“हिंदुओं का हर रीति-रिवाज विज्ञान से घिरा है और हर आधुनिक भारतीय उपलब्धि, हमारे प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की देन है। हमने हाल ही में एक प्रख्यात वैज्ञानिक और ब्रह्माण्ड विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग को खो दिया है। उन्होंने काफी प्रभावपूर्ण तरीके से ये कहा था कि हमारे वेदों में ऐसा सिद्धांत हो सकता हैं जो आइंस्टाइन के थ्योरी E=mc^2 से बेहतर हो। (अनुवाद)” ये शब्द विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन के हैं। उन्होंने 16 मार्च को इम्फाल में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 105वें उद्घाटन सत्र में यह दावा किया था।
#ISC2018 –Each and every custom and ritual of Hinduism is steeped in science; every modern Indian achievement is a continuation of our ancient scientific achievement. Even Stephen Hawking said, our Vedas might have a theory superior to Einstein’s law E=MC2. @moefcc @IndiaDST pic.twitter.com/QP9PbLElCd
— Dr. Harsh Vardhan (@drharshvardhan) March 16, 2018
इंडियन एक्सप्रेस ने भी लिखा कि जब हर्षवर्धन से इस जानकारी की श्रोत के बारे में पूछा गया तो उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था। ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे के आधार पर गौर करने का फैसला किया। हमने पाया कि यह दावा कि वेदों में आइंस्टाइन के थ्योरी से बेहतर ज्ञान का भंडार हो सकता है, यह बिल्कुल नया दावा नहीं है और काफी समय से यह सार्वजनिक डोमेन पर भी फ़ैल रहा है। उदहारण के लिए www.serveveda.org वेबसाइट जो खुद को (Institute of Scientific Research on Vedas) वेदों पर अनुसन्धान की वैज्ञानिक संस्थान बताता है उसने भी इस सन्दर्भ में एक लेख लिखा है। यह लेख नवंबर 2013 में लिखा गया था।
इस दावे की जाँच के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने 2011 से पहले के इस तरह के सभी स्टीफन हॉकिंग के दावे को ढूंढा। आइंस्टाइन और E=mc^2 के मूल स्रोत हमें hari.scientist नामक फेसबुक पेज पर मिला। सबसे पहले ऑनलाइन समाचार पोर्टल द प्रिंट के विज्ञान संपादक @sandygrains ने इस झूठे दावे की ओर ध्यान दिलाया था। उपर्युक्त serveveda.org के लेख का मूल श्रोत भी वही फेसबुक पेज है।
हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कि वेदों का कोई भी ऐसा संदर्भ हॉकिंग से है या नहीं, स्टीफन हॉकिंग की वेबसाइट पर भी देखा लेकिन हमें एक भी उल्लेख नहीं मिला।
यह फेसबुक पेज खुद को स्टीफन हॉकिंग का पेज बताता है और इसके सिर्फ 1500 फॉलोअर्स हैं। हालांकि, इस पेज का हैंडल @hari.scientist है जो स्पष्ट रूप से इशारा करता है कि यह प्रोफेसर हॉकिंग का आधिकारिक पेज नहीं है। स्टीफन हॉकिंग का आधिकारिक फेसबुक पेज यहां देखा जा सकता है।
इस फेसबुक पेज का पोस्ट 10 नवंबर 2011 को किया गया था जोकि नीचे देखा जा सकता है। इस पोस्ट के लिए डॉ. सकमुरी शिवारामबाबू द्वारा काम करने का उल्लेख किया गया है। इसीमें दावा किया गया कि “वेदों में आइंस्टाइन के E=mc^2 से बेहतर सिद्धांत हो सकते है।”
ऊपर का यह फेसबुक पोस्ट का सन्दर्भ serveveda.org में भी है। इसे स्पष्ट करने के लिए सर्ववेदा से श्री वेद कवी ने इसी बारे में स्टीफन हॉकिंग को मेल भेजा। हॉकिंग ने अपने जवाब में उस फेसबुक पोस्ट के दावे का जवाब देने में असमर्थ होने का खेद जताया।
यह पेज स्टीफन हॉकिंग से सम्बंधित नहीं बल्कि सिर्फ उनके नाम से है ऐसा उसी पोस्ट के कमेंट सेक्शन में उस पेज के एडमिन ने कहा, जिसे नीचे देखा जा सकता है।
आइंस्टाइन थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज थी और पूरी तरह से मनुष्य को खगोल विज्ञान और सैद्धांतिक भौतिकी को देखने के तरीके को बदलने से सम्बंधित थी। डॉ हर्षवर्धन द्वारा भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में दिया गया यह हास्यास्पद दावा केवल विडंबना ही नहीं बल्कि बहुत शर्मनाक भी है।
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