रविवार, 15 दिसंबर 2024 की रात को भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एक पोस्ट किया कि तबला वादक ज़ाकिर हुसैन नहीं रहें. चंद मिनटों में ही न्यूज़ एजेंसियां ​​और मीडिया आउटलेट्स न्यूज़ पब्लिश करने और संवेदना व्यक्त करने लगे.

न्यूज़ एजेंसी ANI ने भी मंत्रालय की पोस्ट को तुरंत ही शेयर किया. वहीं दूरदर्शन न्यूज़ ने भी ज़ाकिर हुसैन के निधन को लेकर रिपोर्ट पब्लिश की.

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द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द हिंदू, इकोनॉमिक टाइम्स, ज़ी न्यूज़, इंडिया टुडे, डेक्कन हेराल्ड, NDTV, टाइम्स नाउ, न्यूज़ 18 और रिपब्लिक सहित मेनस्ट्रीम मीडिया चैनल्स ने इसे ज्यों का त्यों पब्लिश किया.

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ये ख़बरें उनके सोशल मीडिया हैंडल पर भी दिखीं. हालांकि, उनमें से कई लोग पोस्ट करने के कुछ ही मिनटों के भीतर अपनी बात से पलट गए. पता चला कि इन ख़बरों को बिना पूरी तरह से जांचे-परखे समय से पहले ही पब्लिश कर दिया गया था.

फ़ैक्ट-चेक

इससे पहले रविवार (15 दिसंबर) को कई मीडिया आउटलेट्स ने उनके प्रबंधक, दोस्तों और परिवार का हवाला देते हुए बताया था कि विश्व प्रसिद्ध संगीतकार ज़ाकिर हुसैन को हृदय संबंधी कुछ समस्याओं के कारण सैन फ्रांसिस्को में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसके उलट, उनकी कथित मौत की रिपोर्ट्स में साफ तौर पर किसी सोर्स का ज़िक्र नहीं है. प्रकाशनों ने इसके लिए या तो सोशल मीडिया अपडेट या अन्य मीडिया रिपोर्ट्स को ज़िम्मेदार ठहराया. ऑल्ट न्यूज़ ने जितनी भी रिपोर्ट्स देखीं उनमें से किसी भी रिपोर्ट में परिवार या अस्पताल के बयान का ज़िक्र नहीं है. इनमें से कई रिपोर्ट हटा दी गई हैं या अपडेट कर दी गई हैं.

X यूज़र अमीर औलिया (@AmeerAlia) की एक पोस्ट ने ज़ाकिर हुसैन के स्वास्थ्य के बारे में बताया गया है और उनके मौत की खबर को गलत बताया गया था. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ज़ाकिर हुसैन के लिए एक शोक संदेश के जवाब में अमीर औलिया ने पोस्ट किया कि ये झूठी जानकारी थी.

अमीर औलिया के मुताबिक, वो ज़ाकिर हुसैन के भतीजे हैं, उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनके चाचा का निधन नहीं हुआ है.

एक और पोस्ट में अमीर औलिया कहते हैं कि ज़ाकिर हुसैन गंभीर रूप से बीमार जरूर हैं, पर वो अभी जिंदा हैं.

हमें इसी यूज़रनेम वाला एक इंस्टाग्राम अकाउंट भी मिला जिसे ज़ाकिर हुसैन के भाई तौफ़ीक कुरेशी और ज़ाकिर हुसैन की बेटियां बेला और अनीसा कुरेशी फ़ॉलो करते हैं.

15 दिसंबर की शाम को जाकिर हुसैन की मौत के बारे में ग़लत सूचना शुरू होने से कुछ घंटे पहले, अमीर औलिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से तबला वादक के साथ अपनी माँ (जो ज़ाकिर हुसैन की बड़ी बहन हैं) की एक तस्वीर पोस्ट की थी. कैप्शन में उन्होंने अपने चाचा की सलामती की कामना की और उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की.

 

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ज़ाकिर हुसैन की मौत की ख़बर को ग़लत बताने वाली अमीर औलिया की पोस्ट के बाद, न्यूज़ आउटलेट्स के साथ-साथ MIB ने भी X पोस्ट्स हटा दिए. ANI ने असली MIB पोस्ट के स्क्रीनशॉट के साथ एक स्पष्टीकरण भी जारी किया कि वो जाकिर हुसैन के निधन की ख़बर को हटा रहे हैं क्योंकि मंत्रालय ने इसे भी हटा दिया है और इसे “परिवार, अस्पताल (जहां ऐसी ख़बरें हैं कि उनका स्वास्थ्य परीक्षण चल रहा है) या सैन फ्रांसिस्को कोंसुलेट से आधिकारिक पुष्टि” के बाद ही अपडेट किया जाएगा.

इस बीच, समाचार प्रकाशन मिड-डे से बात करते हुए, ज़ाकिर हुसैन की बहन खुर्शीद औलिया (अमीर औलिया की माँ) ने बताया कि उनकी मौत की ख़बरें झूठी हैं. उन्होंने कहा, “वो बिल्कुल जिंदा हैं, लेकिन उनकी हालत बहुत ही गंभीर है.” उन्होंने कहा कि हुसैन की पत्नी ने कहा था कि बयान तभी जारी किया जाएगा जब उनकी स्थिति में कुछ बदलाव जाएग़ा या उनकी मौत हो जाएगी. “हम लोगों से इस कठिन समय में उनके लिए प्रार्थना करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि वो दुनिया में मशहूर और प्रतिभाशाली हैं. वो मेरे भाई है.”

ज़ाकिर हुसैन का निधन 15 दिसंबर नहीं 16 दिसंबर को हुआ था

हालांकि, ज़ाकिर हुसैन की मृत्यु 16 दिसंबर 2024 को सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में हुई थी. उनके निधन का कारण इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण हुई जटिलता है. उनके परिवार ने बताया कि वो 73 साल के थे. अमेरिका के सार्वजनिक प्रसारण संगठन नेशनल पब्लिक रेडियो ने 16 दिसंबर को सुबह 6 बजे इस घटना के बारे में आर्टिकल पब्लिश किया और ज़ाकिर हुसैन की मृत्यु की खबर दी थी. गौर करें कि ज़ाकिर हुसैन के निधन से पहले ही उनकी मृत्यु की खबर मीडिया संगठनों ने चलाई. उनकी मौत 15 दिसंबर को नहीं 16 दिसंबर को हुई थी. 

गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब भारतीय मीडिया ने वेरिफ़ाई किए बिना किसी प्रतिष्ठित व्यक्तित्व की मौत की झूठी ख़बरें पब्लिश की हैं. ऐसा पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के मामले में भी हुआ था. ऑल्ट न्यूज़ ने दोनों मामलों में समाचार प्रकाशनों द्वारा ग़लत सूचना की पड़ताल की थी.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.