साल 2012 में निर्भया गैंगरेप ने पुरे देश को झकझोड़ के रख दिया था। 23 साल की ‘निर्भया’ के बलात्कार और क्रूरता से हत्या के विरोध में देश के सभी हिस्से में क्रोध दिखा। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से पांच को दोषी ठहराया गया था। उन छह में से एक नाबालिग था जिस कारण इस मामले के फैसले पर बहुत विवाद उभरा था क्योंकि नाबालिग होने के कारण उसे तीन साल के लिए सुधार गृह भेजा गया था।
अभी सोशल मीडिया पर इसी नाबालिग से जुड़ी एक अफवाह फैलाई जा रही है जिसमें कहा जा रहा है, “मोहम्मद अफरोज निर्भया रेप और हत्या केस का पांचवा दोषी, जो सबसे ज्यादा क्रूर और विकृत था (जिसने पीड़ित के शरीर में स्टील की रॉड डाली) नाबालिग होने की वजह से वह मौत की सजा से बच निकला। वह अब सुधार गृह से बाहर आ चूका है और दिल्ली से गायब होकर दक्षिण भारत में रहने की खबर है। वह किसी होटल या कहीं काम कर रहा हो सकता है और कोई उसे पहचान भी नहीं सकता। इसीलिए कृपया इस मेसेज और तस्वीर को शेयर करते रहे। उसे कहीं भी काम करने लायक ना रहने दें ताकि इस घिनौने काम को वो न दोहराए। “ (अनुवाद)
इस वायरल मेसेज के मुताबिक उस नाबालिग का नाम मोहम्मद अफरोज है जो अब ‘दिल्ली से गायब’ है और दक्षिण भारत में रहने लगा है जहाँ वह शायद किसी होटल में काम कर रहा है। यह मेसेज सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि इस तस्वीर में दिखाई देने वाला व्यक्ति वही नाबालिग आरोपी है। व्हाट्सएप के अलावा यह मेसेज ट्विटर पर करीब जून 2017 से फ़ैल रहा है।
Pl RT. Recollect this cruel boy Mohammed Afroz of Nirbhaya case who inserted steal rod into victim ? Now out of juvenile home and is not traceable. Likely working in some hotels in south India. Kindly watch out for him pic.twitter.com/T7JIPjdNxd
— Col NR Kurup (@colnrkurup) March 8, 2018
फेसबुक पर भी इसी तस्वीर के साथ कई पोस्ट देखे जा सकते है। बड़ी संख्या में यूजर और कई पेज इस तस्वीर और इसके साथ मेसेज को फैला रहे हैं।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की जाँच की तो पाया कि जिस तस्वीर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह उसी नाबालिग आरोपी की तस्वीर है वो दरअसल एक ट्विटर अकाउंट @anehabeti से लिया गया है। यह अकाउंट 2010 में बनाया गया था और अभी तक इस अकाउंट से सिर्फ दो ट्वीट किए गए हैं, अंतिम ट्वीट 6 सितम्बर 2013 को किया गया था।
इस मामले में उस आरोपी को दिसम्बर 2012 में उस घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। नाबालिग आरोपी को अगस्त 2013 में 3 साल के लिए सुधार गृह भेजने की सजा सुनाई गई थी और दिसंबर 2015 में उसे रिहा किया गया था। तो इस तरह यह नामुमकिन है कि आरोपी सितम्बर 2013 में सुधार गृह से ट्वीट करे। इसलिए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ना तो वह ट्विटर अकाउंट @anehabeti और ना ही इससे ली गयी तस्वीर उस आरोपी की है। इसलिए, सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर फैलाई जा रही यह तस्वीर उस नाबालिग आरोपी की नहीं है।
इसके अलावा अधिकारिक रूप से कहीं भी उस नाबालिग आरोपी का नाम उजागर नहीं किया गया है क्योंकि कानून के मुताबिक किसी नाबालिग आरोपी की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। फिर भी सोशल मीडिया पर यह अटकलें लगायी जा रही है। यहां तक कि सोशल मीडिया पर चल रहा यह अफवाह पुलिस के ध्यान में भी लाया गया था।
@DelhiPolice @MumbaiPolice this message is circulating on twitter and whatsapp, is this news correct, @anehabeti account is active on twitter. @rsprasad pic.twitter.com/agQWoPcZpo
— प्राजक्त (Prajakt) (@PrajaktThale) March 6, 2018
दिल्ली से गायब होने के बाद दक्षिण भारत के किसी होटल में उस नाबालिग आरोपी के काम करने वाली अटकलें मई 2017 में उभरा था कि कैसे निर्भया मामले का वह नाबालिग आरोपी गुप्त रह रहा है। वह किसी गैर सरकारी संगठन की देख-रेख में था। यह खबर प्रमुख समाचार संगठन इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टुडे, और डेक्कन क्रोनिकल ने भी रिपोर्ट की थी। इसलिए यह जानकारी कि वह दक्षिण भारत में काम कर रहा है, नई नहीं है और यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह है कि वे विभिन्न प्लेटफार्मों से प्राप्त किए जाने वाले जानकारी में सावधानी बरतें, क्योंकि अक्सर उनमें शामिल जानकारी या तो प्रेरित या संदिग्ध होती है, जैसा कि इस उदाहरण में देखा जा सकता है।
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