बीजेपी एमएलए टी. राजा सिंह फिर से खबरों में है। इस बार उन्होंने फिल्म ‘पद्मावती’ लगाने वाले थियेटरों में आग लगाने की धमकी दी है। कुछ महीने पहले उन्होंने राम मंदिर का विरोध करने वाले लोगों का सिर कलम करने की धमकी दी थी। और कुछ महीनों पहले वह बीफ फेस्‍ट के मुद्दे पर मरने-मारने पर उतारू थे। और उससे भी कुछ महीनों पहले… यह लंबी सूची है। हिंसा की धमकी देने के अलावा, नफरत पैदा करने वाले भाषण और साप्रंदायिक बयान देने के लिए राजा सिंह को जाना जाता है और वह यही काम लगातार करते है। वर्ष 2014 से हैदराबाद में गोशमल निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी एमएलए, राजा सिंह बीजेपी तेलंगाना राज्‍य गौ रक्षा के संयोजक भी है।

आइए कुछ ऐसी घटनाओं पर नजर डालते हैं जिनकी वजह से वह सुर्खियों में बने रहते हैं।

मौजूदा समय से शुरू करते हैं:

1. 6 नवंबर, 2017 को राजा सिंह फिल्म ‘पद्मावती’ से जुड़े विवाद के केंद्र में आ गए जब उन्होंने फिल्‍म लगाने वाले थियेटरों को जलाने की धमकी दी।

2. इस साल जुलाई में, पश्चिम बंगाल में हिंसा भड़कने पर, बीजेपी एमएलए राजा सिंह ने जहर उगला वह चाहते थे कि गुजरात की तरह हिन्‍दू वहाँ भी जवाब दें।

3. मई में हैदराबाद के पुराने शहर को ‘मिनी पाकिस्‍तान’ कहने के लिए उनके खिलाफ पुलिस रिपोर्ट लिखाई गई थी।

4. मई में ही उन्होंने कश्‍मीरी मुसलमानों को ‘गद्दार’ कहा और उनके व्‍यापार का बहिष्कार करने के लिए कहा।

5. अप्रैल में वह वंदेमातरम विवाद में कूद पड़े जिसे जब-तब ‘राष्‍ट्रवादियों’ द्वारा उभारा जाता है और उन्होंने घोषणा की कि भारत में उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है जो वंदेमारतम नहीं गाते हैं।

6. अप्रैल में भी उन्होंमे राम मंदिर का विरोध करने वाले लोगों का सिर कलम करने की भी धमकी दी थी।

उन्होंने कहा कि वह राम मंदिर के लिए मरने और मारने तक के लिए तैयार है और इस धमकी के लिए भी उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

7. मार्च में, उन्होंने केरल के मुख्‍यमंत्री, पिनाराई विजयन को हिन्‍दुओं को हत्‍यारा कहा था और हैदराबाद में उनकी बैठक में अव्‍यवस्‍था फैलाने की धमकी दी थी।

8. अब वर्ष 2016 पर आते हैं, अगस्‍त 2016 में जब पूरे देश ने उना कांड पर हैरानी और दुख जाहिर किया तो सिंह ने उना में दलितों की पिटाई का समर्थन किया। उनका मानना था कि गौरक्षकों ने गंदे दलितों को एक जरूरी सबक सिखाया है।

9. फरवरी, 2016 में, उनके खिलाफ फिर से नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्‍पीच) के लिए शिकायत दर्ज कराई गई

10. दिसंबर 2015 में, वह मरने या मारने पर उतारू हो गये। इस बार वह उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी में बीफ फेस्‍ट के मुद्दे पर भड़के थे। उन्होंने कहा ,”हम उन्‍हें चेतावनी देते हैं कि तेलंगाना में भी दादरी जैसी घटना हो सकती है। हम गाय की रक्षा करने के लिए अपनी जान दे भी सकते हैं और ले भी सकते हैं। (अनुवाद)” उन्हें नजरबंद करके रखा गया क्‍योंकि उन्होंने उस्‍मानिया बीफ फेस्टिवल में तोड़-फोड़ मचाने की धमकी दी थी।

11. सितंबर 2015 में, नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए एक और केस उनके खिलाफ दर्ज किया गया। यह घृणास्पद भाषण अगस्‍त महीने में नई दिल्‍ली में हिन्‍दू युवा संघ की बैठक में उन्होंने दिया था और सितंबर में यूट्यूब पर श्री राम चैनल पर अपलोड किया था। इस शिकायत में आरोप लगाए गए कि, ”उन्होंने उपस्थित लोगों को एक खास अल्‍पसंख्‍यक समुदाय यानी मुसलमानों पर घुसपैठ और चढ़ाई करने के लिए भड़काया; और झूठा दावा किया कि मुसलमानों के पवित्र और प्रतिष्ठित स्‍थान ‘काबा’ में असल में हिन्दू देवता शिव की मूर्ति रखी है।”

उनके खिलाफ दर्ज किए गए कई मुकदमों के बावजूद, राजा सिंह के खिलाफ न तो उनकी पार्टी ने कोई कार्रवाई की है और न स्थानीय पुलिस ने। बीजेपी तेलंगाना वेबसाइट पर नजर डालने से ज्ञात होता है कि वह तेलंगाना में पार्टी व्हिप के तौर पर पार्टी के पदाधिकारी भी है। ‘व्हिप’ राजनीतिक पार्टी में वह पद होता है जिसे इसके सदस्‍यों में संसदीय अनुशासन बनाए रखने के लिए बनाया जाता है, खास तौर पर बहस के दौरान उपस्थिति और वोट देना सुनिश्चित कराने के उद्देश्‍य से यह पद महत्‍व रखता है।

पुलिस को राजा सिंह पर मुकदमा चलाने के लिए राज्‍य सरकार की अनुमति चाहिए क्‍योंकि वह विधानसभा के वर्तमान सदस्‍य है। जुलाई 2017 में, तेलंगाना के कानूनी विभाग ने एक सरकारी आदेश जारी किया जिसमें वर्ष 2013 के नफरत वाले भाषण के केस में बीजेपी एमएलए राजा सिंह पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई। एक दिन बाद उन्होंने अधिकारियों को चुनौती दी, ”तुम मेरे ऊपर मुकदमे कर सकते हो, मुझे कोई दिक्‍कत नहीं है। कांग्रेस सरकार के समय मेरी ‘गौ रक्षा’ गतिविधियों के लिए मेरे ऊपर 50 से ज्‍़यादा मुकदमे दर्ज किए गए। फिर भी मैं ‘गौ रक्षा’ का काम जारी रखूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने हिन्‍दू भाइयों और अपने देश की सेवा करता रहूंगा।”

यह चार महीने पहले की बात थी। ऐसा लगता है कि इस सरकारी आदेश का राजा सिंह पर कोई असर नहीं पड़ा। वह उतनी ही उग्रता के साथ बातें लगातार कर रहे है और उन्होंने अब फिल्‍म की स्‍क्रीनिंग के मुद्दे पर थियेटरों को आग लगाने की धमकी दी है। क्‍या बीजेपी को राजा सिंह के कामों और भाषणों से कोई दिक्‍कत नहीं है? क्‍या उन्‍होंने अपने एमएलए के खिलाफ कोई अनुशासनिक कार्यवाही शुरू की है? ऐसा व्‍यक्ति अभी भी पार्टी में क्‍यों है जो कानून का लगातार उल्‍लंघन करता रहता है?

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