बीजेपी के अररिया, बिहार उपचुनाव में हारने के बाद एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे अररिया का कहा जा रहा है और ये दावा किया जा रहा है कि जीतने वाले उम्मीदवार सरफराज़ आलम के समर्थकों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। इस वीडियो को नीचे देख सकते हैं।
बहुत ध्यान से ना भी देखें, तब भी ये नज़र आ जाएगा कि वीडियो में व्यक्ति के होंठों की मूवमेंट और आवाज़ के तालमेल में कुछ गड़बड़ है। ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो का ऑडियो जाँचने की ठानी। हमने तीन अलग-अलग स्त्रोतों से इसकी पड़ताल की।
1) https://youtu.be/96-RkYc0B4w (Size: 478528 bytes)
2) https://twitter.com/sachinsingh1010/status/974320452515512320 (Size: 1640713 bytes)
3) व्हाट्सएप से मिला विडियो यहां से डाउनलोड किया जा सकता है। (Size: 1553257 bytes)
ऑडियो वेव में गड़बड़
हमने Audacity नाम के एक ऑडियो एडिटिंग सॉफ़्टवेयर की मदद से इन तीन वीडियो की पड़ताल की। जो एक बात तीनों वीडियो में नज़र आई, वो ये कि दो जगहों पर ऑडियो लेवल एकदम ज़ीरो है।
ये दो जगहें लगभग इस वक़्त पर हैं
1) 0.000 और 0.140 सेकेंड
2) 18.500 और 19.400 सेकेंड पर
जहाँ से ऑडियो लेवल ज़ीरो हुआ है, उस वेव को नीचे देखिए।
Spek नाम के सॉफ़टवेयर से इस ऑडियो की पड़ताल करने पर यहाँ दिखाई देता है कि इन दोनों जगहों पर आवाज़ है ही नहीं। Spek से ली गई तस्वीर नीचे देख सकते हैं। ये दो जगहें Spek वेवफॉर्म में ज़्यादा अच्छे से दिख पा रही है।
अगर आप वीडियो सुनेंगे तो आपको बैकग्राउंड में एक वाहन की आवाज़ सुनाई देगी जो टुकटुक जैसी सुनाई पड़ती है। कुछ और भी आवाज़ सुनाई पड़ती है। ये सारी बैकग्राउंड की आवाज़ें इन दो जगहों पर ज़ीरो हो जाती हैं जो इस वीडियो के बारे में और इसकी सत्यता को लेकर शक पैदा करते हैं।
ऑडियो और वीडियो का तालमेल नहीं
जैसा कि पहले भी बताया गया कि सबसे पहली बात जो इस वीडियो को देखकर पकड़ में आती है वो ये कि ऑडियो और होंठों की मूवमेंट मैच नहीं हो रही। ये पता लगाने के लिए कि क्या ऑडियो और वीडियो एक साथ चल रहे हैं, उसके लिए हमने वीडियो के अलग-अलग फ़्रेम को उसके ऑडियो वेव के साथ जाँचा।
जो लोग दिलचस्पी रखते हैं कि एक वीडियो को अलग अलग फ़्रेम में कैसे तोड़ा जाए तो बता देते हैं कि हमने ffmpeg का इस्तेमाल करके ऐसा किया है जो एक वीडियो एडिटिंग टूल है। नीचे दी गई कमांड इस्तेमाल करने से वीडियो 30 फ़्रेम प्रति सेकंड के हिसाब से अलग-अलग फ़्रेम में बँट जाएगी और बाएँ में एक टाइम स्टैम्प आ जाएगा। टाइम स्टैम्प से आपको पता चलता है कि वीडियो की शुरूआत के हिसाब से फलां फ़्रेम की जगह कहाँ है।
ffmpeg -i ~/Videos/Araria-video.mp4 -vf "drawtext=fontfile='/home/pratik/.fonts/Open_Sans/OpenSans-Regular.ttf':'%{pts\:hms}':x=0:y=0:fontcolor=white:fontsize=20:box=1:boxcolor=black" -r 30 -f image2 /tmp/images/%05d.jpg
सभी फ़्रेम की ज़िप फ़ाइल को यहाँ से डाउनलोड किया जा सकता है।
इन सभी तस्वीरों से हमने कोलाज बनाए ताकि व्यक्ति के होंठों की पोज़ीशन को देखा जा सके। नीचे वाले कोलाज में 3.100 सेकेंड से लेकर 3.767 सेकेंड वाले फ़्रेम हैं।
इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि दांई ओर के व्यक्ति का मुँह खुला दिखाई दे रहा है जबकि बाक़ी दो लोग चुप हैं। दायें व्यक्ति का मुँह 3.200 सेकेंड से लेकर 3.700 सेकेंड तक खुला है। अगर ऑडियो इसी वीडियो का है तो ऑडियो वेव में ऑडियो लेवल भी बढ़ा दिखना चाहिए था। पर क्या ऐसा है?
ऑडियो वेव में 3.250 सेकेंड से लेकर 3.500 सेकेंड तक आडियो लेवल ना के बराबर है। इससे पता चलता है कि दाएँ खड़ा व्यक्ति का मुँह तो खुला है और बोलता दिखाई दे रहा है लेकिन इस अवधि में ऑडियो लेवल ना के बराबर है। ये दिखाता है कि ऑडियो और वीडियो का तालमेल नहीं है।
ऊपर लिखी गई बातों की वजह से ये ज़रूरी हो जाता है कि वीडियो की सत्यता किसी सर्टिफाइड फ़ोरेंसिक लैब से जाँची जाए। आजकल ऐसे सोफ़्टवेयर आसानी से उपलब्ध हैं जिनकी मदद से किसी वीडियो पर दूसरी आवाज़ डब की जा सकती है तो ऐसे में पत्रकारों और न्यूज़ चैनलों को ख़ुद से पड़ताल किए बिना इन वीडियो को और फैलाने से बचना चाहिए।
सरफराज आलम की जीत के बाद लगे थे पाक जिंदाबाद के नारे, FIR दर्ज
Live: https://t.co/fOz5QPkk43 #Khabardar pic.twitter.com/jiLt965hfd— आज तक (@aajtak) March 15, 2018
Moments after BJP loss in Araria, Bihar, locals were caught raising anti-India slogans. Ground report by Shyam pic.twitter.com/uizpqIL10J
— TIMES NOW (@TimesNow) March 16, 2018
Who are these chaps chanting 'Bharat Tere Tukde Honge' at Araria Bihar? Police have registered an FIR, must probe. What kind of a RJD victory chant is this? Identify, interrogate & punish these elements. Chants today could be something more sinister tomorrow. https://t.co/tgnPqct96D
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) March 15, 2018
इस तरह की वीडियो किसी क्षेत्र के समुदायों में द्वेष पैदा कर सकती है और किसी राजनीतिक हित के लिए भी ग़लत इस्तेमाल की जा सकती है। इसलिए ये ज़रूरी हो जाता है कि जब ऐसी वीडियो वायरल होने लगें तो मुख्यधारा की मीडिया ऐसी वीडियो को और फैलाने से पहले ध्यान दे।
#Bihar: 2 men, named Sultan Aazmi & Shehjad, arrested over viral video from #Araria, that showed people raising anti-India slogans.
— ANI (@ANI) March 16, 2018
इस वीडियो को लेकर दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और उम्मीद है कि पुलिस की जाँच के बाद इस वीडियो की सच्चाई सामने आएगी। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही इस वीडियो की आवाज़ की पड़ताल से तो इस पर कई सवाल खड़े होते हैं। इसलिए इस वीडियो की एक विस्तृत फोरेंसिक जांच किए जाने की ज़रूरत है।
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