सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर (SI) को शहर के इंद्रलोक इलाके में सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे लोगों को लात मारते और पीटते हुए दिखाया गयदेखा जा सकता है. इस वीडियो पर लोगों ने काफ़ी आक्रोश जताया है. SI, मनोज कुमार तोमर को सस्पेंड कर दिया गया और घटना की जांच शुरू की गई. साथ ही स्थानीय लोगों ने विरोध में सड़क जाम कर दिया जिसके बाद वहां अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया.

स्थानीय लोगों ने अपने फ़ोन से उस पुलिसकर्मी की वो हरकत रिकॉर्ड की जो नमाज़ पढ़ने के लिए सड़क पर इकट्ठा हुए लोगों को धक्के और लात से मार रहा था. ये लोग दोपहर करीब दो बजे इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन के पास जमा हुए थे. वीडियो में पुलिसकर्मी को नमाज़ के लिए इस्तेमाल की चटाई पर पैर रखते हुए देखा जा सकता है. साथ ही वो लोगों पर चिल्लाकर वो जगह छोड़ने को कहता हुए दिख रहा है.

वीडियो के वायरल होने के बाद, कई राईट विंग अकाउंट ने ये दावा करना शुरू कर दिया कि इलाके में नमाज़ पढ़ रहे लोगों में से एक ने बुर्का पहन रखा था. ये दावा इस सुझाव के मकसद से किया गया कि बुर्का पहने व्यक्ति का कोई भयानक मकसद भी हो सकता है.

ट्विटर यूज़र अभिजीत मजूमदार ने 34 सेकंड की एक क्लिप ट्वीट करते हुए पूछा कि क्या 16 सेकंड पर काले कपड़े पहने एक व्यक्ति ने बुर्का पहना था. (इनके बायो में लिखा है कि ये एक पत्रकार हैं) (आर्काइव)

ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी कई बार अभिजीत मजूमदार द्वारा शेयर किए गए सांप्रदायिक ग़लत सूचनाओं की पड़ताल की है. यहां वो फैक्ट चेक स्टोरीज देखी जा सकती हैं.

राईटविंग इन्फ्लुएंसर @MrSinha_ ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया कि एक आदमी को बुर्का पहने देखा गया था. (आर्काइव)

एक अन्य प्रमुख राईटविंग इन्फ्लुएंसर, @MeghUpdates ने भी यही दावा ट्वीट किया. (आर्काइव)

@MrSinha_ और @MughUpdates दोनों को कई बार सांप्रदायिक ग़लत सूचनाएं शेयर करते हुए पाया गया है. इससे संबंधित ऑल्ट न्यूज़ की रिपोर्ट यहां और यहां पढ़ी जा सकती हैं.

कई अन्य लोगों ने भी यही दावा ट्वीट किया. (आर्काइव्स- 1234)

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल हो रहे वीडियो के लंबे वर्जन को एक्सेस किया.

इस वीडियो में लगभग 11 सेकेंड पर, एक आदमी को काला कपड़ा पहने देखा जा सकता है. शायद उसने एक काले रंग की हुडी, गहरे रंग की पैंट और एक काली टोपी पहनी थी. ये भी देखा जा सकता है कि अपने फ़ोन को देखते हुए उसने गहरे रंग का कपड़ा भी हाथ में पकड़ रखा है.

30 सेकेंड पर, उस व्यक्ति को कैमरे की ओर पीठ करके किसी अन्य व्यक्ति से बात करते हुए देखा जा सकता है. इस पॉइंट पर हुडी और स्कलकैप साफ तौर पर दिखाई दे रहा है.

वायरल वीडियो के संबंधित फ़्रेम्स को ध्यान से देखने पर हुडी यहां भी दिखता है. इसके अलावा, कपड़े का वो टुकड़ा जो वो अपनी हाथ में पकड़ था, अब उसके सिर के ऊपर रखा दिखता है. उसके एक हाथ में फ़ोन है और दूसरे हाथ से उसने वो कपड़ा पकड़ा हुआ है.

हटाए जाने से पहले बहुत सारे नमाज़ी को वीडियो की शुरुआत में अपना प्रैअर मैट लिए देखा जा सकता है. वीडियो में दिख रहा शख्स भी शायद यही कर रहा हो. इसके अलावा वो अपने सिर को ढकने के लिए एक कपड़े का टुकड़ा भी हाथ में लिए दिखता है. स्पष्ट तौर पर ये जगजाहिर है कि बुर्का ऐसे नहीं पहनी जाती.

यानी, वायरल वीडियो में जिस शख्स को बुर्का पहनकर आया बताकर निशाना बनाया जा रहा था वो असल में बुर्का नहीं पहना था. लंबा वीडियो देखने से साफ हो जाता है कि वो शख्स वक काली टोपी, काली हुडी और हाथ में एक काले कपड़े का टुकड़ा लिए था. जब वो बाकि भिड़ के साथ पुलिसकर्मी के करीब था वो कपड़े का टुकड़ा उसके सिर पर था.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.