किसान आंदोलनों का आज 17वां दिन है. सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके अलावा टिकरी, गाज़ीपुर और चिला (दिल्ली-नोएडा) बॉर्डर पर हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लगातार जुट रहे हैं. रिपब्लिक टीवी ने 5 दिसम्बर को रिपोर्ट किया कि दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली रैपिड ऐक्शन फ़ोर्स (RAF) और सीमा सशस्त्र बल (SSB) को तैनात किया गया है. बिज़नेस इनसाइडर ने 10 दिसम्बर को रिपोर्ट किया कि किसानों के दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे को बंद करने के प्लान को ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी.
इसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ क्लिप्स वायरल होने लगीं जिसे रिकॉर्ड करने वाले लोग कह रहे हैं कि भारतीय सेना को किसान आन्दोलन के कारण दिल्ली बुलाया गया है.
ट्विटर हैंडल @deepakvasisth (आर्काइव लिंक) ने भी कुछ ऐसा ही वीडियो शेयर किया. ये वीडियो रात में शूट किया गया था और वीडियो बनाने वाले शख्स के मुताबिक सभी मिलिट्री ट्रक एक्सप्रेस हाईवे पर हैं और वीडियो दिल्ली-गाज़ियाबाद टोल गेट के पास बनाया गया है. इसे ट्विटर हैंडल @inspiratnworld (आर्काइव लिंक) ने भी शेयर किया.
Abtu modi sarkar border se army delhi bola rahi hai
Kisan andolan ko mitane, https://t.co/RJPYTZheS1 pic.twitter.com/8a99ixRdH5— inspiration world (@inspiratnworld) December 10, 2020
इन्हीं मिलिट्री वाहनों का एक और वीडियो शेयर किया गया. इसे एक फे़सबुक यूज़र ने 10 दिसम्बर को पोस्ट किया था जहां वीडियो में शख्स दावा कर रहा है कि मोदी सरकार किसान आंदोलनों से निपटने के लिए भारतीय सेना का इस्तेमाल करने जा रही है (आर्काइव लाइव).
Delhi me army aa rahi he kisaano ke liye
Posted by Badshah Bhai Bisrya on Thursday, December 10, 2020
यूके स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साउथहॉल ने भी 30 नवम्बर को कई मिलिट्री ट्रक्स की एक क्लिप शेयर की और लिखा, “हमें रिपोर्ट्स मिल रही हैं कि दिल्ली में किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ भारतीय सेना को तैनात किया जा रहा. हम दिल्ली में कोई भी नरसंहार नहीं होने देंगे. पूरा विश्व देख रहा है.” (आर्काइव लिंक)
We’re receiving reports of the Indian army being deployed in Delhi against the peaceful farmers. We will not allow another massacre and genocide in Delhi. The world is watching @TanDhesi @SCUKofficial @BBCNews @jazzyb @johnmcdonnellMP pic.twitter.com/3Jvy7wxHuK
— Sri Guru Singh Sabha (@sgsssouthall) November 30, 2020
एक और वीडियो ट्विटर पर शेयर किया गया था जिसमें यही दावा पंजाबी भाषा में किया जा रहा था. (आर्काइव लिंक)
Looking at the movement of the Army on the highway to Delhi our man has started shitting bricks….he thinks they’re going to take the Khalistani’s to task 😂😂😂 pic.twitter.com/6lBDSMtvUc
— Eagle Eye (@SortedEagle) December 7, 2020
भारतीय सेना ने दावे को ख़ारिज किया
ऑल्ट न्यूज़ ने भारतीय सेना के सूचना अधिकारी कर्नल अमन आनंद से सम्पर्क किया. उन्होंने बताया, “जो गाड़ियां वीडियो में दिख रही हैं वो भारतीय सेना की ही हैं. हालांकि, ये दावा कि ये गाड़ियां और हथियार किसान आंदोलनों में भेजी जा रही हैं, ग़लत है.”
गौरतलब है कि वीडियोज़ में सैनिक नहीं दिख रहे हैं. हमें केवल तोपें, ट्रक और कार्गो नज़र आ रहे हैं.
इस दावे का फै़क्ट क्रेसेंडो ने पहले भी फै़क्ट चेक किया था. वित्त मंत्रालय के मीडिया एंड कम्युनिकेशन डीजी नितिन वाकंकर और रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने इस दावे का खंडन किया है.
पहले भी ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि नागरिकों द्वारा प्रदर्शन में भारतीय सेना को तैनात किया गया. लेकिन मौके की तस्वीरें देखने पर पता चलता है कि सैनिक तैनात थे, तोपें और बड़े हथियार नहीं. नीचे तस्वीर में दिख रहा है कि डिब्रूगढ़ के बोकेल में नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ़ प्रदर्शन के बाद रक्षाकर्मी फ़्लैग मार्च के लिए तैयार हो रहे हैं.
यानी, किसान आन्दोलन के कारण राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाये जाने की खबर के बाद कई लोगों ने हाईवे पर दिख रहे सेना के ट्रक और तोपों का वीडियो बनाकर शेयर किया और ग़लत दावा किया कि इन्हें किसान आन्दोलन के लिए तैनात किया जा रहा है.
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