सार्वजनिक सभा में भाषण दे रहे एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा किया जा रहा है कि ये शख्स बांग्लादेशी मुस्लिम है और वो हिंदू अल्पसंख्यकों को एक हफ्ते में बांग्लादेश छोड़ने का अल्टीमेटम दे रहा है.
वायरल वीडियो में वक्ता बंगाली में कह रहा है, ”मैं तुम्हें चेतावनी देना चाहता हूं, अगर हमें न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा तो हम फिर से ऐसा करेंगे. वे अब भी साजिश रच रहे हैं. मुझे नहीं पता कि आप इसके बारे में जानते हैं या नहीं. कभी-कभी खुद को हिंदू, अल्पसंख्यक, चटगांव प्रेस क्लब, प्रेस क्लब के नेता या पत्रकार के रूप में पेश करते हैं. मैं उन लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं, बहाने मत बनाओ, देश छोड़ दो. जब तक दौड़ सकते हो तब तक दौड़ो. तुम्हारा बाप भाग गया, दादा (बड़े भाई) भाग गया, शेख हसीना भाग गई. गड़बड़ करने की कोशिश मत करो, और परेशानी पैदा मत करो. मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूं. सावधान हो जाओ. मैं तुम्हें एक सप्ताह का अल्टीमेटम दे रहा हूं. उसके बाद मैं तुमसे निपट लूंगा. जब तक मैं जीवित हूं, मैं तुमसे निपटूंगा.”
2024 के जुलाई और अगस्त में, बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए जो हिंसा में बदल गए, जिसके बाद आख़िरकार 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटना पड़ा, जो 15 सालों से पद पर थीं. उनके इस्तीफे के बाद देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले की कई ख़बरें सामने आईं. ये वीडियो भी उसी संदर्भ में शेयर किया जा रहा है; बांग्लादेश में हिंदुओं के कथित उत्पीड़न को दिखाने के लिए.
प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X हैंडल मेघ अपडेट्स (@MeghUpdates) ने 30 सितंबर को वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं को सात दिनों के भीतर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है. ट्वीट को 2.65 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 3,100 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
Hindus are being given an ultimatum to leave the country within 7 days in #Bangladesh . Saying, “Your fathers are gone, your aunts are scared, you too go away.” pic.twitter.com/PL3vBbFSIV
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 30, 2024
एक अन्य प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X यूज़र, सौरीश मुखर्जी (@me_sourish_) (जो अपने X बायो के मुताबिक, VHP पश्चिम बंगाल के मीडिया प्रभारी हैं) ने भी इसी दावे के साथ वायरल वीडियो शेयर किया. (आर्काइव)
Hindus are being given an ultimatum to leave the country within 7 days in #Bangladesh . Saying, “Your fathers are gone, your aunts are scared, you too go away.”
Can’t Bengali Hindus answer this arrogance!!!#AllEyesOnBangladeshiHindus pic.twitter.com/1nWVMXCVz5— Sourish Mukherjee (@me_sourish_) September 29, 2024
X पर कई अन्य यूज़र्स और पेजों जैसे @hindupost, और @JaipurDialogues ने वायरल क्लिप को शेयर करते हुए दावा किया कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को अल्टीमेटम जारी कर रहा है. नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं.
न्यूज़ आउटलेट एशियानेट न्यूज़ ने भी 30 सितंबर को वायरल वीडियो के साथ एक रिपोर्ट पब्लिश की. रिपोर्ट में ये ज़िक्र किया गया है कि एक नेता ने “ज़हरीला अल्टीमेटम जारी किया, जिसमें हिंदू समुदाय को सात दिनों के भीतर देश छोड़ने या विनाश का सामना करने की चेतावनी दी गई.”
फ़ैक्ट-चेक
हमें भाषण का पूरा वीडियो यूट्यूब पर मिला. वीडियो का टाइटल था, “जुलाई क्रांति के शहीदों और सेनानियों के परिवारों को समर्पित स्मारक और सांस्कृतिक संध्या में इमदाद भाई का भाषण.” ये वीडियो 28 सितंबर को ‘जुनैद अब्दुल्ला’ नामक एक यूट्यूब चैनल द्वारा पोस्ट किया गया था.
यूट्यूब पेज पर वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “जुलाई क्रांति के शहीद परिवारों और सेनानियों की स्मृति के लिए आयोजित सांस्कृतिक संध्या में सैफुद्दीन मोहम्मद इमदाद भैया का ऐतिहासिक उग्र भाषण.”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैफुद्दीन मोहम्मद इमदाद ने इस साल की शुरुआत में पड़ोसी देश को हिलाकर रख देने वाले कोटा विरोधी छात्रों के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. 5 अगस्त को चटगांव में पुलिस लाइन के पास उन्हें गोली लगी थी जिससे उनकी दाहिनी आंख की रौशनी चली गई.
सात मिनट लंबे भाषण में इमदाद उन लोगों के बारे में बात करते हैं जो विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए थे. उन्होंने ये भी बताया कि जब वो विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने उनकी आंख में गोली मार दी थी. वीडियो में 4 मिनट 36 सेकेंड पर, उन्होंने कहा: “तानाशाह (शेख हसीना) के वफादार अभी भी चटगांव की गलियों में घूम रहे हैं. मैं जानना चाहता हूं कि वे क्यों घूम रहे हैं. उनमें इतना दुस्साहस कैसे है? उन्होंने चटगांव के बोहोद्दोर हाट में छात्रों पर बेरहमी से आतंक फैलाया. वे अब भी खुलेआम क्यों घूम रहे हैं? पुलिस कहां है? हमारी सेना को शक्ति दी गई है लेकिन वे इसका इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या इसका मतलब ये है कि हमें अपने बीमार शरीर (आँखों में गोली लगने की बात) के साथ एक बार फिर संघर्ष करना होगा?… मैं फिर से विरोध नहीं करना चाहता. मैं हत्यारों को जेल में देखना चाहता हूं. मुझे इंसाफ चाहिए.” इसके बाद 5 मिनट 56 सेकेंड पर भाषण का वो हिस्सा शुरू होता है जो अब वायरल हो गया है. पूरा भाषण सुनने पर ये स्पष्ट हो जाता है कि वायरल हिस्सा बिना संदर्भ के शेयर किया जा रहा है.
वक्ता शुरू से ही अवामी लीग के समर्थकों और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बारे में बात करते हैं. भाषण के वायरल हिस्से में वो कहते हैं, “वे अभी भी साजिश रच रहे हैं. मुझे नहीं पता कि क्या आप जागरूक हैं. कभी-कभी खुद को हिंदू के रूप में, अल्पसंख्यक के रूप में, चटगांव प्रेस क्लब के रूप में, प्रेस क्लब के नेताओं के रूप में या पत्रकारों के रूप में पेश करते हैं.” जब पूरा भाषण सुना जाता है, तो ये स्पष्ट हो जाता है कि यहां “वे” का तात्पर्य अवामी लीग समर्थकों से है जो जुलाई में छात्रों के विरोध के खिलाफ थे.
महीनों तक चले आंदोलन के दौरान बांग्लादेश के कई हिस्सों में प्रदर्शनकारी छात्रों की अवामी लीग समर्थकों से झड़प हुई. ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट्स यहां और यहां पढ़ी जा सकती हैं.
कुल मिलाकर, वायरल भाषण में बांग्लादेश में हिंदुओं पर उत्पीड़न या धमकी नहीं दिखाई गई है. वीडियो में वक्ता छात्र आंदोलन के नेता हैं. उनका दावा है कि अवामी लीग और उसकी नेता शेख हसीना के समर्थक और सहयोगी अभी भी चटगांव में घूम रहे हैं. वो उन्हें अल्टीमेटम जारी कर रहे हैं.
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