19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए। देश भर में लोग सड़कों पर उतरे। अधिकांश राज्यों में पुलिस ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया और धारा 144 लगा दी। बेंगलुरु, कर्नाटक के प्रदर्शनकारियों में इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी थे, जिन्हें कई अन्य लोगों के साथ पुलिस ने हिरासत में लिया था। गुहा को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब प्रसारित हुआ। कुछ ने इसे इस दावे के साथ प्रसारित किया कि एक पुलिस ने उन्हें मुक्का मारने की धमकी दी थी।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया, “क्या यह पुलिसवाला अपनी मुक्के से @Ram_Guha को मारने की धमकी दे रहा है?” –(अनुवाद)

पत्रकार फे डीसूजा ने ऐसी ही पंक्तियों के साथ ट्वीट किया, “पुलिस वाले ने मुक्का साधा… .. #बंगलौर।” यह ट्वीट अब डिलीट कर लिया गया है। (आर्काइव)

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वास्तव में, कई अन्य पत्रकारों ने भी यही दावा किया जैसे- रितुपर्णा चटर्जी, रूपा सुब्रमण्य, सैकत दत्ता और अमोल राजन

DMK की आईटी-शाखा के डिप्टी सेक्रेटरी इसाई ने ट्वीट किया, @Ram_Guha को मुक्का मारने को तैयार पुलिस।”

एक अन्य उपयोगकर्ता मो. आसिफ खान और इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल ने ऐसे ही दावे किए। (आर्काइव)

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दृश्य विश्लेषण

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो का विश्लेषण किया और पाया कि CAA-विरोध प्रदर्शन के दौरान इतिहासकार रामचंद्र गुहा को एक पुलिसकर्मी द्वारा मुक्का मारने की धमकी देने का दावा झूठा है। हालांकि, सामान्य गति से वीडियो देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस वाला मुट्ठी बांध रहा था, लेकिन धीमी गति से चलाए हुए इसी वीडियो के दूसरे संस्करण से पता चलता है कि उसका हाथ सीने पर अपनी वर्दी की जेब तक पहुंच रहा था।

नीचे दी गई क्लिप मूल क्लिप से 16 गुना धीमी है।

इसके अलावा, ठीक उस क्षण का एक स्क्रीनग्रैब जब पुलिस वाले ने हाथ उठाया था, उससे साफ पता चलता है कि उसका हाथ अपने सीने की जेब के पास है। यहाँ, हम यह भी देख सकते हैं कि उसकी उंगलियाँ मुट्ठी नहीं बना रही हैं।

इस प्रकार, हालांकि पुलिसकर्मियों द्वारा रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने का वीडियो दृश्य धारणा देता है कि एक पुलिस वाले ने उन्हें हिरासत में लेने के समय मुट्ठी बनाई थी, लेकिन वास्तव में उस पुलिसकर्मी का हाथ अपने सीने पर वर्दी की जेब तक पहुंच रहा था।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.