23-24 फ़रवरी 2020 की रात दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में हिंसा शुरू हुई. ये लड़ाई पहले तो CAA-NRC का विरोध करने वाले और इसके पक्ष में खड़े लोगों के बीच थी लेकिन फिर ये हिन्दू बनाम मुसलमान में बदल गयी. एक तरफ़ जहां देश के प्रधानमंत्री अमरीकी राष्ट्रपति का स्वागत कर रहे थे वहीं दिल्ली में हिंसा बढ़ रही थी. अगली रात होते-होते दुकान और घर आग के हवाले होने लगे. लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया. 26 फ़रवरी 2020 तक दिल्ली इस कटाजुज्झ का गवाह बनती रही. इस दौरान हत्याएं, लूट-पाट, आगजनी, पत्थरबाज़ी, मार-पीट लगातार चलती रही. 27 फ़रवरी से हिंसा की ख़बरें तो बंद हो गईं मगर बात इसी के इर्द-गिर्द हो रही थी. यहां से बातें बदलीं और सब कुछ ‘किसे कितनी क्षति हुई है’ पर आ अटका. लाशों के मिलने का दौर शुरू हुआ. आंकड़े सामने आने लगे. आंकड़े, जो बता रहे थे कि कौन अभी तक नहीं आया है और कौन अब कभी नहीं आएगा. दहाई में पहुंचने के बाद मौतों का सरकारी आंकड़ा 53 पर रुका.
दिल्ली दंगों में जिस मौत का सबसे ज़्यादा ज़िक्र हुआ वो थी 26 साल के अंकित शर्मा की मौत. इंटेलिजेंस ब्यूरो में कांस्टेबल पद पर तैनात अंकित शर्मा की लाश 26 फ़रवरी को चांद बाग़ इलाक़े में मौजूद एक नाले से मिली थी.
अंकित की मौत की ख़बर आते ही सनसनी फैल गयी. सनसनी असल में मौत के कारण नहीं बल्कि मौत की वीभत्सता को लेकर थी. बताया गया कि अंकित के शरीर पर 400 चाकुओं के निशान हैं. उसे 400 बार चाकू या और नुकीले हथियारों से गोदा गया और फिर उसकी लाश को नाले में फेंक दिया गया. सोशल मीडिया पर ये बात आग की तरह फैली. यहां से सब कुछ शुरू हुआ और इस 400 बार चाकू मारने की बात ने सफ़र तय करते-करते लोक सभा में कदम रखा और रिकॉर्ड में अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई.
11 मार्च 2020 को लोक सभा में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को संबोधित किया. यहां उन्होंने देश को यकीन दिलाने की कोशिश की कि पुलिस अपना काम कर रही है और दंगाइयों को, फिर वो चाहे कोई भी हो, बख्शा नहीं जायेगा. अपने लम्बे भाषण के दौरान उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को संबोधित करते हुए अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारे जाने की बात कह दी. उन्होंने कहा, “ओवैसी जी ने बड़े जूनून के साथ कहा कि मस्जिद जल गयी. ओवैसी साहब, मंदिर भी जले हैं. ज़रा तनिक इसके लिए भी दुख व्यक्त कर देते. मैं मंदिर और मस्जिद दोनों जले हैं, दोनों के लिए दुख व्यक्त करता हूं. कोई भी धर्मस्थान, चाहे गुरुद्वारा हो, चर्च हो, मंदिर हो, मस्जिद हो, नहीं जलना चाहिए. आपने ज़ुबैर का उदाहरण दिया. बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. हम नहीं छोड़ेंगे ज़ुबैर के क़ातिलों को. परन्तु साथ में IB के अफ़सर शर्मा के शरीर पर 400 घाव लगा दिए वो भी बोले होते तो सदन की शोभा बढ़ती. सदन की शोभा बढ़ती.”
भाजपा सांसद मिनाक्षी लेखी जो कि पहले ही अंकित को 400 बार चाकू लगने की बातों को ट्वीट के ज़रिये कह चुकी थीं, उन्होंने भी लोक सभा में इस बात को दोहराया. उन्होंने कहा, “और जैसे ही ये इन्वेस्टिगेशन सामने आती है, तो पता चलता है कि अंकित शर्मा नाम के एक आईबी के अफ़सर को 400 बार चाकू मारा गया. और पोस्टमॉर्टम में उसकी अंतड़ियां यानी इन्टेस्टाइन्स खींच कर बाहर निकाली गयी हों. आब मुझे बताइये किस दंगे में इस तरीक़े की हरकत करने का समय होता है?… मैं आपको ये बताना चाहती हूं कि इस तरह की घृणा और नफ़रत सिर्फ़ एक कट्टरपंथी ही कर सकता है. और उस कट्टर बात को पनपाने वाले कौन हैं, आज मुझे लगता है इस सदन को उसपर भी चर्चा करनी होगी.”
इस तरीक़े से अमित शाह और मीनाक्षी लेखी के ज़रिये इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफ़सर अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारने की बात ऑन रिकॉर्ड कही गयी. मगर इस दावे की नींव में क्या था? क्या अभी तक कोई भी सरकारी काग़ज़, कोई रिपोर्ट, कोई भी ऐसा एक दस्तावेज सामने आया था जिसने ये सिद्ध किया हो कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारे गए थे?
असल में इस सारे खेल की शुरुआत होती है एक वेबसाइट से जो कि सत्ता पक्ष और हिंदुत्व की ओर अपने झुकाव के लिए जानी जाती है. 13 मार्च को दिल्ली दंगों की दोयम दर्ज़े की और साम्प्रादायिक कवरेज के चलते इस साइट के ट्विटर अकाउंट को ट्विटर ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर लॉक कर दिया था. इसका नाम है ऑपइंडिया.
Delhi riots: Ankit Sharma was stabbed over 400 times for four to six hours, ‘never seen such mutilation in our life,’ say forensic doctorshttps://t.co/1bRnPsZWd1
— OpIndia.com (@OpIndia_com) February 27, 2020
27 फ़रवरी 2020 को, वेबसाइट पर छपे आर्टिकल के मुताबिक़, अंकित का शव मिलने के बाद ऑपइंडिया को अंकित शर्मा की कथित पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिल जाती है. बकौल ऑपइंडिया, अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से गोदा गया और फ़ोरेंसिक डॉक्टर्स ने यहां तक कह दिया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी ऐसी वीभत्स तरीके से की गयी हत्या नहीं देखी थी. अपनी रिपोर्ट में ऑपइंडिया इस बात का ज़िक्र कहीं भी नहीं करता है कि डॉक्टर्स की कही बात ‘haven’t seen such nightmarish mutilation (in their lives)’ उन्हें कहां से मालूम पड़ी. ये मालूम ही नहीं पड़ता है कि उन्होंने डॉक्टर्स से बात की या फिर किसी सूत्र के ज़रिये उन्हें ये सब मालूम चला.
यहां से इस ख़बर को खूब हवा मिली. ऑपइंडिया के इस ट्वीट को साढ़े 5 हज़ार के आस-पास बार रीट्वीट किया गया.
अब तक अंकित शर्मा को 400 बार मारे जाने की बात मेन-स्ट्रीम में आ चुकी थी. हर जगह इसी बात का हल्ला था. मामला चूंकि प्रत्यक्ष रूप से हिन्दू-मुस्लिम का हो चुका था. अंकित का क़त्ल करने वाले किस समुदाय से आते हैं उसे पुलिस इन्वैस्टिगेशन से भी पहले तय कर लिया गया. और ऐसे में इस समुदाय को कट्टर क़रार दिया जाने लगा.
27 फ़रवरी को ही रात 9 बजे टेलीकास्ट किये गए सुधीर चौधरी के DNA शो में देखा जा सकता है जहां वो अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पढ़ते हैं. सुधीर चौधरी कहीं भी अंकित के शरीर पर चाकुओं के घावों की संख्या का कोई ज़िक्र नहीं करते हैं. लेकिन वो ये ज़रूर बताते हैं कि ‘अंकित के शरीर पर चाकुओं से अनेक वार किये गए हैं. उनकी आंतों तक को बाहर निकाल दिया गया था. साथ ही उनके शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं छोड़ा गया था जिसपर चाकुओं के वार न किये गए हों.’ अपनी बात ख़त्म करने के 4 सेकंड बाद (नीचे दिए गए वीडियो में 17:20 पर) ही सुधीर चौधरी बताते हैं कि असल में ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं बल्कि मेडिको लीगल रिपोर्ट है. मेडिको लीगल रिपोर्ट असल में पुलिस द्वारा केस दर्ज़ करते वक़्त सरसरे तौर पर किये गए चेक-अप को कहा जाता है. उसमें मामले की मेडिकल एंगल से गहराई से जांच नहीं होती है. खैर, सुधीर चौधरी शो में (नीचे दिए वीडियो में 33:38 पर) तीसरी दफ़ा इस कथित पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का ज़िक्र करते हैं. इस बार वो कई बार चाकुओं के वार का ज़िक्र करने के बाद कहते हैं, “कुल मिलाकर अंकित की हत्या बहुत ही बेरहमी से की गयी थी. और अंकित का जो शरीर था, काट दिया गया था, जिससे ये पता चलता था कि जिसने भी उसकी हत्या की है, बहुत ही कट्टरता के साथ, क्रूरता के साथ और नफ़रत के साथ ये हत्या की है. आप सोचिये, ये तो डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी बॉडी उन्होंने अपने जीवन में इससे पहले कभी नहीं देखी. अब आप सोचिये जिन लोगों ने उसकी हत्या की होगी, वो लोग कितने कट्टर रहे होंगे. उनके अन्दर कितनी नफ़रत भरी होगी.”
इस पूरे शो में एक बार भी सुधीर चौधरी अंकित पर चाकुओं के वार की संख्या तो नहीं बताते हैं लेकिन काग़ज़ के एक टुकड़े से पढ़ते हुए दी जाने वाली जानकारी को कभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तो कभी मेडिको लीगल रिपोर्ट कह रहे थे.
27 फ़रवरी को अंकित शर्मा पर 400 बार चाकुओं से हुए वार के बारे में ट्वीट करने वाले बड़े रीच रखने वाले हैंडल्स ये रहे –
1. अभिजीत मजूमदार (पत्रकार)
2. अमृता भिंदर (मोदी इन्हें फॉलो करते हैं)
3. शुभ्रस्था (पोलिटिकल स्ट्रेटेजिस्ट, लेखिका)
4. महेश विक्रम हेगड़े (मोदी इन्हें फॉलो करते हैं)
5. सेविओ रॉडरीगेज़ (मोदी इन्हें फॉलो करते हैं)
6. नुपुर शर्मा (ऑप इंडिया की एडिटर)
7. सौम्यदीप्त (मास मीडिया मास्टर)
8. सुरेश नाखुआ (भाजपा मुंबई के प्रवक्ता)
इसके बाद ये बात हर जगह चलने लगी. हर दिशा में यही बात चल रही थी कि अंकित शर्मा को बहुत ही बेरहमी से मारा गया और उसके शरीर पर कुल 400 बार चाकुओं से वार किया गया.
2 मार्च को कपिल मिश्रा भी यही बात कहते हुए नज़र आये. उनके साथ में था यूट्यूब चैनल स्वराज्य. यहां 9:14 पर उन्होंने अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारे जाने की बात कही.
इसके 2 दिन बाद, 4 मार्च को ऑपइंडिया के एक वीडियो में एंकर से बात करते हुए कपिल मिश्रा ने फिर अंकित को 400 बार चाकू मारे जाने की बात कही –
मैं एक सवाल पूछता हूँ –
मेरी बात में ऐसा क्या था कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से मारा गया ? ऐसा क्या था कि शाहरुख बंदूक लेकर सड़को पर उतर गया?
Watch my full interview with@ajeetbharti @OpIndia_com
Click here :https://t.co/LGA94FUXi9 pic.twitter.com/rCe7QsRE6s
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 4, 2020
इसी दौरान 2 मार्च को भाजपा सांसद मिनाक्षी लेखी ने भी ट्वीट करके कहा कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकुओं से मारा गया था.
Ratan Lal, a head constable was shot dead,Intelligence Bureau officer Ankit Sharma was killed by giving him 400 stab wounds, DCP Amit Sharma’s car was burnt & beaten, is in ICU. Farid you forgot 2 ask Rana & Ayub forgot to inform u about unfinished agenda ! https://t.co/9IirBN1MSg
— Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) March 2, 2020
4 मार्च को रिटायर्ड मेजर गौरव आर्या ने ट्वीट कर के कहा कि अंकित की हत्या इसलिये हुई क्यूंकि वो इंटेलिजेंस ब्यूरो से था और इन्होने ये भी कहा कि अंकित को 400 बार चाकू मारे गए थे.
Ankit Sharma was targeted because he was from IB. He was stabbed 400 times. This was an ISIS style execution to intimidate & terrorise people. They made it public & ruthless. This was not just a killing. It was a message. https://t.co/964niVxdhr
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) March 5, 2020
जब सारी जनता 400 बार चाकू मारे जाने की बात रट्टू तोते की तरह रट रही थी, महेश विक्रम हेगड़े एक कदम आगे निकले और उन्होंने यहां तक कह दिया कि 400 बार चाकू मारने के बाद अंकित के ऊपर एसिड भी डाला गया.
Ankit Sharma was stripped NAKED to check his religion
Once it was confirmed that he was Hindu,
“M” mob stabbed him 400 times & then killed
Later acid was poured on him
But few Communals say:
* Life of Ankit cannot be more precious than the life of RIOTER Faizan
Shocking!
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) March 13, 2020
फ़ैक्ट-चेक :
इस पूरे मसले की भूमिका असल में काफ़ी बड़ी है और इसका फ़ैक्ट-चेक काफ़ी छोटा. भूमिका बड़ी इसलिये है क्यूंकि एक बेहद सिलसिलेवार तरीक़े से अंकित की मौत का सहारा लेकर एक तय समूह के ख़िलाफ़ समाज में नफ़रत भरने का काम किया गया. बिना असल में किसी भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के, बिना किसी भी सरकारी रिपोर्ट के, सरकारी और ग़ैर सरकारी पदों पर बैठे लोग इस बात को फैलाने में जुट गए कि अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारा गया. और जब इसी भेड़चाल में देश का गृह मंत्री भी शामिल हो जाए और बातें ऑन रिकॉर्ड कही जाएं तो कितनी भी छोटी बात हो, उसकी सच्चाई सामने लाई ही जानी चाहिए. और यहां तो एक अच्छे भले इंसान की जान चली गयी है.
इस पूरे मामले में दो मुख्य बातें थीं. पहली – अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारा गया. दूसरी – अंकित शर्मा को इतनी बेरहमी से मारा गया था कि कि उनकी अंतड़ियां खींच कर निकाली गयी थीं. हम एक-एक करके इन दोनों दावों के बारे में बात करेंगे.
अंकित शर्मा को 400 बार चाकू मारकर उनकी हत्या करने की बात सरासर ग़लत है. असल में अंकित के शरीर पर कुल 51 चोट के निशान थे. ये बात हमें अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मालूम चली है. दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल के विधि चिकित्सा विभाग यानी डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ोरेंसिक मेडिसिन में 27 फ़रवरी को दोपहर 2.30 बजे अंकित शर्मा का पोस्टमॉर्टम हुआ था.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के निष्कर्ष वाले सेक्शन में लिखा हुआ है कि अंकित की मौत उनके फेफड़ों और दिमाग में आई चोटों की वजह से पैदा हुए हैमरेज की वजह से हुई. इस हैमरेज के चलते उनका शरीर शॉक की स्थिति में चला गया और उनकी मौत हो गयी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में लिखी गयी चोट संख्या 18, 19, 34, 35, 36, 37 और 42 उनके लिए जानलेवा साबित हुईं. ये चोटें अपने आप में जानलेवा थीं और एक साथ मिलकर इनकी वजह से अंकित की मौत हुई.
- नुकीले या पैनी धार के हथियारों से मिली चोटों की संख्या कुल 18 है. एक चोट (चोट संख्या 42) उन्हें किसी बड़े काटने वाले हथियार से लगी थी. इसके अलावा सारी चोटें उन्हें किसी कठोर चीज़ से पीटे जाने की हैं.
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुल 13 ऐसी जगहें हैं जहां चोटों को Incised stab wound बताया गया है. चाकू या कोई भी धारदार हथियार जब शरीर में घोंपा जाता है तो बनने वाली चोट को इसी केटेगरी में रखा जाता है. अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दर्ज़ चोट संख्या 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 30 और 31 ही वो चोटें हैं जो कि Incised stab wound केटेगरी में लिखी गयी हैं.
- इसके अलावा 5 ऐसे घाव भी दर्ज़ हुए हैं जिन्हें Incised Wound की केटेगरी में रखा गया है.
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में Railway track contusion की केटेगरी में भी चोटों को रखा गया है. इस तरह की चोटें किसी गोलाकार, लम्बी और ठोस चीज़ से मारने पर नज़र आती हैं. इसमें मुख्य तौर पर रॉड, लाठी या इस तरह की चीज़ें शामिल होती हैं. इन चोटों की जगह पर लाल से नीले रंग के निशान बने हुए थे. जिन्हें रिपोर्ट में ‘red to purple’ बताकर लिखा गया है.
अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट –
अब बात अंकित शर्मा की कथित बाहर आई अंतड़ियों की – हमने इस रिपोर्ट को डॉक्टर शरफ़रोज़ सतानी को दिखाया. शरफ़रोज़ बैंगलोर बेस्ड MBBS डॉक्टर हैं. उन्होंने इस रिपोर्ट को देखकर ये कन्फ़र्म किया कि अंकित शर्मा को आंतों में या आस-पास ऐसी चोट नहीं लगी थी कि उनकी अंतड़ियां बाहर आ गयी हों. याद दिला जाए कि सुधीर चौधरी ने 27 फ़रवरी को अपने शो DNA में एक काग़ज़ से पढ़ते हुए अंकित की कथित पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या लिखा था, ये बताया था. इस दौरान उन्होंने अंकित की बाहर आई हुई अंतड़ियों की बात कही थी. और इसी के दम पर उन्होंने कहा था कि इससे मालूम चलता है कि अंकित को मारने वाले कितने कट्टर थे और नफ़रत से भरे हुए थे.
9 पन्नों की ये हाथ से लिखी गयी रिपोर्ट अंकित शर्मा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट है –
अंत में –
कुछ और मीडिया रिपोर्ट्स जो कि अंकित शर्मा के 400 घावों की ग़लत जानकारी फ़ैला रही थीं: –
ऑल्ट न्यूज़ की इस रिपोर्ट से ये साफ़ होता है कि अंकित शर्मा की मौत के बाद बिना उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखे, पढ़े इस बात को फैला दिया गया कि उसे 400 बार चाकुओं से गोदा गया और उसे इतनी बेरहमी से मारा कि उसकी अंतड़ियां बाहर आ गयीं. ये बात सोशल मीडिया तक ही महदूद नहीं रही. टीवी, अख़बारों और यहां तक कि लोक सभा में भी कही गई.
जब पहले पहल ये सामने आया कि अंकित शर्मा को असल में 400 बार चाकुओं से नहीं मारा गया है तो लोगों का कहना था कि 400 से 13 पर लाकर मामले को हल्का करने की कोशिश की जा रही है. इस कड़ी में जी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुधीर चौधरी का ट्वीट उल्लेखनीय है. उन्होंने तंज़ कसते हुए कहा कि चाकू के 12 (क्यूंकि शेखर गुप्ता ने 13 ज़ख्मों की बात लिखी थी) वारों का तो मतलब ये नहीं होता है कि अंकित शर्मा को आराम से मौत आ गई होगी और उसे कोई दर्द नहीं हुआ होगा.
Ankit Sharma stabbed 12 times not 400 times. Hence proved Ankit Sharma died a very peaceful and dignified death. His murderers should be dealt with compassion and empathy. Right ? https://t.co/WHFFamOnBL
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) March 14, 2020
ये बात एकदम सही है कि अंकित शर्मा को बेदर्द मौत मारा गया है. चाकू मारने की संख्या चाहे 400 हो या 13. मौत असल में मौत होती है और उसके आगे कुछ भी नहीं होता. अमिट सच्चाई यही रहेगी कि अंकित शर्मा अपने घर, अपने घरवालों, अपने दोस्तों के बीच वापस कभी भी नहीं आएगा. लेकिन एक दुनिया वो भी है जो वो पीछे छोड़ गया है. उस दुनिया में अभी कुछ लोग हैं जो ज़िन्दा बचे हैं और एक इंसान के तौर पर हमारी कोशिश ये होनी चाहिए कि किसी को भी ऐसी स्थिति से दो-चार न होना पड़े जैसे अंकित को होना पड़ा. स्थिति, जिसके अंत में उसके शरीर को एक भीड़ ने नाले में फेंक दिया. और अंकित की मौत पर जिस तरह का नेरेटिव बना है, ऐसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है. लगातार ये बताने की कोशिश की जा रही है कि 400 वार करने वाले लोग किस कदर कट्टर और नफ़रत से भरे हुए लोग थे और अब भी होंगे. लोगों के दिमाग़ में इस बात को भरा जा रहा है. और ये टीवी से लेकर लोक सभा में मीनाक्षी लेखी की बातों में साफ़ दिखाई देता है. मीनाक्षी लेखी जब अपनी बात कहते हुए बीच में विपक्ष से आई आवाज़ों पर चिल्ला के कहती हैं ‘सुनने की कुव्वत रखिये…’ तो उन्हें भी अपने फैक्ट दुरुस्त रखने की एक कोशिश भर तो करनी ही चाहिए थी. ट्वीट करने और लोक सभा में ऑन रिकॉर्ड बातें कहने में काफ़ी फ़र्क होता है. मीनाक्षी लेखी और अमित शाह ने इन सभी फ़र्कों को मिटा दिया.
उदाहरण के तौर पर यहां साल 2002 के गुजरात दंगों का ज़िक्र किया जाएगा. 27 फ़रवरी की सुबह गोधरा में ट्रेन जलने के बाद प्रदेश भर में हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए. हज़ारों की संख्या में मारकाट हुई. मरने वालों में दो-तिहाई से भी ज़्यादा हिस्सा मुस्लिम समुदाय से था. 28 फ़रवरी की सुबह सन्देश नाम के अख़बार ने पहले पन्ने पर जलती हुई गोधरा ट्रेन की तस्वीर छापी और लिखा – “50 हिन्दुओं को ज़िन्दा जलाया गया” इसके साथ ही उन्होंने पूरे पन्ने पर जली हुई लाशों की तमाम तस्वीरें छापीं. गवाहों का कहना है कि अख़बार के इस पन्ने की धड़ल्ले से फ़ोटोकॉपी हुई और विश्व हिन्दू परिषद्, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने गांव-गांव में इसे बांटा. इस तरह की रिपोर्टिंग से लोगों के अंदर मौजूद गुस्से को बल मिला और साम्प्रदायिकता और भी फैली.
28 फ़रवरी के इसी अख़बार के पहले पन्ने पर एक और ख़बर थी. उसमें लिखा हुआ था कि ट्रेन की बोगियों से दो लड़कियों को उठाया भी गया था और बाद में कलोल के पास एक तालाब के किनारे उनकी लाशें मिलीं. सन्देश अख़बार के मुताबिक़ उन लड़कियों का बार-बार रेप किया गया था और उनके स्तन काट दिए गए थे. अख़बार ने लिखा था – “कृत्य इतना घिनौना और वीभत्स था कि पत्थर दिल का इंसान भी रो पड़ेगा.” बाद में जांच हुई और पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में साफ़-साफ़ लिखा कि सन्देश की ये ख़बर झूठी थी और ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. (तफ़सील से पढ़ने के लिए 22 नवंबर 2002 की आउटलुक की रिपोर्ट के पॉइंट नंबर 1.9 और 1.10 पढ़ें)
किसी घटना को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने से उपजने वाले नतीजों को इससे ज़्यादा साफ़ शब्दों में सामने नहीं रखा जा सकता है. अंकित शर्मा की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा कतई नहीं होना चाहिए था. लेकिन हमें संयम बरतते हुए कम से कम इतनी तो कोशिश करनी ही चाहिए कि तथ्यों से खिलवाड़ करते हुए हम इतना आगे न निकल जाएं कि वहां से वापस घर लौट पाना ही मुश्किल लगने लगे.
एडिट: इस स्टोरी में पहले अंकित शर्मा के शरीर पर लगे घावों की संख्या 12 बताई गयी थी. लेकिन फिर हमने पाया कि असल में Incised stab wounds की संख्या 12 नहीं बल्कि 13 थी. इसलिये स्टोरी में सभी जगह इसे अपडेट किया जा रहा है.
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