एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि मास्क पहने एक व्यक्ति एक मरीज़ का दम घोंट रहा है. फ़ेसबुक पर डॉक्टर शिवपूजन माथुर नाम के यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा है, “लोगो को मारा गया जिससे कोरोना मरीज़ के आंकड़े बड़े ताकि हॉस्पिटल को भी पैसा मिले”. इस पोस्ट को लगभग 800 बार शेयर किया जा चुका है.

बेहद ख़ौफ़नाक वीडियो सामने आई किस तरह लोगो को मारा गया जिससे कोरोना मरीज़ के आंकड़े बड़े ताकि हॉस्पिटल को भी पैसा मिले। ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक पहुचाये ताकि इनपे सख्त कार्यवाही हो

Posted by Drshiv Poojan Mathur on Monday, 18 May 2020

एम पटेल पाटीदार ने यही वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया है. बिलाल सरकार के अकाउंट से यह वीडियो 18,000 से ज़्यादा बार शेयर हुआ है, हालांकि इस यूज़र ने अलग मेसेज के साथ इसे शेयर किया है, “पता नहीं ये वीडियो कहाँ का है? लेकिन कोरोना कि आड़ में बहुत बड़ी साजिश हो रही है!”

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉयड एप्लिकेशन पर कई लोगों ने इसका फ़ैक्ट-चेक करने की रिक्वेस्ट की है.

फ़ैक्ट-चेक

हमने गूगल, ट्विटर पर हिंदी और अंग्रेजी के कई कीवर्ड्स से सर्च करना चाहा मगर हमें कोई सफ़लता हाथ नहीं लगी. अक्सर वायरल हो रहे वीडियोज़ बांग्लादेश के भी निकलते हैं. इसबात को ध्यान में रखते हुए हमने ट्विटर पर बांग्ला में कीवर्ड ‘শ্বাসরোধ,’ यानी घुटन (Suffocation) सर्च किया. यहां से हमें 19 मई 2020 का एक ट्वीट मिला जिसमें वीडियो से सम्बंधित ख़बर का लिंक था. रिपोर्ट बांग्लादेश के sokalersongbad.com पर थी जिसमें लिखा था कि दो लोगों में झगड़े के बाद 21 अप्रैल 2020 को हॉस्पिटल के बेड पर मंसूर मुल्ला नाम के बुज़ुर्ग का गला घोंट दिया गया. अगले दिन उसकी मौत हो गई. यह घटना बांग्लादेश के बोलमारी में फ़रीदपुर के दादपुर में हुई थी.

हालांकि, हमने पाया कि इस रिपोर्ट में कहीं भी इस वीडियो का ज़िक्र नहीं था. असल में वीडियो इस घटना का मालूम ही नहीं देता है.

कुछ और सर्च करने पर हम dhakatimes24.com में 22 अप्रैल को छपी ख़बर पर पहुंचे. इस ख़बर के मुताबिक बोलमारी पुलिस ऑफ़िसर इंचार्ज अमीनुर रहमान ने बताया कि दादपुर गांव के अबू बकर के बेटे फ़ज़ल और किबरिया मुल्ला के बेटे सुलेमान मुल्ला में झगड़ा हो गया. ये झगड़ा मंगलवार, 21 अप्रैल को क्रिकेट खेलने के दौरान हुआ. इसके बाद रात में फ़ज़ल खान के लोगों ने चेलामन मुल्ला के लोगों पर हमला कर दिया. इस झगड़े को शांत कराने के चक्कर में पड़ोसी मंसूर मुल्ला के सिर में चोट लग गई. उनको फ़रीदपुर के हॉस्पिटल में ले जाया गया. इलाज के दौरान रात के एक बजे उनकी मौत हो गई. मसूर मुल्ला की मौत की असली वजह मालूम पड़ गयी मगर अभी भी ये नहीं मालूम पड़ा कि इस वीडियो का सोर्स क्या है.

यहां से हमें फ़ेसबुक पर ‘ভিডিও মনসুর মোল্লা’ (वीडियो मंसूर मुल्ला) सर्च करने पर हमें हसन मोइला का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला. हसन ढाका, बांग्लादेश में रहते हैं. उन्होंने 18 मई को लिखा कि मंसूर मुल्ला की घटना के साथ यह ग़लत वीडियो शेयर किया जा रहा है. उन्होंने मुल्ला की चोटों की तस्वीरें शेयर कीं और लिखा कि वीडियो में दिख रहे शख्स की ऐसी चोटें नहीं हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि मुल्ला के चेहरे पर घनी दाढ़ी थी जो उनके गले को ढके हुए थी, वीडियो में दिख रहे शख्स की दाढ़ी नहीं है. (तस्वीरें विचलित करने वाली हैं.)

এই একটি ভিডিও মানুষের মনে নানান রকম প্রশ্ন জন্ম দিয়েছে,
ভিডিওতে দেখা যাচ্ছে একজন মানুষ আরেকজন মানুষকে গলাটিপে হত্যা…

Posted by Hasan Molla on Monday, 18 May 2020

हसन मुल्ला के पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट में लिंक शेयर किए हैं जहां वीडियो पूरी तरह अलग सन्दर्भ में शेयर किया गया है.

14 मई को सिलहट, बांग्लादेश में रहने वाले राजेश सरकार ने वीडियो शेयर किया और लिखा कि इसमें एक बेटा अपने पिता का गला दबाते दिख रहा है. वीडियो पर slynewsbd.com का लोगो लगा हुआ है. वेबसाइट ने इसी कहानी के साथ वीडियो शेयर किया है.

 

কতটা উগ্রতা আর নির্দয় হলে একজন সন্তান তার পিতাকে এইরকম করতে পারে 😪
আর যে ভিডিওটা করেছে হে কত বড় কুলাঙ্গারের বাচ্চা।
বাবা অসুস্থ হাসপাতালে ভর্তি ছেলে বাবাকে হাসপাতালের বেডে গলা টিপে হত্যার চেষ্টা।
ফেইসবুকে ভাইরাল হওয়া ভিডিও।

Posted by Rajesh Sarkar on Thursday, 14 May 2020

बांग्लादेश में ये वीडियो बेटे द्वारा बीमार पिता का गला दबाने की घटना बताकर वायरल है. वहीं बांग्लादेश के ही एक यूट्यूबर के मुताबिक बेटा अपने बीमार पिता को ज़बरदस्ती दवा खिलाने की कोशिश कर रहा है.

वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो दिखता भी है कि इस वीडियो में गला नहीं दबाया जा रहा है. गला दबाने के लिए हाथों को गले तक पहुंचना चाहिए जबकि इस वीडियो में हाथ सिर्फ़ बुज़ुर्ग व्यक्ति के मुंह तक जा रहे हैं. इससे ज़बरदस्ती दवा खिलाने की बात सच साबित होती दिखती है. मगर एक बात जो हर दावे में कॉमन है वो ये है कि ये वीडियो बांग्लादेश का है.

बांग्लादेश के सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ और उसे देश के कई मीडिया संस्थानों ने ग़लत दावों के साथ पब्लिश किया. वही वीडियो अब भारतीय सोशल मीडिया में इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि कोरोना वायरस से मौतों का आंकड़ा बढ़ाने के लिए मरीज़ों को मारा जा रहा है.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.