वेब सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ के निर्माताओं में से एक अनुभव सिन्हा को सीरीज में दिखाए गए दो आतंकियों के लिए कोड नाम ‘भोला’ और ‘शंकर’ इस्तेमाल करने के लिए सोशल मीडिया पर राईटविंग़र्स की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है.

काठमांडू से दिल्ली जा रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814, को 24 दिसंबर, 1999 को पांच पाकिस्तानी आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था जिसमें 176 यात्री सवार थे. अफ़ग़ानिस्तान के कंधार में उतरने से पहले इसे कई जगहों पर ले जाया गया था. घेराबंदी सात दिन बाद खत्म हुई जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने अपहरणकर्ताओं की मांगों को थोड़ा-बहुत स्वीकार कर लिया और यात्रियों के बदले जेल में बंद तीन आतंकवादियों – मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा कर दिया. नेटफ्लिक्स सीरीज इन्हीं घटनाओं पर आधारित है.

राईटविंग इन्फ्लुएंसर ऋषि बागरी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया कि अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज़ में आतंकियों के नाम भोला और शंकर रखना सिनेमाई ‘वाइटवॉशिंग’ के बराबर है. इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक इनके ट्वीट को 16 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 16 हज़ार से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने एक्स पर वेब सीरीज का एक पोस्टर शेयर किया और लिखा: इस्लामी आतंकवाद को कैसे खत्म किया जाए?! IC 814 के आतंकी: इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सईद सनी अहमद, क़ाज़ी जहूर मिस्त्री शाकिर. अनुभव सिन्हा के मुताबिक, IC 814 के आतंकी: भोला, शंकर, बर्गर और डॉक्टर थे. नेटफ्लिक्स के लिए शर्मनाक.

शशांक शेखर झा के ट्वीट को 7 हज़ार से ज़्यादा एक्स यूज़र्स ने रिट्वीट किया जिसमें वो खुद भी शामिल थे.

राईटविंग इन्फ्लुएंसर रौशन सिन्हा, (@MrSinha_) ने एक ट्वीट में लिखा, “… कम्युनिस्ट जोकर अनुभव सिन्हा ने इस पर आधारित एक फ़िल्म बनाई और आतंकवादियों का नाम भोला और शंकर रखा. दोनों का नाम भगवान महादेव के नाम पर रखा गया, ताकि हिंदू धर्म को बदनाम किया जा सके.”

यही दावा X पर कई अन्य यूज़र्स ने किया. कुछ यूज़र्स ने अनुभव सिन्हा पर व्यंग्यात्मक कटाक्ष किया. इनमें अरुण पुदुर (@arunpudur), केदार (@shintre_kedar), कश्मीरी हिंदू (@BattaKashmiri), द जयपुर डायलॉग्स (@JaipurDialogues), समीर (@BesuraTaansane), कौशिक (@imkhimansh23), रश्मि सामंत (@RashmiDVS), आरोही त्रिपाठी (@aarohi_vns), रोहित (@_rohithverse) और अन्य शामिल हैं.

इनमें से कई ट्वीट्स को 5 हज़ार से भी ज़्यादा रीट्वीट मिले जिससे ये दावा वायरल हो गया. X पर ‘#BoycottNetflixIndia’ और ‘#BoycottNetflix’ ट्रेंड करने लगे.

कुछ मीडिया आउटलेट्स ने भी रिपोर्ट किया कि वेब सीरीज के निर्माताओं को आतंकियों के ‘भोला’ और ‘शंकर’ का नाम रखने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इनमें फ्री प्रेस जर्नल, मिड-डे और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया शामिल हैं. रिपब्लिक ने एक आर्टिकल में दावा किया कि वेब सीरीज में आतंकवादियों की पहचान बदल दी गई है. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

हमने IC 814 हाईजैक के बारे में गूगल पर न्यूज़ रिपोर्ट चेक की जिससे हमें कई आर्टिकल मिले. इन रिपोर्ट्स में उल्लेख किया गया था कि आतंकियों में से दो ने भोला और शंकर नाम का कोड इस्तेमाल किया था. भोपाल के एक कपल जो दुर्भाग्यपूर्ण रूप से उस फ्लाइट में मौजूद थे, उनके बारे में टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट कुछ यूं शुरू होती है, “बर्गर, डॉक्टर, चीफ, भोला और शंकर… ये नाम अभी भी दुर्गेश और रेणु गोयल को बुरे सपने दिखाते हैं.” 24 दिसंबर, 2020 को पब्लिश्ड इस रिपोर्ट का टाइटल था, ‘21 इयर्स ऑन, कंधार हाईजैक स्टील हॉन्ट्स भोपाल कपल’. 

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “घटना की भयावहता का वर्णन करते हुए गोयल ने कहा, “भोला और बर्गर यात्रियों को मारते थे, जबकि डॉक्टर और चीफ़ अधिकारियों से बात करते थे.”

नेपाल टाइम्स की एक अन्य रिपोर्ट में यात्रियों में से एक, संजय धीतल ने कहा, “पांचों आतंकियों के नाम कोडेड थे: मैनेजर, शंकर, भोला, बर्गर और डॉक्टर.” ये रिपोर्ट 31 दिसंबर, 2019 को पब्लिश रिमेम्बरिंग IC814 टाइटल के साथ पब्लिश हुई थी.

हमें फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें विशेष रूप से ज़िक्र किया गया है कि हर आतंकियों ने ऑपरेशन के दौरान एक कोड नाम का इस्तेमाल किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों में से चार के नाम और कोड नाम इस तरह थे:

पांचवां आतंकी इब्राहिम अतहर था.

कोड नामों के इस्तेमाल की पुष्टि IC 814 के फ़्लाइट इंजीनियर अनिल K जगिया ने भी की है, जिन्होंने 2021 में पूरे प्रकरण के दौरान अपने अनुभव को बताते हुए एक किताब लिखी थी: IC 814 हाईजैक: द इनसाइड स्टोरी. नीचे इसका अंश देखा जा सकता है:

की-वर्डस सर्च से हमने देखा कि इस घटना के एक हफ्ते बाद केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा जारी एक बयान भी सामने आया था. इसमें कहा गया है कि चार गिरफ़्तार हरकत-उल-अंसार हाईजैकर्स से पूछताछ में आतंकियों के नाम सामने आए. इसके बाद इसमें आगे कहा गया है,

“इन हाईजैकर्स द्वारा बताए गए आतंकी हैं:

इब्राहिम अतहर, बहावलपुर
शाहिद अख्तर सईद, गुलशन इकबाल, कराची
सनी अहमद काजी, डिफेंस एरिया, कराची
मिस्त्री जहूर इब्राहिम, अख्तर कॉलोनी, कराची
शाकिर, सुक्कुर शहर

हाईजैक वाली जगह के यात्रियों के लिए ये आतंकी क्रमशः (1) चीफ, (2) डॉक्टर, (3) बर्गर, (4) भोला और (5) शंकर के नाम से जाने जाते थे. ये वे नाम थे जिनसे आतंकी हमेशा एक-दूसरे को संबोधित करते थे.”

इन आतंकियों की असली पहचान आधिकारिक तौर पर कब सामने आई?

6 जनवरी, 2000 को. यही वो दिन है जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपरोक्त बयान जारी किया था. इस बयान की शुरुआत होती है, “पाकिस्तान के ऑपरेशन हाईजैक का पीछा कर रहे सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हुए, मुंबई पुलिस ने मुंबई में स्थित चार ISI हाईजैकर्स को पकड़ा है जो इंडियन एयरलाइंस के विमान के पांच आतंकियों के लिए सहायता सेल का हिस्सा थे.

गिरफ़्तार किए गए चार ऑपररेटर्स में मोहम्मद रेहान, मोहम्मद इकबाल, यासुफ़ नेपाली, अब्दुल लतीफ शामिल हैं. इन चारों से पूछताछ में पुष्टि हुई है कि IC हाईजैक हरकत-उल-अंसार की सहायता से अंज़ाम दिया गया एक ISI ऑपरेशन था और इसके अलावा सभी पांच अपहरणकर्ता पाकिस्तानी हैं.”

ट्रिब्यून ने उसी दिन (6 जनवरी) रिपोर्ट किया, “केन्द्रीय गृह मंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि रिहा किये गये आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर के भाई सहित पांच अपहरणकर्ताओं की पहचान हो गयी है…”

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “अपहरण संकट के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री आडवाणी ने कहा कि पांच अपहरणकर्ताओं की पहचान बहावलपुर के इब्राहिम अख्तर उर्फ ​​अथर, कराची के गुलशन इकबाल निवासी शाहिद अख्तर सईद, कराची के डिफेंस एरिया निवासी सनी अहमद काजी, कराची के अख्तर कॉलोनी निवासी मिस्त्री जहूर इब्राहिम और सुक्कुर शहर के शाकिर के रूप में की गई है. मौलाना अजहर के भाई के रूप में पहचाने जाने वाले इब्राहिम को “चीफ़”, सईद को “डॉक्टर”, काजी को “बर्गर”, इब्राहिम को “भोला” और शाकिर को “शंकर” के नाम से जाना जाता था, ये वे नाम थे जिनका इस्तेमाल अपहरणकर्ता विमान पर एक-दूसरे को संबोधित करने के लिए करते थे.” ब्रिगेडियर समीर भट्टाचार्य की 2014 में आई किताब नथिंग बट! भी इसकी पुष्टि करती है. नीचे इसका अंश देखा जा सकता है.

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि वेब सीरीज में सिर्फ 31 दिसंबर को बंधकों की रिहाई तक के घटनाक्रम को ही दिखाया गया है.

कुल मिलाकर, कोड नाम ‘भोला’ और ‘शंकर’ असल में IC 814 अपहरणकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए थे और इन्हें वेब सीरीज के निर्माताओं द्वारा नहीं बनाया गया था. इसलिए, राईटविंगर्स का ये दावा कि हिंदू नामों का इस्तेमाल निर्माताओं ने अपराध को छिपाने के लिए किया था, पूरी तरह से बेबुनियाद है.

कुल मिलाकर, वेब सीरीज के निर्माताओं द्वारा अपहरणकर्ताओं का नाम ‘भोला’ और ‘शंकर’ रखने के बारे में बताई गई खबरें भ्रामक हैं. और रिपब्लिक के आर्टिकल में एक कदम आगे जाकर ये झूठ बताया गया है कि सीरीज में अपहरणकर्ताओं की पहचान बदल दी गई थी.

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About the Author

Indradeep, a journalist with over 10 years' experience in print and digital media, is a Senior Editor at Alt News. Earlier, he has worked with The Times of India and The Wire. Politics and literature are among his areas of interest.