कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है. सोशल मीडिया में इससे जुड़ी हुई कई भ्रामक जानकारियां शेयर की जा रही हैं. कई यूज़र्स एक तस्वीर या PDF फ़ाइल शेयर कर रहे हैं जो कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हवाले से आई दिख रही है. इसमें बताया गया है – ‘इन राज्यों में छुट्टियों की घोषणा की जाती है – महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और सिक्किम’

इसमें आगे बताया गया है –

1. दुनिया भर के विशेषज्ञों ने ये सलाह दी है कि COVID-19 नॉवल कोरोना वायरस बीमारी को फ़ैलने से रोकने के लिए भीड़ वाली
जगहों से दूर रहना चाहिए. इस बात से ये मालूम होता है कि जब तक इस बीमारी के फैलावे को रोक न दिया जाए, तब
तक भीड़ वाली जगहों से बचना चाहिए या फ़िर वहां जाना टाल देना चाहिए.
2. इसके साथ ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 14 मार्च 2020 से 21 मार्च 2020 तक छुट्टी की घोषणा की है.
3. ये छुट्टियां सभी स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल संस्थान, वर्कप्लेस (जहां 10 से ज़्यादा लोग इकट्ठा होते हों) में लागू होगी.
4. इन में से किसी भी आदेश को तोड़ने पर 5000 रु. का हर्जाना भरना पड़ेगा.

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+917600011160) और ऑफ़िशियल ऐप पर इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कुछ रीक्वेस्ट मिली हैं.

फ़ैक्ट-चेक

13 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर वायरल दावे को खारिज करते हुए एक प्रेस रिलीज़ जारी की थी. ट्वीट में उनके ऑफ़िशियल वेबसाइट का लिंक दिया हुआ है.

प्रेस रिलीज़ को 13 मार्च के दिन शाम 7 बजकर 19 मिनट पर PIB दिल्ली ने पोस्ट किया था. इसमें बताया गया है -“स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का बताकर एक फ़र्ज़ी O.M. आज प्रसारित हुआ है. इस फ़र्ज़ी O.M. का विषय है, “राज्यों में जारी की गई छुट्टियों के विषय के बारे में” और इसकी तारीख 13 मार्च, 2020 की बताई गई है. स्पष्ट किया जाता है कि ये O.M. फ़र्ज़ी है और इसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया गया था. इस मामले में ज़रूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”

इस तरह वायरल हो रहा डॉक्युमेंट जिसमें “इन राज्यों में छुट्टियों की घोषणा की गई है – महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और सिक्किम”, दरअसल फ़र्ज़ी है. इसे खुद मंत्रालय ने प्रेस रिलीज के ज़रिए खारिज किया था. ऑल्ट न्यूज़ ने कोरोना वायरस से जुड़ी हुई कई गलत जानकारियों की पड़ताल की है और UNICEF के नाम से चल रही एक फ़र्ज़ी ऐडवाइज़री की भी पड़ताल की थी.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.