सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर प्रसारित एक वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी की रैली के लिए एक एम्बुलेंस को रोका और अस्पताल में जिस बीमार बच्चे को लाने की ज़रुरत थी, उसकी जान चली गई। “राहुल गांधी की गाड़ियों के रैले के लिए दिल्ली पुलिस ने एम्बुलेंस रोकी….एम्बुलेंस में जिन्दगी और मौत से लड़ रही बच्ची थी .और अंत में बच्ची ने दम तोड़ दिया !” –यह कैप्शन इस वीडियो को शेयर करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। इसमें पुलिस बैरिकेड के सामने खड़ी एक एम्बुलेंस दिखती है, जिसके पीछे वाहनों की एक लंबी कतार है।

 

राहुल गांधी की गाड़ियों के रैले के लिए दिल्ली पुलिस ने एम्बुलेंस रोकी,….
एम्बुलेंस में जिन्दगी और मौत से लड़ रही बच्ची थी .और अंत में बच्ची ने दम तोड़ दिया !😌

Posted by जीतू प्रियद्रशी on Friday, 3 May 2019

1:36-मिनट की यह क्लिप फेसबुक पर वायरल है।

सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसी संदेश के साथ यह वीडियो ट्विटर पर भी शेयर किया है।

2017 का वीडियो

दिल्ली में राहुल गांधी की रैली के कारण एम्बुलेंस रोकने का दावा गलत है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर वायरल यह वीडियो 2017 का है और इसे एक यूज़र प्रीत नरूला द्वारा फेसबुक लाइव के रूप में अपलोड किया गया था। मूल क्लिप लगभग दो मिनट लंबी है।

 

vips are more important then child in ambulance

Posted by Preet Narula on Friday, 31 March 2017

ऑल्ट न्यूज़ को इस घटना से संबंधित हिंदुस्तान टाइम्स की 5 अप्रैल, 2017 की एक समाचार रिपोर्ट भी मिली। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम के पास हुई थी। वह मार्ग इसलिए अवरुद्ध हुआ था, क्योंकि मलेशिया के प्रमुख का काफिला उस इलाके से गुजरना था।

रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है, “एम्बुलेंस कई कारों के पीछे फंस गई थी। हमने राह बनाई और इसे आगे ले आए। कुछ ही मिनटों में, इसे जाने दिया गया।”

ऑल्ट न्यूज़ ने भी इस वीडियो की पिछले महीने तथ्य-जांच की थी, जब यह ‘दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए एम्बुलेंस रोकी’ के रूप में वायरल हुआ था।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.