ट्विटर हैंडल @GoSlowplz ने 30 दिसंबर, 2019 को एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, “कृपया इन महिलाओं को बचाइए, क्या किया है मोदी ने।” वीडियो में एक ही दृश्य है, जिसमें महिलाओं और बच्चों को देखा जा सकता है। इसे शेयर करते हुए दावा किया गया है कि इन महिलाओं को जेल में बंद किया गया है। वीडियो के बैकग्राउंड में एक महिला की आवाज है, जो कह रही है – “भैया, वो दिन आ चूका है। इस वीडियो को देखकर आपलोग हैरान ना होइयेगा। आपलोगों को इस वीडियो को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करना है। नरेंद्र मोदी कहता है कि बेटी बचाओ, बेटी बचाओ। यहाँ देखो इस तरह से बेटी के साथ अन्याय हो रहा है, कोई मदद करने के लिए नहीं आया। भैया, अगर मेरा भाई होंगे, तो ज़रुर शेयर करेगा, अगर भाई नहीं होगा तो नहीं शेयर करेगा। भैया, इस वीडियो को देखकर आप डिलीट मत कर देना।” (आर्काइव) ये वीडियो हाल के नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध और नए डिटेंशन सेंटर बनाए जाने की ख़बरों की पृष्ठभूमि में साझा किया जा रहा है।
Plz save these ladies. What the hell have done modi. Rt pic.twitter.com/j039Qa8vwu
— Retweet Sarkar™️ (@GoSlowplz) December 29, 2019
एक अन्य @IndurChhugani ने इसे शेयर करते हुए लिखा गया है, “महिलाओं को जेल में डाला गया है, वे आपकी मदद की गुहार लगा रही हैं।” -(अनुवाद)
Ladies put in jail.
They pleading and seeking YOUR help.Retweet.pic.twitter.com/jDIFfUkaQe
— Indur Chhugani (@IndurChhugani) December 30, 2019
झूठा दावा: 4 साल पुरानी तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो में दिख रहे दृश्य को यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमने पाया कि ये तस्वीर 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है। 7 अप्रैल, 2015 को Rohingya Vision नामक यूट्यूब चैनल ने इस तस्वीर को प्रसारित किया था। इस वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, “मानव तस्करों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की वजह से एक रोहिंग्या बच्चे की मौत हो गई।” -(अनुवाद)
हमने पाया कि यूट्यूब चैनल ‘Rohingya Vision’ हर रोज़ रोहिंग्या से जुड़ी ख़बरें प्रकाशित करता है। इसके अलावा हमें यह तस्वीर कुछ अन्य वेबसाइट पर भी साल 2015 में पोस्ट की गई मिली। arakanna.com नामक अरेबिक वेबसाइट पर यह तस्वीर 15 अप्रैल, 2015 को प्रकाशित एक लेख में अपलोड की गई थी। इस लेख का शीर्षक है, “रोहिंग्या शरणार्थियों ने थाईलैंड के जेल में बलात्कार होने की शिकायत की।”- (अनुवाद)
एक अन्य वेबसाइट islahhaber.net ने इस तस्वीर पर प्रकाशित रिपोर्ट में लिखा है, “अराकान जो म्यांमार में स्थित एक राज्य है, वहां के लोग बौद्ध उत्पीड़न से बचने के लिए थाईलैंड भाग गए, लेकिन वहां के शिविरों में भी वो नहीं बच पाए। थाईलैंड में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर से अगवा किए गए सैकड़ों लोगों को कुछ लोगों द्वारा संगठित माफिया को बेचने की घोषणा की गई। थाईलैंड पुलिस द्वारा क्षेत्र में रहने के लिए संघर्ष कर रहे अरेकन को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, जिसमें कई महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था। थाईलैंड सरकार ने इस घटना के बारे में कोई बयान नहीं दिया था।” -(अनुवाद)
इस जानकारी के आधार पर हमें गूगल पर कीवर्ड्स सर्च करने से ऐसे कुछ रिपोर्ट मिले, जिसमें थाईलैंड में मानव तस्करों की शिकार हुए रोहिंग्या मुस्लिम की खबर दी गई है।
हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर की सत्यता का पता नहीं लगा पाया, लेकिन इंटरनेट पर मौजूद कुछ वेबसाइट के अनुसार, यह तस्वीर 2015 की है, जो थाईलैंड के जेलों में म्यांमार से भाग कर आए अरेकान को दर्शाती है। इस तथ्य के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह तस्वीर इंटरनेट पर 2015 से मौजूद है, इसीलिए इसका भारत में हाल की गतिविधियों से कोई संबंध नहीं हो सकता।
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