भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए दिल्ली पुलिस ने एम्बुलेंस रोकी,…. एम्बुलेंस में जिन्दगी और मौत से लड़ रही बच्ची थी .और अंत में बच्ची ने दम तोड़ दिया !
उपरोक्त संदेश, एक वीडियो के साथ सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया है। इस वीडियो में पुलिस बैरिकेड के सामने एक एम्बुलेंस खड़ी दिखती है, जिसके पीछे वाहनों की एक लंबी कतार है।
दिखा दी अपनी औखात भाजपा सांसद मनोज तिवारी
👇👇 भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए दिल्ली पुलिस ने एम्बुलेंस रोकी,एम्बु में जिन्दगी और मौत से लड़ रही बच्ची थी और अंत में बच्ची ने दम तोड़ दिया,आज आपने शेयर नही किया तो आपके साथ भी ये हो सकता है आज ये वीडियो हर जगह भेज दो pic.twitter.com/tfZZx5KAU6— Monu Yadav (@MonuYad02765679) September 13, 2019
दावा किया गया है कि इस एम्बुलेंस को पुलिस ने रोक दिया था ताकि भाजपा सांसद मनोज तिवारी का काफिला गुज़र सके। नीचे पोस्ट किए गए इस वीडियो को 22000 से अधिक बार देखा गया है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए दिल्ली पुलिस ने एम्बुलेंस रोकी,….
एम्बुलेंस में जिन्दगी और मौत से लड़ रही बच्ची थी .और अंत में बच्ची ने दम तोड़ दिया !Posted by Azim Ammar Ahmad on Tuesday, 2 April 2019
सोशल मीडिया में 45 सेकेंड से लेकर 1:36 मिनट तक के वीडियो पोस्ट किए गए हैं। कई व्यक्तिगत यूजर्स ने यह वीडियो इसी संदेश के साथ ट्विटर और फेसबुक पर, अपनी टाइमलाइन पर पोस्ट किया है।
क्या है सच्चाई?
भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा एंबुलेंस को रोकने का दावा झूठा है। ‘मनोज तिवारी दिल्ली एम्बुलेंस’ कीवर्ड्स से खोज करते हुए ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह वीडियो पहले भी इसी दावे के साथ वायरल हुआ था। वीडियो 2017 का है, और एक यूजर द्वारा फेसबुक पर अपलोड किया गया था। यह लगभग 2 मिनट लंबा है।
vips are more important then child in ambulance
Posted by Preet Narula on Friday, 31 March 2017
यह वीडियो 1 अप्रैल, 2017 को फ़ेसबूक पर लाइव चलाया गया था और यह दर्शाता है कि पुलिस ने एम्बुलेंस को बैरिकेड से गुजरने की अनुमति नहीं दी थी। ऑल्ट न्यूज़ को इस घटना से संबंधित 5 अप्रैल, 2017 की हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम के पास हुई थी। मार्ग इसलिए बंद किया गया था क्योंकि मलेशिया के प्रधानमंत्री का काफिला उस इलाके से गुज़रने वाला था।
इस रिपोर्ट में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है, “एम्बुलेंस कई कारों के पीछे फंस गई थी। हमने राह बनाई और इसे आगे ले आए। कुछ ही मिनटों में, इसे जाने दिया गया।”
पहले, सितंबर 2018 में, टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा इस दावे की तथ्य-जांच की गई थी। मनोज तिवारी का काफिला गुजरने के लिए पुलिस ने एम्बुलेंस को रोका, इस बात में कोई सच्चाई नहीं है।
ट्विटर पर 14 सितम्बर, 2019 को inc_gaurav द्वारा किए गए ट्वीट पर बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने खुद भी स्पष्ट किया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है, जिसके बाद यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया।
@RahulGandhi is it compulsory to be a part of fake news factory if u have to be in congress? No traffic is ever stopped for any MP in Delhi or elsewhere, its an old video where international delegate was enroute In Delhi, @DelhiPolice pls register case against this @INC_GAURAV_ https://t.co/GAOuv1Mdcx
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) September 14, 2019
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