भाजपा महिला मोर्चा की सोशल मीडिया इन-चार्ज प्रीति गांधी ने दो तस्वीरें शेयर कीं. पहली तस्वीर अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट की थी और उन्होंने दूसरी तस्वीर मुंबई की मीठी नदी की बतायी. उन्होंने ये जताने की कोशिश की कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा मीठी नदी की विकास परियोजना पर हज़ार करोड़ से भी ज़्यादा खर्च किये जाने के बाद उसकी हालत बदतर है.

ये तुलना ट्विटर और फ़ेसबुक दोनों जगह ख़ूब वायरल है. कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने प्रीति गांधी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

प्रीति गांधी ने जिसे अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट की तस्वीर बताया, वो वहीं की है. रिवरफ़्रंट की आधिकारिक वेबसाइट पर भी ये तस्वीर देखी जा सकती है. दूसरी तस्वीर का साधारण सा रिवर्स इमेज सर्च हमें एक आर्टिकल तक पहुंचाता है जिसमें तस्वीर का क्रेडिट गेटी इमेजेज़ को दिया गया है. हमें ये तस्वीर गेटी के ही प्लेटफ़ॉर्म iStock पर मिली. साथ में दी गयी जानकारी के मुताबिक, ये तस्वीर 2008 में फ़िलीपींस के मनिला में ली गयी थी.

द इंडियन एक्सप्रेस ने 2019 में एक रिपोर्ट में बताया था कि मीठी नदी की हालत सुधारने और बाढ़ पर काबू पाने के लिए 2006 में मीठी रिवर डेवलपमेंट ऐंड प्रोटेक्शन अथॉरिटी (MRDPA) का गठन किया गया था. इसका मकसद मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) और BMC के बीच परियोजना को लेकर समन्वय स्थापित करना था. लेकिन 2013 से लेकर अबतक इस समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है. एक RTI के ज़रिये पता चला था कि MRDPA और BMC दोनों ने मीठी नदी के विकास और सफ़ाई परियाजनाओं पर अबतक 1,200 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च दिए हैं.

फ़्रंटलाइन के मुताबिक, इस साल BMC ने दहिसर, पोइसर और ओशिवारा (वालभाट) नदियों के लिए सुधार एवं सौन्दर्यीकरण परियोजनाओं के लिए 1,400 करोड़ का बजट रखा है. रिपोर्ट में कहा गया, “मीठी नदी को वरीयता इसलिए दी जा रही है क्योंकि इस नदी को बहुत बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है. इसके लिए 569.52 करोड़ रुपये का अलग बजट रखा गया है.”

मीठी नदी की शोचनीय स्थिति की तस्वीरें मौजूद भी हैं.

लेकिन जो तस्वीर प्रीति गांधी ने शेयर की वो फ़िलिपींस की है.


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