कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है. साथ ही दावा किया जा रहा है कि वो पुलिस को ये निर्देश दे रहे हैं कि गायों को बचाने वाले लोगों को जेल में डाल देना है. मीटिंग में लोग कन्नड़ में बातचीत कर रहे थे. कई लोगों ने ज़िक्र किया कि ये प्रियांक खड़गे का हिंदू विरोधी रुख है. क्योंकि इससे गोहत्या को बढ़ावा मिलेगा और मंत्री का ‘आदेश’ दक्षिणी राज्य में अघोषित आपातकाल की तरह है.
बीजेपी कर्नाटक के ऑफ़िशियल ट्विटर अकाउंट ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए कैप्शन में ये ज़िक्र किया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 48 में विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों की हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया है. प्रियांक खड़गे अपने पॉवर का ग़लत इस्तेमाल करते हुए गोहत्या को बढ़ावा दे रहे हैं. और पुलिस पर उन लोगों को गिरफ़्तार करने का दबाव डाल रहे हैं जिन्होंने इस कत्लेआम का विरोध किया. (आर्काइव)
Article 48 of the Indian Constitution clearly prohibits the slaughter of animals, particularly in public spaces.
However, @PriyankKharge is abusing his power by not only promoting illegal cow slaughter but also pressuring police officials to arrest anyone who opposes it.
The… pic.twitter.com/7N66Q8jOBh
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) June 25, 2023
बीजेपी आंध्र प्रदेश के राज्य महासचिव विष्णु वर्धन रेड्डी ने भी इसी तरह के दावे के साथ ये क्लिप ट्वीट की. (आर्काइव लिंक)
Karnataka is already in an undeclared emergency. Just take a look at the words of Congress minister Mr @PriyankKharge, who is threatening people by saying, ‘If you try to save cows, we’ll put you in jail.’
This is the real anti-hindu face of Congress. Previously, they were… pic.twitter.com/4S46gESct1— Vishnu Vardhan Reddy (@SVishnuReddy) June 25, 2023
कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी ये वीडियो ऐसे ही दावों के साथ ट्वीट किया. उदाहरण के लिए ट्विटर हैन्डल ‘@MitaVamsiBJP‘, और ‘@Aish17aer‘.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने नोटिस किया कि वायरल वीडियो पर कन्नड़ न्यूज़ चैनल ‘न्यूज़ फ़र्स्ट’ का वॉटरमार्क है. हमें उनके यूट्यूब चैनल पर पूरा वीडियो मिला. वायरल क्लिप, इस वीडियो में 29 सेकेंड से कट किया गया है जिसके बाद मिनिस्टर अपने शुरुआती बयान के संदर्भ में आगे की बात रखते हैं.
इसके अलावा, की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें 21 जून को पब्लिश कन्नड़ दैनिक वर्था भारती की न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रियांक खड़गे ने विशेष रूप से तीन चीजों का ज़िक्र किया था.
1. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सोशल मीडिया पर ग़लत सूचना फ़ैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
2. सांप्रदायिक तनाव को रोकने की जरूरत पर जोर दिया.
3. उन्होंने कहा कि ‘गौ रक्षक’ होने का दावा करने वाले और हिंसा भड़काने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों को गिरफ़्तार करके उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
वार्ता भारती के यूट्यूब चैनल पर हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्ज़न मिला जिसे एक अलग एंगल से शूट किया गया था. कन्नड़ में लिखे वीडियो के टाइटल का हिंदी अनुवाद है: “सांप्रदायिक जहर बोने वालों पर रोक लगाया जाना चाहिए: प्रियांक खड़गे.”
वीडियो में 18 सेकेंड पर वो बकरीद के बारे में बात करते हुए पुलिस को निर्देश देते हैं. हमने वीडियो के उस हिस्से का कन्नड़ से हिंदी में अनुवाद किया. “अब बकरीद आ रही है.. कानून के अनुसार, सभी PSI और DSP कृपया सुनें.. जो लोग गौ रक्षा करते हैं, कहते हैं कि हम इस दल से हैं, उस दल से हैं… वो नहीं जानते कि किसान कितना संघर्ष कर रहे हैं. अगर कोई शॉल ओढ़कर कहे कि हम इस दल या संगठन से हैं और कानून अपने हाथ में लें तो उसे लात मारकर और सलाखों के पीछे डाल दो. कानून बहुत साफ़ है. लाइवस्टॉक वाले सभी ट्रांसपोर्टेशन चाहे वो शहर की सीमा के भीतर हो या ग्रामीण क्षेत्रों में, यदि उनके पास परमिशन और डाक्यूमेंट्स हैं, तो उनके उत्पीड़न को रोकना है. क्या आप उन्हें (गौरक्षकों को) अपना काम देकर पुलिस स्टेशन में बैठेंगे? ये नया उत्पीड़न पिछली सरकार के दौरान शुरू हुआ है. पिछली बार गुलबर्गा में ये लोग घरों में गए थे, किसानों के जानवर उठा लाए थे. कानून के मुताबिक काम करें. अगर कोई कानून अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कोई अवैध रूप से जानवरों की तस्करी कर रहा है, चाहे वो लाइवस्टॉक हो या कोई अन्य जानवर, उसे सलाखों के पीछे डालें. इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए. लेकिन सभी परमिशन होने के बाद भी अगर किसी को परेशान किया जाता है, तो आप उनसे पूछिए कि वो (गौ रक्षक गुंडे) कौन होते हैं उनसे सवाल पूछने वाले?”
A lot of Right Wing trolls are seen sharing clipped video. Here’s what Priyank Kharge said to Karnataka Police Cow Vigilante goons.
“Now Bakrid is coming up.. According to the law, All PSIs and DSPs please listen.. People who do cow vigilantism, saying we are from this dal, that… pic.twitter.com/z3I6jn5a0H— Mohammed Zubair (@zoo_bear) June 25, 2023
यानी, ये साफ है कि प्रियांक खड़गे ने संबोधन करते हुए पुलिस से उन गौरक्षकों के खिलाफ सख्त और कानूनी कार्रवाई करने को कहा जो खुद को किसी संगठन से होने का दावा करके कानून अपने हाथ में लेते हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास लाइवस्टॉक परिवहन की परमिशन और जरूरी डॉक्यूमेंट्स हैं तो पुलिस को उनका उत्पीड़न रोकना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई अवैध रूप से पशुओं की तस्करी कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
हमने देखा कि प्रियांक खड़गे ने भी इस मामले पर ट्वीट करते हुए बताया कि कैसे उनके भाषण का ग़लत मतलब निकाला गया. बीजेपी कर्नाटक के ट्वीट को कोट-ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “डिअर @बीजेपी4कर्नाटक, आपकी उस एजेंसी को बर्खास्त करने का समय आ गया है जो पार्टी का ट्विटर हैंडल संभाल रही है. स्पष्टतः वो कन्नड़ नहीं समझते, संविधान को समझना तो दूर की बात है. क्या भाजपा ये कहना चाह रही है कि गौरक्षकता लीगल है और किसी भी प्रकार के गौरक्षकों को कानून तोड़ने के लिए बढ़ावा देना चाहिए? कोशिश कर लो दोस्तों, कर्नाटक सरकार तुम्हें संविधान की ताकत भी दिखाएगी.”
Dear @BJP4Karnataka , time to fire your agency who is handling the party’s twitter handle . Clearly they don’t understand Kannada, forget understanding the Constitution.
Is BJP suggesting cow vigilantism is legal & the vigilantes of any kind should be encouraged to break the… https://t.co/hqwBonWYKQ
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) June 25, 2023
कुल मिलाकर, बीजेपी कर्नाटक और बीजेपी नेताओं का ये दावा ग़लत है कि प्रियांक खड़गे ने गौहत्या को बढ़ावा दिया. कांग्रेस नेता ने पुलिस से ये सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी गौरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में न ले और सांप्रदायिक तनाव पैदा न करे.
राईट विंग प्रोपगंडा वेबसाइट ऑपइंडिया ने इस मुद्दे पर एक आर्टिकल पब्लिश किया जिसका टाइटल और सब-टाइटल, दोनों भ्रामक हैं. टाइटल में कहा गया, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे ने पुलिस को कर्नाटक में ‘गौरक्षकों’ को लात मारने का निर्देश दिया…”, और सब-टाइटल में कहा गया, “प्रियांक खड़गे ने कहा था, “जो लोग शॉल पहनते हैं, वो कानून अपने हाथ में लेते हैं और कहते हैं वो इस दल (बजरंग दल) से हैं, उन्हें लात मारकर सलाखों के पीछे डालो.” वहीं दूसरे पैराग्राफ़ में ये जरूरी संदर्भ बताया गया है कि प्रियांक खड़गे ने पुलिस से उन मामलों में कार्रवाई करने के लिए कहा जहां था, “लीगल डाक्यूमेंट्स होने के बावजूद मवेशियों के परिवहन में बाधा उत्पन्न की जा रही है.” मिनिस्टर ने ये कहा था कि अगर कोई अवैध रूप से जानवरों की तस्करी कर रहा है तो उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए, इस बात का ‘रिपोर्ट’ में ज़िक्र नहीं किया गया था. (आर्टिकल का आर्काइव लिंक)
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