एक अस्पताल का CCTV फ़ुटेज व्हाट्सऐप पर वायरल है जिसमें अस्पताल के स्टाफ़ के लोग एक मरीज़ को परदे के पीछे मार रहे हैं. इस वीडियो को ये कहते हुए शेयर किया जा रहा है कि सरकार कोरोना वायरस के नाम पर अस्पतालों से मरीज़ों को मारने के लिए कह रही है. ये क्लिप व्हाट्सऐप पर बेंगलुरू के ऑक्सफ़ोर्ड अस्पताल की बताकर वायरल है.

[सूचना : वीडियो में हिंसा दिखती है. अपने विवेक का इस्तेमाल करें.]

ये क्लिप अंग्रेज़ी और कन्नड़ा ऑडियो के साथ शेयर की जा रही है. अंग्रेज़ी ऑडियो क्लिप में बताया गया है – “बेंगलुरू के बैनरघाट के अन्नेका में ऑक्सफ़ोर्ड नामका एक अस्पताल है. वहां पर कोरोना की शंका में लोग सर्जरी या किसी भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के लिए भर्ती होते हैं… उन्हें कोई इलाज नहीं मिलता है और मार दिया जाता है. उनके मरने के बाद, सरकार अस्पताल को पैसे देती हैं… तकरीबन 5 से 7 लाख. तो हररोज़, ये लोग 5 से 7 लोगों की हत्या कर देते हैं. लेकीन किसी तरह छुपे कैमरा से या किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बना लिया और ये वायरल हो गया.”

कन्नड़ा ऑडियो के मुताबिक, “इस वीडियो को शेयर करें! इस वीडियो के बाद, हमें नहीं पता कि हमें डॉक्टर को भगवान कहना चाहिए या राक्षस. प्लीज़ इस वीडियो को देखें और अपने दोस्तों को शेयर करें….वो लोग कोरोना के नाम पर मरीज़ों को मार रहे हैं….उन्हें वेन्टीलेटर पर रखने के बाद 4-5 दिनों में मार देते हैं….प्लीज़ इस वीडियो को सबके साथ शेयर करें.”

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल व्हाट्सऐप नंबर (76000 11160) पर इस वीडियो की जांच के लिए कई रीक्वेस्ट आई हैं. रीडर्स किसी भी संदेहपूर्ण जानकारी की जांच के लिए हमारी मोबाइल ऐप पर रीक्वेस्ट भेज सकते हैं. (Android, iOS)

इसके अलावा, 30 सेकंड का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर इसी दावे के साथ वायरल है. वीडियो की शुरुआत में मास्क पहनी महिला ‘न्यूज़ फ़र्स्ट कन्नड़ा’ को बयान देती हुई दिखती है. वो कहती है, “हर रोज़ 7 लोग मर रहे हैं….या उन्हें मारा जा रहा है! वो मर नहीं रहे हैं, उन्हें मारा जा रहा है. प्लीज़ जल्दी कोई कारवाई कीजिए. [फिर वो रोने लगती है] प्लीज़ लोगों को बचाइए! मैंने अपने पिता को खो दिया है.” इस वीडियो के बाद एक और वीडियो प्ले होता है जिसमें अस्पताल के बेड पर एक शख्स मरीज़ का गला दबाते हुए दिखता है. इसके बाद, परदे के पीछे अस्पताल के स्टाफ़ के लोगों द्वारा मरीज़ की पिटाई का वीडियो चलता है.

 

फ़ैक्ट-चेक

पहला वीडियो

हमने वीडियो में स्क्रीन के कॉर्नर पर “पटियाला, पंजाब” लिखा हुआ देखा.

अगस्त 2020 में द ट्रिब्यून ने इस घटना के बारे में खबर पब्लिश की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइम अस्पताल के स्टाफ़ मेम्बर्स गुरदीप सिंह और मोहम्मद राहुल को 21 अगस्त के रोज़ डिप्रेशन से पीड़ित मरीज़ की पिटाई करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित व्यक्ति अपनी मां की मौत के बाद डिप्रेशन में चला गया था जिस कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों को IPC की धारा 323 और 342 के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

इस तरह, पटियाला का पुराना वीडियो हाल में इस झूठे दावे से शेयर किया गया कि कोरोना महामारी के चलते सरकार से पैसा लेने के लिए अस्पताल मरीज़ों की हत्या कर रहा है.

दूसरा वीडियो

मास्क पहनी महिला का इंटरव्यू 22 अप्रैल को ‘न्यूज़ फ़र्स्ट कन्नड़ा’ पर चलाया गया था. ये वीडियो बेंगलुरू के ऑक्सफ़ोर्ड अस्पताल का है. नीचे वीडियो में महिला का बयान 2 मिनट 40 सेकंड पर शुरू होता है. वायरल वीडियो वाला हिस्सा इस वीडियो में 3 मिनट 58 सेकंड से शुरू होता है. ये महिला अपने पिता की मृत्यु को लेकर सदमे में थी और उनकी मौत के लिए अस्पताल को ज़िम्मेदार बता रही थी.

तीसरा वीडियो

अस्पताल के बेड पर मरीज़ का गला घोंटने वाले व्यक्ति के वीडियो की जांच ऑल्ट न्यूज़ पिछले साल ही कर चुका है. ये वीडियो बांग्लादेश का है. ये वीडियो इसी दावे के साथ बांग्लादेश में भी शेयर किया गया था. हमने अपनी जांच में पाया था कि ये व्यक्ति अपने बीमार पिता का गला दबाकर मारने की कोशिश कर रहा था. लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया था कि ये व्यक्ति अपने बीमार पिता को ज़बरदस्ती दवाई पिलाने की कोशिश कर रहा था.


हरियाणा के करनाल में हो रही वेब सीरीज़ की शूटिंग के दृश्य को लोगों ने असली घटना बताकर शेयर किया :

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.