सोशल मीडिया पर एक पेट्रोल पंप के बिल की तस्वीर वायरल है. तस्वीर में बिल के नीचे लिखा है – “अगर आप पेट्रोल के दाम कम करना चाहते हैं तो मोदी को दुबारा वोट न दें, मुलाकात के लिए शुक्रिया”. बिल पर पेट्रोल पंप का नाम ‘साई बालाजी पेट्रोलियम HPL डीलर विखरोली (वेस्ट) मुंबई’ लिखा है. ये तस्वीर शेयर करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. फ़ेसबुक यूज़र कमलेश कुमार पांडे ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “देख लीजिए मोदी जी को हराने के लिए कैसा सडयंत्र रचा जा रहा था!”. (आर्काइव लिंक)
देख लीजिए मोदी जी को हराने के लिए कैसा सडयंत्र रचा जा रहा था!🤔
Posted by Kamlesh Kumar Pandey on Sunday, 27 June 2021
फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है.
व्हाट्सऐप पर भी ये तस्वीर इसी दावे के साथ शेयर की जा रही है. ऑल्ट न्यूज़ के मोबाइल ऐप पर इस तस्वीर की सच्चाई जानने के कुछ रीक्वेस्ट भी आयी हैं.
ये तस्वीर अक्टूबर 2018 से सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है.
Posted by Save The Constitution on Thursday, 11 October 2018
फ़ैक्ट-चेक
बिल पर लिखी जानकारियों के बारे में सर्च करते हुए ऑल्ट न्यूज़ को ऐसी बातें मालूम हुईं जो इस बिल के फ़र्ज़ी होने की ओर इशारा करती हैं.
सबसे पहले, ये तस्वीर असली बिल की है ही नहीं. बिल पर ‘साई बालाजी पेट्रोलियम HPL डीलर विखरोली (वेस्ट) मुंबई’ लिखा हुआ है. हमने ढूंढा तो मालूम पड़ा कि मुंबई में इस नाम का कोई पेट्रोल पंप नहीं है.
इसके अलावा, बिल पर HPL लिखा है लेकिन भारत में HPL नाम की कोई पेट्रोल सप्लाई करने वाली कंपनी नहीं है. भारत में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी है जिसका शॉर्ट फ़ॉर्म HPCL होता है.
आगे, बिल को गौर से देखने पर शब्दों और अंकों के फ़ॉन्ट और अलाइनमेंट में गड़बड़ी दिखती हैं. नीचे तस्वीर में इन गलतियों को रेखांकित किया गया है.
इसके अलावा, बिल पर लिखी तारीख 4 अक्टूबर 2018 है. यानी, अगर ये बिल असली भी होता, तो भी हाल का नहीं होता. 2018 में महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार थी. उस वक़्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस.इस लिहाज़ से भाजपा समर्थकों का मौजूदा महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधना ग़लत है.
इस बिल के फ़र्ज़ी होने की बात और भी कई फ़ैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स ने बताई हैं जिसमें बूमलाइव, द लाजिकल इंडियन और सोशल मीडिया होक्स स्लेयर शामिल हैं.
इन रिपोर्ट्स में एक सैम्पल बिल की तस्वीर शेयर की गई है. इस सैम्पल बिल की वेबसाइट फ़िलहाल उपलब्ध नहीं है. सैम्पल बिल और वायरल बिल में काफ़ी समानताएं देखने को मिलती हैं जैसे कि पेट्रोल पंप का नाम, पता, गाड़ी का नंबर, कस्टमर का नाम.
यानी, पेट्रोल पंप के एक सैम्पल बिल को एडिट कर हाल में शेयर किया गया. इस बिल के ज़रिए ये दावा किया गया कि महाराष्ट्र में पेट्रोल पंप लोगों से मोदी को वोट नहीं देने की अपील कर रहा है.
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