“शिक्षा से मैं एक अंग्रेज हूँ, विचार से अंतर्राष्ट्रीयतावादी, संस्कृति से मुसलमान और हिंदू केवल जन्म से – जवाहरलाल नेहरू।” भारत के पहले प्रधानमंत्री के नाम से यह बयान 19 नवंबर, 2018 को डेक्कन क्रॉनिकल (Deccan Chronicle) के हैदराबाद संस्करण द्वारा छापा गया था।
यह वक्तव्य अखबार के पेज 12 में सबसे ऊपर छपा था। इस वक्तव्य का इस्तेमाल नेहरू के कई टिप्पणीकारों द्वारा कई बार किया गया है। उम्मीद है कि हिंदुओं और हिंदू धर्म के लिए नेहरू की उदासीनता की आलोचना करने वाले नेहरू-गांधी परिवार के राजनीतिक विरोधी भी इस कथित वक्तव्य को समझ गए होंगे। हालांकि इस मामले में तथ्य यह है कि जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा बयान कभी नहीं दिया था।
असल में हिन्दू महासभा के नेता का है यह वक्तव्य
ऑल्ट न्यूज ने एक लेख में पहले ही यह बताया था कि नेहरू के नाम मढ़ा गया यह बयान झूठा है। ये शब्द पहली बार 1959 में हिंदू महासभा नेता और जवाहरलाल नेहरू के कठोर आलोचक एन बी खरे के लेख ‘द एंग्री एरिस्टोक्रेट’ (The Angry Aristocrat) में सामने आए थे। यह आलेख, नेहरू पर आई ‘नेहरू का अध्ययन’ (A Study of Nehru) नामक किताब का हिस्सा था, जिसमें कई राजनीतिक व्यक्तित्वों की टिप्पणियां थीं।
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दिलचस्प बात यह है कि खरे ने अपने लेख में दावा किया था कि यह नेहरू ही थे जिन्होंने अपनी आत्मकथा में ऐसा वर्णित किया था कि खुद को हिंदू केवल कारणवश कहते थे, लेकिन संस्कृति से मुस्लिम और शिक्षा से अंग्रेज होने का दावा किया था।
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जवाहरलाल नेहरू की आत्मकथा में ऑल्ट न्यूज़ को इस कथन का कोई संदर्भ नहीं मिला। यह एन बी खरे थे जिन्होंने खुद पहली बार नेहरू के नाम से इस कथित टिप्पणी का संदर्भ दिया था। नेहरू के लिए प्रसिद्ध बना यह उद्धरण एक किंवदंती बन गया है, जो सबके द्वारा उपयोग किया जाता है, और डेक्कन क्रॉनिकल भी कोई अपवाद नहीं है। ऐसा लगता है कि इसका कोई मतलब ही नहीं कि नेहरू ने अपने बारे में कभी इन शब्दों को लिखा या कहा, इसका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
ऑल्ट न्यूज़ के लेख के बाद डेक्कन क्रॉनिकल ने अपने 25 नवम्बर के हैदराबाद संस्करण में खेद जाहिर करते हुए स्पष्ट किया कि यह दावा हिंदू महासभा के नेता एन बी खरे ने किया था।
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