वाले किसी भी वीडियो को शेयर तो नहीं करते हैं, लेकिन अक्सर गौ तस्करी का मुकाबला करने में मोनू और उस्की टीम के ‘कोशिशों’ की तारीफ़ करते हैं. हिंदू महापंचायतों में जन्मदिन की पोस्ट और भाषणों के माध्यम से आचार्य आज़ाद ने मोनू को अपना मौन समर्थन अच्छी तरह से स्पष्ट कर दिया है.

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आचार्य आज़ाद के प्रति मोनू मानेसर की श्रद्धा उनके फ़ेसबुक पोस्ट से भी साफ झलकती है. नवंबर 2021 में आचार्य के जन्मदिन पर, बजरंग दल मोनू मानेसर ने उन्हें फ़ेसबुक पर बधाई दी और मोनू और आचार्य आज़ाद की कई तस्वीरें अपलोड कीं. कैप्शन में लिखा है, “हमारे आदरणीय #गुरुजी_आचार्य_आज़ाद जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई, जो गौ रक्षा दल हरियाणा की आत्मा हैं, हमारे आदर्श और हमारी पहचान हैं. हमारे गुरुजी हमेशा खुश रहें और उनका आशीर्वाद हमारी टीम पर हमेशा बना रहे.”

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यूट्यूब चैनल आशु चिंद व्लॉग्स द्वारा अपलोड किए गए मोनू मानेसर और आचार्य आज़ाद के एक वीडियो इंटरव्यू में मोनू को ये कहते हुए सुना गया है, “….गौ तस्कर को तो हम मारेंगे और ज़िंदा कटेंगे भी. उनका काम हम करेंगे और आरोप प्रतिरूप तो काम करने वाले पे लगते रहते हैं. उनमें हमें कोई दिक्कत नहीं है. हमें पता है और हमारी आत्मा को पता हमारे गुरुजन को पता और सबसे प्रिय गौ माता को पता, इससे ज़्यादा हमें किसको बताने की जरूरत नहीं है कि हम करते क्या हैं..” जबकि आचार्य आज़ाद मौन रहे और मोनू को ऐसी हिंसक धमकी देने पर खुले तौर पर अपना समर्थन दिया. ये विशेष उदाहरण आचार्य का समर्थन प्रकट करती है, जबकि मोनू के नेतृत्व में गौ रक्षकों ने कथित गौ तस्करों को परेशान करना और उन पर हमला करना और हिंसा का आह्वान करना जारी रखा है.

ऑल्ट न्यूज़ ने एक सप्ताह में कई बार फ़ोन से आचार्य आज़ाद और उनके बेटे नारायण आर्य से संपर्क करने की कोशिश की. शुरू में, उन्होंने हमारे कॉल का जवाब दिया, लेकिन बाद में वे दोनों संपर्क से बाहर हो गए. यदि दोनों में से किसी से भी हमारे सवालों का जवाब मिलता है, तो ये स्टोरी अपडेट की जाएगी.

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.