सोशल मीडिया पर एक यूट्यूब शॉर्ट वीडियो वायरल है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय वायुसेना के पायलटों पर निशाना साध रहे हैं. वीडियो में ट्रंप ने फ्रांसीसी अधिकारियों के हवाले से कहा है, “ये जेट नहीं, बल्कि पायलट हैं.” इसके बाद उन्होंने कहा कि शायद अब समय आ गया है कि भारत कुछ “उड़ान सीखने या कम से कम मैनुअल पढ़ने” की कोशिश करे. उन्होंने कहा, “आप युद्ध पैसे से नहीं जीतते, आप कौशल और नेतृत्व से जीतते हैं.”

उनका ये वीडियो भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य झड़प के बाद आया. कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से कथित तौर पर जुड़े एक आतंकी समूह द्वारा 26 नागरिकों की हत्या के कुछ दिनों बाद भारत ने पड़ोसी देश में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सैन्य हमले किए. 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर नाम से भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान ने भारी गोलाबारी की. 10 मई को युद्ध विराम की घोषणा से पहले अगले कुछ दिनों में दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया. इन झड़पों के बीच, ऐसी कुछ रिपोर्ट्स आईं कि पाकिस्तान ने भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया है और सीमावर्ती इलाकों में कुछ मलबा मिला है. फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित, राफ़ेल भारतीय वायु सेना द्वारा अन्य लड़ाकू विमानों के अलावा तैनात किए जाने वाले प्रमुख लड़ाकू विमान हैं.

‘ट्रंप ने भारतीय वायुसेना की खिल्ली उड़ाई: राफ़ेल विमान धुंआ हो गए – फ्रांस ने पायलटों को दोषी ठहराया.’ इस टाइटल वाले वायरल वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति दावा करते हैं कि पाकिस्तान ने इन विमानों को आसानी से मार गिराया, और इस विज़ुअल्स की तुलना उन्होंने वीडियो गेम कॉल ऑफ़ ड्यूटी से की. ध्यान दें कि भारतीय रक्षा बलों ने कहा कि उनके उपकरणों और सुविधाओं को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन उन्होंने न तो इस बात की पुष्टि की और न ही इस बात का खंडन किया कि उन्होंने राफ़ेल जेट खो दिए हैं.

28 मई को वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने X पर ये वीडियो शेयर किया. उन्होंने कहा कि अगर ये वीडियो फ़र्ज़ी नहीं है, तो ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप का रुख ध्यान देने लायक है. (आर्काइव)

इस आर्टिकल के लिखे जाने तक इस पोस्ट को 2 लाख 50 हज़ार बार देखा गया था.

X यूज़र बेकनआइंस्टीन (@PhotonFiasco) ने भी यूट्यूब वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया कि ट्रम्प का रुख किसी सहयोगी की तरह नहीं था. (आर्काइव)

फ़ेसबुक यूज़र भगवान जोतवानी ने 17 मई को वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि ट्रंप अपना रुख बदलते रहते हैं और उन्हें “अप्रत्याशित” बताया. (आर्काइव)

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी इसी तरह के दावे करते हुए वीडियो शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने सबसे पहले ट्रम्प के बयानों को लेकर सर्च किया और न्यूज़ रिपोर्ट की तलाश की, लेकिन ऐसा बयान पब्लिश करने वाली कोई विश्वसनीय रिपोर्ट हमें नहीं मिली.

फिर हमने वीडियो को ध्यान से देखा, मालूम चला कि ट्रम्प सिर्फ पहले चार सेकंड में दिखाई देते हैं. हमें लिप सिंक में भी साफ गलतियां मिलीं.

इसके बाद हमने वीडियो का डिस्क्रिप्शन देखा. इसमें साफ तौर पर लिखा है कि वीडियो आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके बनाया गया है और मनोरंजन के लिए है.

इसके बाद हमने ईज़ी मनी चैनल पर वीडियोज़ देखें और पाया कि उनमें से कई में ट्रम्प भारत और पाकिस्तान पर विवादास्पद टिप्पणी कर रहे हैं.

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यूट्यूब चैनल के डिस्क्रिप्शन में साफ तौर पर कहा गया है कि ये काल्पनिक भाषणों के वीडियो बनाता है, “जहां प्रसिद्ध आवाजें वो बातें कहती हैं जिन्हें दुनिया सुनना चाहती है.”

कुल मिलाकर, ये वीडियो AI की मदद से बनाया गया है और ये असली घटना का नहीं है. कम से कम इस आर्टिकल के पब्लिश होने तक तो डोनाल्ड ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. साथ ही, प्रसिद्ध कॉलमिस्ट तवलीन सिंह ने अपने पोस्ट में एक डिस्क्लेमर जोड़ा था. उन्होंने लिखा था, “अगर ये नकली नहीं है …” उनके शेयर किये जाने के बाद कई लोगों ने इस पर विश्वास किया और इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.

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