एक साल से थोड़े पहले की बात है, 7 मई, 2017 का दिन था, उस दिन टीवी चैनलों के न्यूज़ रूम में गहमा गहमी थी। आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उन्हें सत्येंद्र जैन से 2 करोड़ रुपये लेते देखा। फिर टीवी चैनलों के बीच केजरीवाल और आप पर बेलगाम हमला शुरू करने की होड़ लग गयी। एक स्वघोषित भ्रष्टाचार के विरोधी पर भ्रष्टाचार के आरोप का अंतहीन मीडिया कवरेज और उसे आरोपी साबित करने की होड़ एंकरों की बहसो में देखी गईं। अब एक साल बाद, टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसकी सूचना दी है कि “सीबीआई ने शिकायत के आधार पर केजरीवाल के खिलाफ जांच की थी लेकिन इसमें कोई तथ्य नहीं मिले; इसलिए औपचारिक जांच शुरू नहीं हुई। सीबीआई की पूछताछ के आधार पर, लोकायुक्त ने भी मामला बंद कर दिया है।” एक अन्य रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली के लोकायुक्त ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम जांच से हटा दिया है, लेकिन अभी तक मामला बंद नहीं हुआ है और सीबीआई ने कहा है कि उसने कभी भी प्रारंभिक जांच शुरू ही नहीं की थी। ऑल्ट न्यूज़ आपको दोनों घटनाओं के टीवी मीडिया कवरेज का विश्लेषण दिखा रहा है – ‘आरोप’ और सीबीआई द्वारा बाद में दी गयी ‘क्लीन चिट’।
“आरोपों” पर कवरेज
रिपब्लिक टीवी
रिपब्लिक टीवी 6 मई को लॉन्च हुआ था, और 7 मई को कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ यह आरोप लगाया था। ऐसे मौके पर अर्नब गोस्वामी का अपने उत्साह को नियंत्रित कर पाना बेहद ही मुश्किल था। उन्होंने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उनके चैनल ने सिर्फ एकतरफा आरोपों के आधार पर #IsKejriCorrupt और #ArvindGate जैसे हैंशटैग को दिन-रात चलाया। वे चाहते थे कि केजरीवाल इस्तीफा दें और यहां तक कि रिपब्लिक टीवी ने इस मुद्दे पर एक ऑनलाइन मतदान भी चलाया।
Arvind Kejriwal silent on Kapil Mishra’s bribe charges. #IsKejriCorrupt pic.twitter.com/Iu3UmMI5oI
— Republic (@republic) May 7, 2017
Shouldn’t Arvind Kejriwal resign after corruption allegations? #IsKejriCorrupt
— Republic (@republic) May 7, 2017
रिपब्लिक टीवी की टीम, अरविंद केजरीवाल की हर गतिविधियों को ट्रैक करने में व्यस्त रहे और बड़े उल्लास पूर्वक ट्वीट करते रहे।
Republic TV crew tracking Arvind Kejriwal live right now, as he makes his way to an event #Arvindgate
— Republic (@republic) May 8, 2017
इस न्यूज के महीनों बाद तक, रिपब्लिक टीवी ने कपिल मिश्रा को कवर करना जारी रखा था और #AAPDonationgate, #AAPSundayDrama and #KejriCorruptionCharge, #KejriCorruptionCharge जैसे कई हैशटैग चलाते रहे।
टाइम्स नाउ
आरोपों पर टाइम्स नाउ का कवरेज भी रिपब्लिक टीवी के जैसा ही चला। आप और केजरीवाल चैनल के पसंदीदा TRP बढ़ाने वाले मुद्दे देखे गए और उन्होंने #आप_के_टुकडे, #AAPKaSach, #AAPKaGhotala, #KejriKaKalaSach and #KejriwalKiSafai जैसे हैशटैग खूब चलाए।
टाइम्स नाउ ने “सबसे बड़ा आरोप” लगाते हुए यह कहा कि देश जानना चाहता है कि क्या केजरीवाल ने रिश्वत ली थी?
रिपब्लिक टीवी की तरह, टाइम्स नाउ ने भी यह न्यूज़ चलाई कि “क्या केजरीवाल अब इस्तीफा देंगे”?
अगले कुछ महीनों तक टाइम्स नाउ न्यूज़ चैनल ने भी कपिल मिश्रा को बहस में बुलाना जारी रखा, जिसमें #KejriwalCheatedDelhi and #AAPKaKyaHoga जैसे हैशटैग खूब चलाए गए।
इंडिया टुडे
कपिल मिश्रा के आरोपों का इंडिया टुडे ने भी व्यापक कवरेज किया। हालांकि उनके कवरेज में रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ जैसा हो हल्ला नहीं दिखा, लेकिन चैनल ने ऑनलाइन मतदान द्वारा लोगों से पूछा कि क्या वे इन आरोपों पर विश्वास करते हैं।
Do you believe there is any truth in charges levelled by Kapil Mishra against Kejriwal?
— India Today (@IndiaToday) May 8, 2017
अकेले सिर्फ एक दिन में 7 मई को, इस मुद्दे पर चैनल ने 18 बार ट्वीट किया था। इंडिया टुडे के मुताबिक, यह एक #KejriBribeBomb था जो फूट गया।
सीएनएन न्यूज़ 18
“2 करोड़ डोनेशन घोटाला” सीएनएन न्यूज 18 पर भी ब्रेकिंग खबर था। चैनल ने पूरे मुद्दे को व्यापक रूप से कवर किया लेकिन उनका हैशटैग #HeatOnAAP निष्पक्ष था।
एनडीटीवी
एनडीटीवी का कवरेज भी व्यापक था लेकिन बिना किसी सनसनीखेज हैशटैग के। हालांकि चैनल ने न केजरीवाल के इस्तीफे की बात की और न कोई हो हल्ले वाली बहस की, लेकिन कपिल मिश्रा काफी दिनों तक चैनल की हेडलाइंस में बने रहे।
‘Absurd. There Are No Facts,’ Says AAP On Kapil Mishra’s Allegations https://t.co/FdyyxcZsMs #NDTVNewsBeeps pic.twitter.com/jv6zoopTCE
— NDTV (@ndtv) May 7, 2017
हिंदी चैनल
ज़ी न्यूज ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपने कार्यक्रम DNA में चलाया कि, “क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे अरविंद केजरीवाल भ्रष्ट हो गए?”
WATCH #DNA: Kapil Mishra alleges corruption against Arvind Kejriwalhttps://t.co/5CHNks75ud@sudhirchaudhary
— Zee News (@ZeeNews) May 8, 2017
आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने इस कवरेज पर सभी चैनलों के कवरेज का एक कोलाज बनाया है, जिसे हम यहां पुन: पेश कर रहे हैं। आरोप लगने के बाद पार्टी पर हिंदी समाचार चैनलों द्वारा लगातार हमला किया गया। यह एक प्रकार से मीडिया ट्रायल जैसा था – इस्तेमाल की जाने वाली शब्दावली अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाने वाले थे, न्यूज़ एंकर कटाक्ष करते हुए न्यूज़ पढ़ रहे थे और ऐसा प्रतीत हो रहा था की न्यूज़ एंकरों ने तो सीबीआई जांच से पहले ही केजरीवाल को दोषी ठहराए जाने का फैसला सुना दिया था।
“क्लीन चिट” का कवरेज
<इस भाग को जानबूझकर खाली छोड़ दिया गया है क्योंकि अब तक किसी भी समाचार चैनल ने केजरीवाल को क्लीन चिट मिलने के बारे में कोई भी अपडेट या ट्वीट नहीं किया है।>
उपरोक्त सारांश टीवी समाचार चैनलों द्वारा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ रिश्वत के आरोपों पर उनका एकतरफा पक्षपातपूर्ण रवैया उजागर करता है। कुछ चैनलों को छोड़कर, दूसरों ने केजरीवाल को दोषी ठहराते हुए एकतरफा हेडलाइंस और हैशटैग चलाये। एक चैनल ने पूछा की ‘देश जानना चाहता है’, अरविन्द केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए जबकि उस चैनल ने सिर्फ उन आरोपों के आधार पर इस्तीफा माँगा जिनकी तब तक कोई जांच नहीं की गई थी और ना ही उस समय उसकी पुष्टि की जा सकती थी। अब एक साल बाद जब आरोपों को साबित नहीं किया गया है और “क्लीन चिट” के बारे में मिली-जुली खबरे है, तो क्या देश को अब सच जानने का अधिकार नहीं हैं?
अनुवाद: चन्द्र भूषण झा के सौजन्य से
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.